Human Metapneumovirus: भारत में मिले एचएमपीवी के दो मामले, कितना खतरनाक है यह

Authored By: स्मिता

Published On: Monday, January 6, 2025

Last Updated On: Monday, January 6, 2025

Human Metapneumovirus: Kya Bharat ke liye Covid-19 jitna khatarnaak hai HMPV?
Human Metapneumovirus: Kya Bharat ke liye Covid-19 jitna khatarnaak hai HMPV?

HMPV: जब से चीन में एक नए वायरस एचएमपीवी के आउटबर्स्ट की खबरें आई हैं, तब से हम भारतीय दहशत में हैं। जानते हैं कि क्या यह वायरस Covid-19 की तरह है और क्या यह भारत के लिए खतरनाक है।

Authored By: स्मिता

Last Updated On: Monday, January 6, 2025

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने कर्नाटक में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के दो मामलों की पहचान की है। दोनों मामलों का पता ICMR द्वारा कई श्वसन वायरल रोगजनकों की निगरानी के लिए की गई नियमित निगरानी के माध्यम से लगाया गया था। वास्तव में सोशल मीडिया से लेकर मेनस्ट्रीम मीडिया तक, सभी जगह एचएमपीवी (Human Metapneumovirus or HMPV) से संबंधित खबरें ही हैं। कोरोना की तरह इसका भी आउटबर्स्ट चीन में होने के कारण सभी कयास लगा रहे हैं कि यह कोविड-19 (COVID 19) से मिलता-जुलता हो सकता है। जब से एचएमपीवी की खबरें सामने आई है, तब से भारत में भी इसके प्रति सतर्कता बढ़ गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी लोगों से इस वायरस ( (Human Metapneumovirus) के प्रति सावधानी बरतने का आग्रह किया है।

क्या है एचएमपीवी (Human Metapneumovirus or HMPV)

ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) कोई नया वायरस नहीं है। अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार इसे पहली बार 2000 के दशक की शुरुआत में खोजा गया था। ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) एक सामान्य श्वसन वायरस है, जो निचले और ऊपरी श्वसन संक्रमण का कारण बनता है। यह एक मौसमी बीमारी है, जो आमतौर पर सर्दियों में होती है। यह रेस्पिरेटरी सिन्सिटियल वायरस (RSV) और फ्लू के समान है। HMPV RSV के साथ न्यूमोविरिडे परिवार का सदस्य है।

भारत के लिए कितना खतरनाक HMPV (HMPV status in India)

स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने कर्नाटक में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के दो मामलों की पहचान की है। हाल में देश में श्वसन संबंधी प्रकोपों के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया था। 2024 के आंकड़ों में ऐसी कोई बड़ी वृद्धि नहीं देखी गई है। सर्दियों में श्वसन संक्रमण का प्रकोप बढ़ना आम बात है। इसके बावजूद भारत के अस्पताल आवश्यक आपूर्ति और बिस्तरों के साथ पूरी तरह तैयार हैं। लोगों से सामान्य सावधानी बरतने का आग्रह जरूर किया गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय अपने सभी उपलब्ध चैनलों के माध्यम से चीन में स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) से भी स्थिति के बारे में अपडेट करने का अनुरोध किया गया है।

क्या है चीन में स्थिति (HMPV in China)

चीन के विदेश मंत्रालय के अनुसार, सर्दियों में श्वसन संक्रमण चरम पर होता है। पिछले साल की तुलना में इस साल श्वसन संबंधी बीमारियां कम गंभीर और कम पैमाने पर फैली हैं। चीनी सरकार चीन में चीनी नागरिकों और विदेशियों के स्वास्थ्य की परवाह करती है। चीन में यात्रा करना सुरक्षित है।

COVID-19 वायरस के समान है HMPV के लक्षण (HMPV Symptoms)

कोरोनावायरस या COVID-19 एक संक्रामक रोग है, जो SARS-CoV-2 वायरस के कारण होता है। HMPV वायरस और SARS-CoV-2 वायरस कुछ मायनों में समान हैं।

  • दोनों वायरस श्वसन रोग का कारण बनते हैं। कमज़ोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों, बच्चों और को सबसे ज़्यादा जोखिम होने की संभावना है।
  • HMPV और COVID-19 वायरस से जुड़े लक्षणों में खांसी, बुखार, नाक बंद होना और सांस में तकलीफ़ शामिल हैं।
  • दोनों वायरस खांसने और छींकने से स्राव और नज़दीकी व्यक्तिगत संपर्क के ज़रिए संक्रमित व्यक्ति से दूसरों में फैलते हैं।

एचएमपीवी का उपचार (HMPV Treatment)

सर्दी-खांसी (Cold –Cough) और बुखार (Fever) के लिए जो उपचार किए जाते हैं, इसमें भी वही उपाय किए जाते हैं। वर्तमान में एचएमपीवी का कोई टीका नहीं है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइज़ेशन की वेबसाइट (World Health Organization Website) पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, हर किसी को एचएमपीवी से बचाव ((HMPV Prevention) के लिए कुछ उपाय रोजमर्रा के उपयोग में जरूर लाना चाहिए। व्यक्ति को कम से कम 15-20 सेकंड तक साबुन और पानी से हाथ धोना चाहिए। बिना धुले हाथों से आंख, नाक या मुंह को छूने से बचना चाहिए। बीमार लोगों के साथ निकट संपर्क से बचें। जिन मरीजों को सर्दी-जुकाम जैसे लक्षण हैं, उन्हें खांसते और छींकते समय अपना मुंह और नाक ढकना चाहिए। दूसरों के साथ कोई भी सामान शेयर करने से बचें।

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About the Author: स्मिता
स्मिता धर्म-अध्यात्म, संस्कृति-साहित्य, और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर शोधपरक और प्रभावशाली पत्रकारिता में एक विशिष्ट नाम हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में उनका लंबा अनुभव समसामयिक और जटिल विषयों को सरल और नए दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत करने में उनकी दक्षता को उजागर करता है। धर्म और आध्यात्मिकता के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और साहित्य के विविध पहलुओं को समझने और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने में उन्होंने विशेषज्ञता हासिल की है। स्वास्थ्य, जीवनशैली, और समाज से जुड़े मुद्दों पर उनके लेख सटीक और उपयोगी जानकारी प्रदान करते हैं। उनकी लेखनी गहराई से शोध पर आधारित होती है और पाठकों से सहजता से जुड़ने का अनोखा कौशल रखती है।
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