Narada Jayanti 2025 : पूरे ब्रह्मांड में सूचना का संचार करने वाले नारद मुनि!

Narada Jayanti 2025 : पूरे ब्रह्मांड में सूचना का संचार करने वाले नारद मुनि!

Authored By: स्मिता

Published On: Tuesday, May 6, 2025

Last Updated On: Tuesday, May 6, 2025

नारद मुनि वीणा और करताल के साथ, नारद जयंती 2025 पर ब्रह्मांड में सूचना का संचार करते हुए.
नारद मुनि वीणा और करताल के साथ, नारद जयंती 2025 पर ब्रह्मांड में सूचना का संचार करते हुए.

Narada Jayanti 2025: स्वर्ग और पृथ्वी लोक पर सुख और दुख का समाचार सुनाने वाले नारद मुनि प्रथम पत्रकार माने जाते हैं. सूचना का संचार करने के लिए वे पूरे ब्रह्मांड में यात्रा करते रहते हैं. देवर्षि नारद मुनि के जन्मदिवस के रूप में नारद जयंती मनाई जाती है. मंगलवार, 13 मई, 2025 को नारद जयंती है.

Authored By: स्मिता

Last Updated On: Tuesday, May 6, 2025

Narada Jayanti 2025: पौराणिक कथाओं के अनुसार, देवर्षि नारद सुर और असुर के बीच सूचना के प्राथमिक स्रोत माने जाते हैं. नारद मुनि के पास सभी लोकों, आकाश या स्वर्ग, पृथ्वी और पाताल में जाने की क्षमता है. माना जाता है कि वे पृथ्वी पर पहले पत्रकार हैं. नारद मुनि सूचना का संचार करने के लिए पूरे ब्रह्मांड में यात्रा करते रहते हैं. हालांकि, अधिकांश समय पर उनकी दी गई जानकारी परेशानी पैदा करती है, लेकिन यह ब्रह्मांड की भलाई (Narada Jayanti 2025) के लिए है.

नारद जयंती की तिथि और समय (Narada Jayanti 2025 Date & Time)

  • प्रतिपदा तिथि प्रारंभ – 12 मई, 2025 को रात्रि 10:25 बजे
  • प्रतिपदा तिथि समाप्त – 14 मई, 2025 को प्रातः 12:35 बजे

बुद्ध पूर्णिमा के अगले दिन नारद जयंती (Next Day of Buddha Purnima 2025)

ऋषि नारद भगवान नारायण के प्रबल भक्त हैं, जो भगवान विष्णु के रूपों में से एक हैं. नारायण के रूप में भगवान विष्णु को सत्य का अवतार माना जाता है. द्रिक पंचांग में उल्लेख मिलता है कि उत्तर भारतीय पूर्णिमांत कैलेंडर के अनुसार, ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष के दौरान प्रतिपदा तिथि को नारद जयंती मनाई जाती है. दक्षिण भारतीय अमांत कैलेंडर के अनुसार नारद जयंती वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि को आती है. आमतौर पर नारद जयंती बुद्ध पूर्णिमा (Buddha Purnima 2025) के अगले दिन पड़ती है। यदि प्रतिपदा तिथि को छोड़ दिया जाए तो बुद्ध पूर्णिमा और नारद जयंती एक ही दिन पड़ सकती है.

बुद्धि, संगीत  और ज्ञान के देवता (Narada Muni)

नारद मुनि हिंदू पौराणिक कथाओं में एक प्रमुख व्यक्ति हैं, जिन्हें दिव्य दूत, ऋषि और भगवान विष्णु के भक्त के रूप में जाना जाता है. वे ब्रह्मा के पुत्र हैं और कहा जाता है कि उनके पास तीनों लोकों (पृथ्वी, स्वर्ग और पाताल लोक) के बीच यात्रा करने की शक्ति है. नारद अपनी बुद्धि, संगीत प्रतिभा और ज्ञान के लिए भी जाने जाते हैं.

ज्ञान दूत का काम करते हैं नारद जी (Narada Muni)

नारद मुनि विभिन्न लोकों के बीच दूत के रूप में कार्य करते हैं, देवताओं को जरूरी बातें बताते हैं और संचार को सुविधाजनक बनाते हैं. वे भगवान विष्णु के परम भक्त हैं और अक्सर उन्हें एक तार वाला संगीत वाद्ययंत्र वीणा के साथ दर्शाया जाता है. नारद वेदों, उपनिषदों और पुराणों के अपने विशाल ज्ञान के लिए जाने जाते हैं. उन्हें एक विद्वान शिक्षक माना जाता है.

पौराणिक पात्र प्रह्लाद और ध्रुव के गुरु की मान्यता (Guru Narada Muni)

नारद को प्रह्लाद और ध्रुव सहित कई महत्वपूर्ण लोगों का गुरु माना जाता है. कुछ व्याख्यायें बताती हैं कि नारद भगवान के अवतार हैं, जबकि अन्य उन्हें एक ऐसे प्राणी के रूप में चित्रित करते हैं जिसने भक्ति के माध्यम से दिव्य ज्ञान प्राप्त किया है. बुद्धिमान होने के साथ-साथ नारद जी अपने कभी-कभी विघटनकारी स्वभाव के लिए भी जाने जाते हैं. इसके कारण ऐसी परिस्थितियां पैदा हो जाती हैं, जो महत्वपूर्ण घटनाओं को जन्म देती हैं.

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About the Author: स्मिता
स्मिता धर्म-अध्यात्म, संस्कृति-साहित्य, और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर शोधपरक और प्रभावशाली पत्रकारिता में एक विशिष्ट नाम हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में उनका लंबा अनुभव समसामयिक और जटिल विषयों को सरल और नए दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत करने में उनकी दक्षता को उजागर करता है। धर्म और आध्यात्मिकता के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और साहित्य के विविध पहलुओं को समझने और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने में उन्होंने विशेषज्ञता हासिल की है। स्वास्थ्य, जीवनशैली, और समाज से जुड़े मुद्दों पर उनके लेख सटीक और उपयोगी जानकारी प्रदान करते हैं। उनकी लेखनी गहराई से शोध पर आधारित होती है और पाठकों से सहजता से जुड़ने का अनोखा कौशल रखती है।
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