Shravan Putrada Ekadashi 2025 : महादेव और श्रीविष्णु दोनों की क्यों होती है पूजा

Authored By: स्मिता

Published On: Thursday, July 31, 2025

Last Updated On: Thursday, July 31, 2025

Shravan Putrada Ekadashi 2025 पर शिव और विष्णु की पूजा करते श्रद्धालु
Shravan Putrada Ekadashi 2025 पर शिव और विष्णु की पूजा करते श्रद्धालु

Shravan Putrada Ekadashi 2025 : श्रावण पुत्रदा एकादशी के अवसर पर श्रीविष्णु और महादेव दोनों की पूजा होती है. दोनों की पूजा से संतान सुख, परिवार की सुख समृद्धि और सभी इच्छा की पूर्ति हो सकती है. उदया तिथि मान्य होने के कारण 5 अगस्त को श्रावण पुत्रदा एकादशी मनाया जाएगा.

Authored By: स्मिता

Last Updated On: Thursday, July 31, 2025

सावन में चातुर्मास भी आता है. मान्यता है कि इन चार महीनों में श्रीविष्णु शयन करते हैं. देव उठावनी एकादशी के अवसर पर श्री हरि जगते हैं. इस समय सृष्टि का संचालन महादेव के हाथों में होता है. श्रीविष्णु के भक्त एकादशी और श्रावण पुत्रदा एकादशी पर उनकी विशेष पूजा करते हैं. भक्तों के लिए श्रावण पुत्रदा एकादशी का विशेष महत्व है. इस आलेख में जानते हैं कि इस एकादशी (Shravan Putrada Ekadashi 2025) की विशेष महत्ता क्यों है.

सावन में महादेव और श्रीविष्णुजी की पूजा (Mahadev & Shree Vishnu Puja in Sawan)

हम सभी यह जानते हैं कि समुद्र मंथन और उससे निकले विष का पान करने के कारण शिवजी का पूरे सावन महीने में भक्तगण जलाभिषेक करते हैं. इसलिए यह माह शिवजी का कहलाता है. शिवजी श्रीविष्णु को अपना इष्टदेव मानते हैं और उनकी पूजा-अराधना करते हैं. इसलिए सावन के महीने में भगवान शिव के साथ-साथ भगवान विष्णु की पूजा का भी विशेष महत्व है। इस महीने में भगवान विष्णु के हरिहर रूप की पूजा की जाती है. मान्यता है कि हरिहर रूप शिव और विष्णु दोनों का प्रतिनिधित्व करता है. इसलिए श्रावण पुत्रदा एकादशी के अवसर पर भगवान विष्णु और शिवजी दोनों की पूजा की जाती है.

कब है श्रावण पुत्रदा एकादशी (Shravan Putrada Ekadashi 2025 Date)

  • सावन पुत्रदा एकादशी : मंगलवार, 05 अगस्त 2025
  • सावन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 4 अगस्त को सुबह 11.42 बजे शुरू हो जाएगी. यह 5 अगस्त को दोपहर 1.13 बजे तक रहेगी. उदया तिथि की मान्यता के कारण एकादशी व्रत 5 अगस्त को रखा जाएगा. इस दिन ज्येष्ठ नक्षत्र में रवि योग का भी संयोग है.

सावन पुत्रदा एकादशी (Shravan Putrada Ekadashi 2025 )

सावन पुत्रदा एकादशी या श्रावण पुत्रदा एकादशी श्रावण माह के शुक्ल पक्ष में मनाया जाता है. यह विशेष रूप से संतान प्राप्ति की चाह रखने वाले दंपत्तियों के लिए महत्वपूर्ण है. माना जाता है कि यह भगवान विष्णु से संतान प्राप्ति और उनके अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना करने का दिन है.

क्यों है एकादशी की महत्ता (Ekadashi Significance)

एकादशी का व्रत आमतौर पर आध्यात्मिक शुद्धि और आत्म-संयम का साधन माना जाता है. इससे आंतरिक शांति और ईश्वर के साथ स्वयं को जोड़ा जा सकता है.

भगवान विष्णु की भक्ति

सावन पुत्रदा एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित माना जाता है. भक्त भगवान विष्णु को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए प्रार्थना और अनुष्ठान करते हैं. वे कठोर उपवास रखते हैं. माना जाता है कि संतान प्राप्ति के अलावा, सावन पुत्रदा एकादशी का व्रत करने से कई अन्य मनोकामना भी पूरी होती है. समग्र समृद्धि और खुशी प्राप्त होती है.

एक दूसरे को पूजते है शिवजी और श्रीविष्णु

जब शिव और विष्णु एक-दूसरे की पूजा करते हैं, तो यह उनकी एकता और ब्रह्मांड में उनकी भूमिका की पूरक प्रकृति का प्रतीक है. यह इस अवधारणा को मान्यता देता है कि सभी ईश्वर एक हैं. एक-दूसरे के पूरक हैं. पारस्परिक पूजा दोनों देवताओं के बीच सद्भाव, मित्रता और सम्मान को प्रदर्शित करती है.

एकादशी व्रत (Ekadashi Vrat)

एकादशी व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है. यह महीने में दो बार, चंद्रमा के बढ़ते और घटते, दोनों चरणों के 11वें चंद्र दिवस (एकादशी) के दौरान मनाया जाता है. एकादशी का प्राथमिक उद्देश्य उपवास और एकाग्र प्रार्थना के माध्यम से मन, शरीर और आत्मा को शुद्ध करना, आध्यात्मिक विकास और कल्याण को बढ़ावा देना है.

यह भी पढ़ें :-  Shravan Putrada Ekadashi 2025: क्या है श्रावण पुत्रदा एकादशी, जानिए कथा, पूजा विधि और महत्व

About the Author: स्मिता
स्मिता धर्म-अध्यात्म, संस्कृति-साहित्य, और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर शोधपरक और प्रभावशाली पत्रकारिता में एक विशिष्ट नाम हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में उनका लंबा अनुभव समसामयिक और जटिल विषयों को सरल और नए दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत करने में उनकी दक्षता को उजागर करता है। धर्म और आध्यात्मिकता के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और साहित्य के विविध पहलुओं को समझने और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने में उन्होंने विशेषज्ञता हासिल की है। स्वास्थ्य, जीवनशैली, और समाज से जुड़े मुद्दों पर उनके लेख सटीक और उपयोगी जानकारी प्रदान करते हैं। उनकी लेखनी गहराई से शोध पर आधारित होती है और पाठकों से सहजता से जुड़ने का अनोखा कौशल रखती है।
Leave A Comment

अन्य खबरें

अन्य लाइफस्टाइल खबरें