क्या होगा जब 25 अप्रैल को आरोपी नंबर 1 व 2 के रूप में होगी सोनिया-राहुल की चर्चा?

क्या होगा जब 25 अप्रैल को आरोपी नंबर 1 व 2 के रूप में होगी सोनिया-राहुल की चर्चा?

Authored By: सतीश झा

Published On: Wednesday, April 16, 2025

Updated On: Wednesday, April 16, 2025

National Herald money laundering case में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ आरोप, 25 अप्रैल को कोर्ट में होगी सुनवाई.
National Herald money laundering case में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ आरोप, 25 अप्रैल को कोर्ट में होगी सुनवाई.

नेशनल हेराल्ड केस (National Herald case) एक बार फिर सुर्खियों में है. इस बार कारण है प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा दाखिल किया गया आरोपपत्र, जिसमें कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को आरोपी नंबर 1 और नंबर 2 के तौर पर नामित किया गया है. यह मामला राजनीतिक गलियारों में हलचल मचाने वाला बन गया है, क्योंकि यह पहली बार है जब गांधी परिवार के इन शीर्ष नेताओं के खिलाफ औपचारिक रूप से आरोपपत्र दाखिल हुआ है.

Authored By: सतीश झा

Updated On: Wednesday, April 16, 2025

National Herald money laundering case : दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में यह आरोपपत्र 9 अप्रैल को दाखिल किया गया था, जिसकी समीक्षा विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने की है. अदालत ने इस मामले में संज्ञान लेने के लिए सुनवाई की तारीख 25 अप्रैल तय की है. इस दिन अदालत में बहस होगी कि क्या आरोपों पर मुकदमा चलाने लायक सामग्री मौजूद है या नहीं ? आरोपपत्र में केवल सोनिया (Sonia Gandhi) और राहुल (Rahul Gandhi) ही नहीं, बल्कि गांधी परिवार के करीबी माने जाने वाले सैम पित्रोदा (Sam Pitroda) और सुमन दुबे (Suman Dubey) के नाम भी शामिल हैं. ये दोनों नेता कांग्रेस की नीतियों के प्रमुख रणनीतिकार रहे हैं और लंबे समय से गांधी परिवार के विश्वस्त माने जाते हैं.

अपने चार्जशीट में क्या कहा है ED ने

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने नेशनल हेराल्ड (National Herald case) से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी को घेरते हुए अपने चार्जशीट में गंभीर आरोप लगाए हैं. ED का कहना है कि सोनिया और राहुल गांधी ने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) की 2,000 करोड़ रुपये की संपत्ति को हड़पने के लिए एक आपराधिक साजिश रची. ईडी के मुताबिक, इस साजिश के तहत एजेएल के 99% शेयर मात्र 50 लाख रुपये में यंग इंडियन नामक एक निजी कंपनी को ट्रांसफर कर दिए गए. यह कंपनी सोनिया और राहुल गांधी के नियंत्रण में है और दोनों के पास इसमें 38-38 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जिससे वे इसके प्रमुख शेयरधारक बनते हैं. एजेंसी ने दावा किया है कि इन संपत्तियों का मौजूदा बाजार मूल्य करीब 5,000 करोड़ रुपये है और अपराध की आय की पहचान 988 करोड़ रुपये के रूप में की गई है. गौरतलब है कि एजेएल की स्थापना भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने की थी. ईडी ने पीएमएलए (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) की धारा 4 के तहत सजा की मांग की है, जिसके अंतर्गत दोषी पाए जाने पर अधिकतम सात साल की सजा का प्रावधान है. यह मामला पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा 2013 में दायर की गई याचिका के आधार पर ट्रायल कोर्ट के आदेश से शुरू हुआ था, जिसमें आयकर विभाग को गांधी परिवार और नेशनल हेराल्ड से जुड़े लेन-देन की जांच करने की अनुमति दी गई थी.

क्या है नेशनल हेराल्ड केस?

नेशनल हेराल्ड (National Herald case) अखबार से जुड़ा यह मनी लॉन्ड्रिंग मामला यंग इंडियन लिमिटेड, एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) और कांग्रेस पार्टी के आर्थिक लेन-देन से जुड़ा है. ईडी का आरोप है कि गांधी परिवार से जुड़ी यंग इंडियन कंपनी के माध्यम से एसोसिएटेड जर्नल्स की संपत्ति पर अवैध रूप से नियंत्रण स्थापित किया गया और इसमें मनी लॉन्ड्रिंग के तत्व पाए गए हैं. सोनिया गांधी और राहुल गांधी के पास यंग इंडियन में 38 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जिससे वे इस कंपनी के प्रमुख (बहुसंख्यक) शेयरधारकों में शामिल हो गए हैं.

25 अप्रैल क्यों है अहम?

25 अप्रैल को अदालत यह तय करेगी कि क्या आरोप पत्र में प्रस्तुत तथ्यों के आधार पर मुकदमा आगे बढ़ेगा या नहीं ? यदि अदालत संज्ञान लेती है, तो सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) और राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को समन जारी किया जा सकता है और उन्हें कोर्ट में पेश होना पड़ेगा. यह दिन कांग्रेस (Congress) और गांधी परिवार (Gandhi Family) दोनों के लिए कानूनी और राजनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण साबित हो सकता है.

राजनीतिक असर

इस केस ने राजनीतिक बहस को भी गर्मा दिया है. कांग्रेस का दावा है कि यह केंद्र सरकार की “राजनीतिक प्रतिशोध” की रणनीति का हिस्सा है, जबकि भाजपा और उसके समर्थक इसे कानून के दायरे में लिया गया उचित कदम बता रहे हैं. अब निगाहें 25 अप्रैल पर टिकी हैं—जब अदालत तय करेगी कि क्या देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी के दो सबसे बड़े चेहरे अब अभियुक्त की भूमिका में कोर्ट के कटघरे में खड़े होंगे या नहीं?

About the Author: सतीश झा
सतीश झा की लेखनी में समाज की जमीनी सच्चाई और प्रगतिशील दृष्टिकोण का मेल दिखाई देता है। बीते 20 वर्षों में राजनीति, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय समाचारों के साथ-साथ राज्यों की खबरों पर व्यापक और गहन लेखन किया है। उनकी विशेषता समसामयिक विषयों को सरल भाषा में प्रस्तुत करना और पाठकों तक सटीक जानकारी पहुंचाना है। राजनीति से लेकर अंतरराष्ट्रीय मुद्दों तक, उनकी गहन पकड़ और निष्पक्षता ने उन्हें पत्रकारिता जगत में एक विशिष्ट पहचान दिलाई है
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