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कैंसर टीका विकसित करने में रूस ने पाई सफलता, 2025 से मुफ्त वितरण
कैंसर टीका विकसित करने में रूस ने पाई सफलता, 2025 से मुफ्त वितरण
Authored By: स्मिता
Published On: Friday, December 20, 2024
Updated On: Friday, December 20, 2024
रूस ने कैंसर के रोगियों के इलाज के लिए mRNA-आधारित टीके के निर्माण का दावा (cancer vaccine) किया है। इससे कैंसर के उपचार में अभूतपूर्व सफलता मिल पाएगी। रूस की मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 2025 की शुरुआत में लॉन्च होने वाला यह टीका रूसी नागरिकों को मुफ़्त में वितरित किया जाएगा।
Authored By: स्मिता
Updated On: Friday, December 20, 2024
कैंसर कोशिकाओं में जीन म्युटेशन (Gene Mutation) होते हैं, जो कोशिका को सामान्य कोशिका से कैंसर कोशिका (Cancer Cell) में बदल देते हैं। ये जीन म्युटेशन विरासत में मिल सकते हैं, समय के साथ विकसित हो सकते हैं। जैसे-जैसे हम बड़े होते हैं और जीन खराब होते हैं ये तब विकसित होते हैं या जब हम किसी ऐसी चीज़ के आस-पास होते हैं, जो हमारे जीन को नुकसान पहुंचाते हैं, जैसे सिगरेट का धुआं, शराब या सूरज से आने वाली पराबैंगनी विकिरण (UV Rays)। कैंसर सेल नॉर्मल सेल के साथ मिल जाता है, जिसे हमारा इम्यून सिस्टम (Immune System) पहचान नहीं पाता है। इसके कारण वह उसे मार नहीं पाता है और कैंसर सेल शरीर में बढ़ने लगते हैं। कुछ मामलों को छोड़कर कैंसर को अब तक लाइलाज बीमारी माना जाता रहा है। वैकसीन (cancer vaccine) इस दिशा में क्रांतिकारी कदम साबित होंगे।
कस्टमाइज्ड mRNA का उपयोग (mRNA in cancer vaccine)
हाल में रूस ने कैंसर के रोगियों के इलाज के लिए कैंसर वैक्सीन (cancer vaccine) के निर्माण का दावा किया है। रोगी के ट्यूमर से प्राप्त आनुवंशिक सामग्री का उपयोग करने वाले व्यक्तिगत टीके की कीमत प्रति खुराक लगभग 300,000 रूबल (2,46678.73 रुपये) होगा। यह घोषणा स्वास्थ्य मंत्रालय के रेडियोलॉजी मेडिकल रिसर्च सेंटर के प्रमुख एंड्री काप्रिन ने की। इस वैक्सीन (cancer vaccine) का उद्देश्य ट्यूमर के निर्माण को रोकने की बजाय कैंसर रोगियों का इलाज करना होगा। रूस के गामालेया नेशनल रिसर्च सेंटर फॉर एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी के निदेशक अलेक्जेंडर गिंट्सबर्ग के अनुसार, व्यक्तिगत वैक्सीन बनाने में काफी लंबा समय लगता है। वैक्सीन या कस्टमाइज्ड mRNA का उपयोग करके कंप्यूटिंग किया जाता है। इसमें एआई ने काफी मद्दद की है। न्यूरल नेटवर्क कंप्यूटिंग के जरिए इस प्रक्रिया में लगभग आधे घंटे से एक घंटे का समय लगेगा।
रोगी के ट्यूमर कंपोनेंट का उपयोग (Tumor Component)
वैक्सीन रोगी के ट्यूमर कंपोनेंट का उपयोग करके प्रतिरक्षा प्रणाली को कैंसर कोशिकाओं की पहचान करने और उन पर हमला करने के लिए प्रशिक्षित करता है। यह शरीर को कैंसर कोशिकाओं की सतह पर पाए जाने वाले एंटीजन प्रोटीन को पहचानने में मदद करता है। एक बार पेश किए जाने के बाद ये एंटीजन प्रतिरक्षा प्रणाली को एंटीबॉडी का उत्पादन करने के लिए उत्तेजित करते हैं, जिससे यह कैंसर कोशिकाओं को प्रभावी ढंग से लक्षित और नष्ट करने में सक्षम होता है।
कैंसर वैक्सीन के लिए विश्व भर में प्रयास तेज (cancer vaccine in World)
रूस में कैंसर की दर लगातार बढ़ रही है। 2022 में 635,000 से अधिक नए मामले सामने आए हैं। देश में निदान किए जाने वाले सबसे आम प्रकारों में कोलन, स्तन और फेफड़े के कैंसर शामिल हैं। नया टीका पश्चिमी देशों में कैंसर ट्रीटमेंट के लिए चल रहे इसी तरह के प्रयासों को दर्शाता है। संयुक्त राज्य अमेरिका के फ्लोरिडा विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने हाल ही में मस्तिष्क कैंसर के एक आक्रामक रूप ग्लियोब्लास्टोमा से पीड़ित रोगियों पर एक व्यक्तिगत टीके का परीक्षण किया। वैक्सीन ने आशाजनक परिणाम दिखाए। इंजेक्शन के दो दिनों के भीतर एक मजबूत प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को सक्रिय किया गया। ब्रिटेन में भी स्किन कैंसर (Skin Cancer) के सबसे घातक रूप मेलेनोमा (Melanoma) के लिए व्यक्तिगत वैक्सीन का परीक्षण किया जा रहा है। शुरुआती निष्कर्षों से बेहतर जीवित रहने की दर का संकेत मिलता है।
क्या भारत में कैंसर वैक्सीन है (Cancer Vaccine in India)?
भारत में वैश्विक स्तर पर लाइसेंस प्राप्त दो वैक्सीन उपलब्ध हैं- एक क्वाड्रिवेलेंट वैक्सीन (गार्डासिल™) और एक बाइवेलेंट वैक्सीन (सर्वारिक्स™)। सर्वावैक (Cervavac) सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा भारत में निर्मित पहला एचपीवी वैक्सीन (है। 9 से 26 वर्ष की आयु के लड़कों और लड़कियों के लिए स्वीकृत सर्वावैक की कीमत अन्य अंतरराष्ट्रीय समकक्षों की तुलना में कम है। इसमें दो खुराक वाली शीशी 4,000 रुपये में उपलब्ध है। इस तरह सर्वावैक की प्रति खुराक कीमत 2000 रुपये है।
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