Non Alcoholic Fatty Liver Disease and Liver cancer : खराब जीवनशैली और शुगर-फैट वाले भोजन बन रहे नॉन अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज और लिवर कैंसर के लिए जिम्मेदार

Non Alcoholic Fatty Liver Disease and Liver cancer : खराब जीवनशैली और शुगर-फैट वाले भोजन बन रहे नॉन अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज और लिवर कैंसर के लिए जिम्मेदार

Authored By: स्मिता

Published On: Saturday, September 28, 2024

Last Updated On: Saturday, September 28, 2024

non alcoholic fatty liver disease and liver cancer
non alcoholic fatty liver disease and liver cancer

ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में प्रकाशित शोध के निष्कर्ष बताते हैं कि बहुत अधिक वसा और चीनी वाले फ़ूड और नॉन-अल्कोहल फैटी लीवर रोग के विकास के बीच एक कड़ी है। शोध में लीवर की बीमारी के लिए फैटी फ़ूड से प्रेरित माइक्रोबियल और मेटाबोलिक योगदानकर्ताओं की पहचान की गई।

Authored By: स्मिता

Last Updated On: Saturday, September 28, 2024

सभी अंगों के साथ-साथ लिवर को तंदुरुस्त रखना जरूरी है। लिवर को स्वस्थ रखने में आहार और जीवनशैली महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। कुछ शोध बताते हैं कि यदि हमारा शरीर कम एक्टिविटी करता है और हमारे भोजन में आर्टिफीशियल शुगर और फैट अधिक हैं, तो यह नॉन अल्कोहलिक फैटी लिवरडिजीज को बढ़ावा देता है। बाद में यह लिवर कैंसर का कारण (Non Alcoholic Fatty Liver Disease and Liver cancer) भी बन सकता है।

नॉन-अल्कोहल फैटी लीवर डिजीज और कैंसर के कारण (Non Alcoholic Fatty Liver Disease and Liver cancer)

ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में प्रकाशित शोध के निष्कर्ष बताते हैं कि बहुत अधिक वसा और चीनी वाले फ़ूड और नॉन-अल्कोहल फैटी लीवर रोग के विकास के बीच एक कड़ी है। शोध में लीवर की बीमारी के लिए फैटी फ़ूड से प्रेरित माइक्रोबियल और मेटाबोलिक योगदानकर्ताओं की पहचान की गई। इन्टेस्टाइन और लिवर को जांचा गया। इससे पता चला कि गट माइक्रोबायोटा मेटाबोलिज्म को सक्रिय करने के लिए भोजन लेते हैं। इससे जो प्रक्रिया होती है, वह लिवर डिजीज के विकास में योगदान करता है।

लिवर को प्रभावित करता है अनहेल्दी फ़ूड (Unhealthy food affect liver)

अनहेल्दी फ़ूड गट माइक्रोबायोटा को बदलते हैं। इसके परिणामस्वरूप रोगजनक कारकों का उत्पादन होता है, जो लिवर को प्रभावित करते हैं। यह लिवर की सूजन और फाइब्रोसिस का कारण बनता है। यह लिवर कैंसर के लिए भी जिम्मेदार हो सकता है।
फैटी लीवर डिजीज एक वैश्विक स्वास्थ्य महामारी हो चुकी है। यह न केवल यकृत कैंसर (Liver Cancer) का प्रमुख कारण बन रहा है, बल्कि लिवर सिरोसिस (liver cirrhosis) का भी कारण बन जाता है। सबसे बड़ी बात यह है कि लोगों को फैटी लीवर डिजीज होता है और उन्हें कुछ भी पता नहीं चल पाता है।

वेट लॉस करना है जरूरी (Weight Loss)

जर्नल ऑफ़ फ़ूड साइंस एंड टेक्नोलॉजी में प्रकाशित शोध आलेख के अनुसार, फैटी लीवर डिजीज के कारण सिरोसिस और लीवर फेलियर (Liver Failure) सहित कई और गंभीर स्थितियां हो सकती हैं। फैटी लिवर की बीमारी को रीवर्स किया जा सकता है। इसे ठीक किया जा सकता है। अगर मरीज चाहे, तो सबसे पहले अपने मोटापे पर कंट्रोल करे। वेट लॉस करने की कोशिश करे। यदि वह अपने शरीर के वजन में 10% की कमी भी ले आता है, तो यह ठीक हो सकता है। उपचार में भी डॉक्टर आहार और व्यायाम कार्यक्रम के माध्यम से मोटापे जैसे जोखिम कारकों को कम करने के लिए कहते हैं।

स्वस्थ जीवनशैली और हेल्दी खानपान (Healthy Lifestyle for non alcoholic fatty liver disease)

खुद की देखभाल के लिए मधुमेह प्रबंधन, शारीरिक व्यायाम, वजन घटाने और शराब से परहेज करना जरूरी है। कुछ विशिष्ट खाद्य पदार्थ जो विशेष रूप से फैटी लिवर डिजीज वाले लोगों के लिए सहायक हो सकते हैं। फैटी लिवर डिजीज से पीड़ित लोग लहसुन, ओमेगा-3 फैटी एसिड वाले खाद्य पदार्थ, कॉफी, ब्रोकोली, ग्रीन टी, अखरोट, सोया या व्हे प्रोटीन लें। ओमेगा 3 फैटी एसिड वाले खाद्य पदार्थ के लिए अलसी, चिया सीड्स आदि को आहार में शामिल करें।

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About the Author: स्मिता
स्मिता धर्म-अध्यात्म, संस्कृति-साहित्य, और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर शोधपरक और प्रभावशाली पत्रकारिता में एक विशिष्ट नाम हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में उनका लंबा अनुभव समसामयिक और जटिल विषयों को सरल और नए दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत करने में उनकी दक्षता को उजागर करता है। धर्म और आध्यात्मिकता के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और साहित्य के विविध पहलुओं को समझने और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने में उन्होंने विशेषज्ञता हासिल की है। स्वास्थ्य, जीवनशैली, और समाज से जुड़े मुद्दों पर उनके लेख सटीक और उपयोगी जानकारी प्रदान करते हैं। उनकी लेखनी गहराई से शोध पर आधारित होती है और पाठकों से सहजता से जुड़ने का अनोखा कौशल रखती है।
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