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14 को ही मनाई जाएगी मकर संक्रांति : ज्योतिषाचार्य महंत रोहित शास्त्री
Authored By: स्मिता
Published On: Monday, January 13, 2025
Last Updated On: Monday, January 13, 2025
लोगों के मन में यह संशय बरकरार है कि मकर संक्रांति 14 जनवरी को मनाई जाए या नहीं। श्री कैलख ज्योतिष एवं वैदिक संस्थान ट्रस्ट के अध्यक्ष और ज्योतिषाचार्य महंत रोहित शास्त्री ने यह स्पष्ट कर दिया कि इस वर्ष 2025 में मकर सक्रांति का पर्व 14 जनवरी मंगलवार (Makar Sankranti 2025) को मनाया जाएगा।
Authored By: स्मिता
Last Updated On: Monday, January 13, 2025
Makar sankranti 2025 : जब सूर्य मकर राशि में आते हैं, तो मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जाता है। यह भारत भर में किसी न किसी त्योहार के रूप में मनाया जाता है। तमिलनाडु में इसे पोंगल के रूप में मनाते हैं जबकि कर्नाटक, केरल और आंध्र प्रदेश में इसे केवल ‘संक्रांति’ कहते हैं। मकर संक्रांति के दिन से सूर्य की उत्तरायण गति प्रारंभ होती है। इसलिए इसे उत्तरायणी भी कहते हैं। जब सूर्य दक्षिणायन होते हैं, तो दक्षिणायनी भी कहते हैं। मकर संक्रांति को लेकर लोगों में यह संदेह बार बार हो रहा है कि मकरसंक्रांति किस दिन मनाई जाए। इस विषय में श्री कैलख ज्योतिष एवं वैदिक संस्थान ट्रस्ट के अध्यक्ष (ज्योतिषाचार्य) महंत रोहित शास्त्री इस वर्ष सन् 2025 ई. में मकर सक्रांति का पर्व 14 जनवरी मंगलवार को मनाया जाएगा।
उत्तरायण सूर्य हैं सकारात्मकता के प्रतीक (Uttarayan surya)
मकर संक्रांति के अवसर पर सूर्य उत्तरायण हो जाते हैं। दक्षिणायन को नकारात्मकता का प्रतीक माना जाता है। इसलिए कोई मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं। उत्तरायण को देवताओं का दिन अर्थात सकारात्मकता का प्रतीक माना गया है। इसलिए इस दिन जप, तप, दान, स्नान, श्राद्ध, तर्पण आदि धार्मिक क्रियाकलापों का विशेष महत्व है।
मंगलवार को है मकर संक्रांति
इस विषय में श्री कैलख ज्योतिष एवं वैदिक संस्थान ट्रस्ट के अध्यक्ष (ज्योतिषाचार्य) महंत रोहित शास्त्री ने बताया कि मकर संक्रांति हिंदुओं का प्रमुख पर्व है। मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव धनु राशि को छोड़ मकर राशि में प्रवेश करते हैं। इसी वजह से इस संक्रांति को मकर संक्रांति कहते हैं। ज्योतिषाचार्य महंत रोहित शास्त्री इस बात पर जोर देते हैं कि वर्ष 2025 में मकर सक्रांति का पर्व 14 जनवरी मंगलवार को मनाया जाएगा।
कब है मुहूर्त (Makar Sankranti Muhurt)
मंगलवार 14 जनवरी को सुबह के 08 बजकर 55 मिनट पर सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश करेंगे। मकर संक्रांति का पुण्य काल सूर्य उदय से लेकर मध्याह्न बाद तक रहेगा। इस दिन प्रथम शाही स्नान कुंभ प्रयागराज में होगा। पूरे भारत में इस त्योहार को किसी न किसी रूप में मनाया जाता है।
मकर संक्रांति पर दान (Makar Sankranti Daan)
गरीब लोगों या ब्राह्मणों या पंडितों को दान दिया जाता है, जो विशेष रूप से मकर संक्रांति दान के लिए घर पर आते हैं। जब तक हम दान-दक्षिणा नहीं कर लेते, तब तक भोजन नहीं करने का विधान है। एक बार दान-दक्षिणा हो जाने के बाद, हम कोई भी अन्य भोजन लेने से पहले तिल खाते हैं। मकर संक्रांति पर मूंग दाल दान की मुख्य वस्तु है। यह प्रचुरता, समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य से जुड़ी है। मूंग दाल दान करके देवी लक्ष्मी को अपने जीवन को प्रचुरता और समृद्धि का आशीर्वाद देने के लिए आमंत्रित किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि मूंग दाल दानकर्ता के परिवार में शांति और सद्भाव लाती है।
(हिन्दुस्थान समाचार के इनपुट के साथ)
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