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Chandrabhedana Pranayama : काम के अत्यधिक बोझ से तनाव में हैं, तो करें चंद्र भेदन प्राणायाम
Chandrabhedana Pranayama : काम के अत्यधिक बोझ से तनाव में हैं, तो करें चंद्र भेदन प्राणायाम
Authored By: स्मिता
Published On: Wednesday, February 26, 2025
Updated On: Wednesday, February 26, 2025
Chandrabhedana Pranayama : काम के दवाब के कारण यदि आप तनाव में रहने लगे हैं, तो कर सकते हैं चंद्र भेदन प्राणायाम. विशेषज्ञ बताते हैं कि इसे करने का सही तरीका अपनाएं और कुछ सावधानियां भी बरतें.
Authored By: स्मिता
Updated On: Wednesday, February 26, 2025
प्रोफेशनल वर्ल्ड में इन दिनों काम का दवाब बहुत अधिक रहता है. इसके कारण गुस्सा आना और एंग्जाइटी होना सामान्य बात है. यदि हम लगातार तनाव में रहते हैं, तो हमारा मेंटल हेल्थ प्रभावित होने लगता है. इसलिए प्रोफेशनल लोगों के लिए अपना तनाव प्रबंधित करना बेहद जरूरी होता है. योग एक्सपर्ट बताते हैं कि नियमित रूप से चंद्र भेदन प्राणायाम करने से तनाव पर नियंत्रण (Chandrabhedana Pranayama for Stress) किया जा सकता है.
तनाव कैसे प्रभावित कर सकता है (Stress Side Effects)
टारगेट पूरा नहीं होने, किसी तरह की प्रतिस्पर्धा का दवाब, बॉस का प्रेशर भी प्रोफेशनल लोगों के लिए तनाव का कारण बन सकता है. तनाव हृदय गति और ब्लड प्रेशर बढ़ाकर प्रतिरक्षा और केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को प्रभावित कर सकता है. नकारात्मक विचारों और भावनाओं के कारण सेल्फ रेस्पेक्ट और आत्मविश्वास को नुकसान पहुंच सकता है. इसलिए तनाव को मैनेज करना भुत जरूरी है. इस काम में ख़ास योगासन मदद कर सकते हैं.
सांस लेने की तकनीक है चंद्रभेदन प्राणायाम (breathing technique)
योगाचार्य डॉ. सुनील मित्तल बताते हैं, ‘चंद्र भेदन या चंद्र भेदी प्राणायाम (Chandrabhedana Pranayama or Chandrabhedi pranayama) सांस लेने की एक तकनीक (Breathing Technique) है. यह चंद्रमा की तरह व्यक्ति में शांत और शीतलता के गुण जोड़ती है. यह तकनीक तनाव को नियंत्रित करने में मदद करती है. चंद्रभेदन प्राणायाम लेफ्ट नॉस्ट्रिल ब्रीथिंग (left nostril breathing) भी कहलाता है. चंद्रभेदन प्राणायाम में वेधन का अर्थ है प्रवेश करना या तोड़ना.
चंद्रभेदन प्राणायाम के फायदे (Benefits of Chandrabhedana Pranayama)
चंद्रभेदन प्राणायाम का अभ्यास करने से मानसिक शांति मिलती है. मन प्रसन्न रहता है. यह प्राणायाम तनाव, चिड़चिड़ापन और अनिद्रा की समस्या को भी कम करता है. यह हाई ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure) वाले लोगों के लिए बहुत उपयोगी है. इससे एकाग्रता और याददाश्त (Memory) बढ़ती है. एसिडिटी और खट्टी डकार से राहत मिलती है.
बायीं नाक है चंद्र नाड़ी (Chandra Nadi)
डॉ. सुनील मित्तल के अनुसार सांस लेने के लिए दो नासिका छिद्र होते हैं. योग में इसे नाड़ी कहा जाता है. इसमें दायीं नासिका सूर्य नाड़ी (Surya Nadi) और बायीं नासिका चंद्र नाड़ी (Chandra Nadi) कहलाती है. चंद्रभेदन प्राणायाम में बायीं नासिका से सांस लेना है.
जानें चंद्रभेदन प्राणायाम करने का सही तरीका (How To Do Chandrabhedana Pranayama)
• योग मैट पर आरामदायक स्थिति में बैठ जाएं. यह सुखासन (Sukhasana) हो सकता है.
•रीढ़, कमर और गर्दन सीधी रखें.
• बायां हाथ बाएं घुटने पर रखें. दाहिनी नाक को दाहिने हाथ के अंगूठे से बंद कर लें.
• बायीं नाक से गहरी और लंबी सांस लें. फिर बायीं नाक को हाथ की उंगलियों से बंद कर लें.
• जितना हो सके अपनी सांस को अंदर रोककर रखें.
• फिर दाहिनी नाक से धीरे-धीरे सांस छोड़ें.
• इस प्रक्रिया को 5- 10 मिनट तक लगातार करें.
चंद्रभेदन प्राणायाम करते समय बरतें सावधानियां (Precautions during Chandrabhedana Pranayama)
चंद्रभेदी और सूर्यभेदी प्राणायाम (Suryabhedi Pranayama) परस्पर विरोधी हैं. इसलिए एक दिन में किसी एक का ही अभ्यास करें. जाड़े के मौसम में इसका अभ्यास नहीं करना चाहिए. जिन्हें लो ब्लड प्रेशर (Blood Pressure), अस्थमा (Asthma) और कफ (Cough) की शिकायत है, उन्हें यह प्राणायाम नहीं करना चाहिए.
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