Stomach Flu : स्टमक फ़्लू के बढ़ते मामलों से कैसे करें बचाव

Stomach Flu : स्टमक फ़्लू के बढ़ते मामलों से कैसे करें बचाव

Authored By: स्मिता

Published On: Thursday, February 20, 2025

Updated On: Thursday, February 20, 2025

Stomach Flu : स्टमक फ़्लू के बढ़ते मामलों से कैसे करें बचाव
Stomach Flu : स्टमक फ़्लू के बढ़ते मामलों से कैसे करें बचाव

Stomach Flu : भारत में स्टमक फ्लू के मामलों में तेजी से वृद्धि देखी जा रही है. स्टमक फ्लू से बचाव के लिए हमें व्यक्तिगत रूप से स्वच्छता के नियमों पर ध्यान देना होगा.

Authored By: स्मिता

Updated On: Thursday, February 20, 2025

हाल के दिनों में भारत में फ़ूड पॉइजनिंग (Food Poisoning) और स्टमक फ्लू (Stomach Flu) के मामले तेजी से बढे हैं. ग्लोबल साइंस रिसर्च जर्नल के अनुसार, वर्ष 2024 में भारत के अलग-अलग स्थान पर एक्यूट स्टमक फ्लू के 1,000 से अधिक मामले देखे गए. खाद्य जनित रोग मुख्य रूप से गंदा पानी और खाद्य स्रोतों में बैक्टीरिया, वायरस और पैथोजेंस के कारण होते हैं. भारत में सख्त खाद्य सुरक्षा कानून नहीं होने के कारण मामले और अधिक होते हैं. फ़ूड पॉइजनिंग और स्टमक फ्लू के कारण मतली, उल्टी, दस्त, पेट में ऐंठन, डीहाइडरेशन और बुखार भी हो सकता है. गंभीर मामलों में अस्पताल में भी भर्ती होना पड़ता है. बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों को यह (Stomach Flu) अधिक परेशान कर सकता है.

किन कारणों से हो सकता है स्टमक फ्लू (Causes of Stomach Flu)

वर्ल्ड हेल्थ ओर्गेनाइज़ेशन के अनुसार, कई कारक पेट में दर्द, उल्टी और मतली के कारण बनते हैं. दूषित जल (Contaminated Water): भारत की एक बड़ी आबादी तक स्वच्छ पेयजल की पहुंच नहीं है. इसमें शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्र शामिल हैं. इससे वे जलजनित बीमारियों (Waterborne disease) के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाते हैं.दूषित खाद्य पदार्थ(Contaminated Food): मिलावटी खाद्य पदार्थ या खराब हो चुका खाना भी स्टमक फ़्लू का कारण बन सकता है.एंटीबायोटिक रेसिस्टेंस (Antibiotics Resistance): एंटीबायोटिक दवाओं के दुरुपयोग और अत्यधिक उपयोग के कारण दवा प्रतिरोधी बैक्टीरिया उत्पन्न हो जाते हैं. इससे उपचार अधिक जटिल हो जाता है.

स्टमक फ्लू से कैसे करें बचाव (Stomach Flu Prevention)

हार्वर्ड मेडिकल जर्नल की स्टडी बताती है कि स्टमक फ्लू से बचाव के लिए लोगों को व्यक्तिगत स्तर पर साफ़-सफाई का ध्यान देना होगा. लोगों को बार-बार हाथ धोने, शुद्ध पानी पीने और भोजन पकाने और स्टोर करने के लिए जरूरी सावधानी बरतने की आदत डालनी होगी. स्वच्छ पेयजल लेने के साथ-साथ पसंदीदा स्ट्रीट फूड खाने से भी बचना होगा, क्योंकि यह दूषित सामग्री वाला हो सकता है. खाद्य सुरक्षा संबंधी जागरूकता सबसे अधिक जरूरी है. सख्त खाद्य सुरक्षा नियम लागू होना चाहिए. स्वच्छता के बुनियादी ढांचे में सुधार करना चाहिए और बचाव के उपायों के बारे में जनता को शिक्षित करने के लिए जागरूकता अभियान चलाना चाहिए. सार्वजनिक स्थानों को स्वच्छ रखने की कोशिश करनी चाहिए.

व्यक्तिगत स्तर पर बरतें सावधानियां (Stomach Flu Precautions)

संक्रमण के जोखिम को कम करने के लिए खाने से पहले और शौचालय जाने के बाद बार-बार हाथ धोना चाहिए. सुरक्षित पीने के पानी को उबालकर या पानी को छानकर पीना चाहिए. उचित खाद्य प्रबंधन और भोजन को पर्याप्त रूप से पकाया जाना चाहिए. खुले या खराब खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए. साथ ही एंटीबायोटिक के अत्यधिक उपयोग से भी बचना चाहिए.

About the Author: स्मिता
स्मिता धर्म-अध्यात्म, संस्कृति-साहित्य, और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर शोधपरक और प्रभावशाली पत्रकारिता में एक विशिष्ट नाम हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में उनका लंबा अनुभव समसामयिक और जटिल विषयों को सरल और नए दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत करने में उनकी दक्षता को उजागर करता है। धर्म और आध्यात्मिकता के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और साहित्य के विविध पहलुओं को समझने और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने में उन्होंने विशेषज्ञता हासिल की है। स्वास्थ्य, जीवनशैली, और समाज से जुड़े मुद्दों पर उनके लेख सटीक और उपयोगी जानकारी प्रदान करते हैं। उनकी लेखनी गहराई से शोध पर आधारित होती है और पाठकों से सहजता से जुड़ने का अनोखा कौशल रखती है।
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