थाइलैंड की धरती से पीएम मोदी ने दिया सांस्कृतिक संबंधों पर जोर, ये है 21 सूत्री कार्ययोजना

थाइलैंड की धरती से पीएम मोदी ने दिया सांस्कृतिक संबंधों पर जोर, ये है 21 सूत्री कार्ययोजना

Authored By: सतीश झा

Published On: Friday, April 4, 2025

Updated On: Friday, April 4, 2025

थाईलैंड में पीएम मोदी: BIMSTEC Summit 2025 में 21 सूत्री कार्ययोजना पेश करते हुए.
थाईलैंड में पीएम मोदी: BIMSTEC Summit 2025 में 21 सूत्री कार्ययोजना पेश करते हुए.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi)ने थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में आयोजित छठे बिम्सटेक शिखर सम्मेलन (6th BIMSTEC Summit) में सदस्य देशों के बीच सहयोग को मजबूत करने के उद्देश्य से 21 सूत्री कार्ययोजना का प्रस्ताव रखा. उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक संबंध न केवल देशों को आपस में जोड़ते हैं, बल्कि क्षेत्रीय एकजुटता को भी गहराई प्रदान करते हैं.

Authored By: सतीश झा

Updated On: Friday, April 4, 2025

BIMSTEC Summit 2025 : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने विशेष रूप से सांस्कृतिक संबंधों को क्षेत्रीय सहयोग की रीढ़ बताते हुए कहा कि सांस्कृतिक जुड़ाव ही देशों को दिल से जोड़ते हैं और यही बिम्सटेक को मजबूती देगा. प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में बिम्सटेक के लिए एक ठोस और समग्र 21 सूत्री एजेंडा प्रस्तुत किया. प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में युवाओं की नेतृत्वकारी भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि बिम्सटेक (6th BIMSTEC Summit) को ऊर्जा देने में युवाओं की भागीदारी अहम होगी. उन्होंने कहा कि यह संगठन वैश्विक भलाई के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है, जिसे मजबूत बनाना समय की मांग है.

ये है पीएम मोदी की 21 सूत्री कार्ययोजना के मुख्य बिंदु:

  • सांस्कृतिक संबंधों का सशक्तीकरण
  • युवा नेतृत्व को प्रोत्साहन
  • आंतरिक व्यापार में वृद्धि
  • आईटी और डिजिटल क्षेत्र में सहयोग
  • आपदा प्रबंधन में साझा तैयारी
  • स्वास्थ्य सेवा में तालमेल
  • शिक्षा और छात्र आदान-प्रदान
  • अंतरिक्ष तकनीक में साझेदारी
  • सुरक्षा और आतंकवाद विरोधी सहयोग
  • समुद्री परिवहन का विस्तार
  • टूरिज्म और सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा
  • कृषि और खाद्य सुरक्षा में सहयोग
  • नवाचार और स्टार्टअप्स का समर्थन
  • बिजली और ऊर्जा के क्षेत्र में जुड़ाव
  • ग्रीन एनर्जी और जलवायु संरक्षण
  • ट्रेड फैसिलिटेशन और लॉजिस्टिक्स सुधार
  • व्यापारिक विवादों के समाधान हेतु तंत्र
  • स्थानीय शिल्प और उत्पादों को बढ़ावा
  • जेंडर इक्विटी और महिलाओं की भागीदारी
  • संयुक्त सैन्य अभ्यास और रणनीतिक संवाद
  • बिम्सटेक सचिवालय को सशक्त बनाना

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि “बिम्सटेक वैश्विक भलाई के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है। यह समय की मांग है कि हम इसे मजबूत करें और आपसी सहयोग को गहराई दें। हमारी संस्कृति, हमारे विचार और हमारी परंपराएं हमें जोड़ती हैं। यही हमारी ताकत है।”

बिम्सटेक (BIMSTEC) (बंगाल की खाड़ी बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग पहल) एक अंतरराष्ट्रीय सहयोग संगठन है, जिसमें बांग्लादेश, भारत, म्यांमार, श्रीलंका, थाईलैंड, भूटान और नेपाल सदस्य देश हैं. इसका उद्देश्य बंगाल की खाड़ी क्षेत्र में आर्थिक और तकनीकी सहयोग को बढ़ावा देना है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि प्रधानमंत्री ने बिम्सटेक समुद्री परिवहन समझौते पर हस्ताक्षर, बिम्सटेक बैंकॉक विजन 2030 को अपनाने और बिम्सटेक प्रतिष्ठित व्यक्ति समूह की रिपोर्ट को स्वीकार किए जाने का स्वागत किया. इस दौरान सदस्य देशों ने शिखर सम्मेलन का घोषणापत्र भी सर्वसम्मति से अपनाया.

प्रधानमंत्री ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, “बिम्सटेक वैश्विक भलाई को आगे बढ़ाने का एक सशक्त मंच है. इसे मजबूत करना और आपसी जुड़ाव को गहरा करना आवश्यक है. इसी सोच के साथ मैंने 21 सूत्री कार्ययोजना का प्रस्ताव रखा है.” प्रधानमंत्री मोदी ने आईटी क्षेत्र की क्षमता के दोहन, आंतरिक व्यापार को बढ़ावा देने, आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने हाल ही में म्यांमार और थाईलैंड में आए भूकंपों का हवाला देते हुए इस क्षेत्र में सामूहिक तैयारियों पर जोर दिया.

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि बिम्सटेक को क्षमता निर्माण का एक उत्कृष्ट उदाहरण बनाया जा सकता है। इस शिखर सम्मेलन के माध्यम से प्रधानमंत्री मोदी ने बिम्सटेक को एक सशक्त, एकजुट और सक्रिय मंच के रूप में उभारने का संदेश दिया है, जो भविष्य में क्षेत्रीय विकास और स्थायित्व में अहम भूमिका निभा सकता है.

(हिन्दुस्थान समाचार एजेंसी के इनपुट के साथ)

About the Author: सतीश झा
सतीश झा की लेखनी में समाज की जमीनी सच्चाई और प्रगतिशील दृष्टिकोण का मेल दिखाई देता है। बीते 20 वर्षों में राजनीति, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय समाचारों के साथ-साथ राज्यों की खबरों पर व्यापक और गहन लेखन किया है। उनकी विशेषता समसामयिक विषयों को सरल भाषा में प्रस्तुत करना और पाठकों तक सटीक जानकारी पहुंचाना है। राजनीति से लेकर अंतरराष्ट्रीय मुद्दों तक, उनकी गहन पकड़ और निष्पक्षता ने उन्हें पत्रकारिता जगत में एक विशिष्ट पहचान दिलाई है
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