कौन हैं कुलदीप सिंह सेंगर, जिसकी जमानत अवधि को दिल्ली हाईकोर्ट ने किया खारिज

कौन हैं कुलदीप सिंह सेंगर, जिसकी जमानत अवधि को दिल्ली हाईकोर्ट ने किया खारिज

Authored By: सतीश झा

Published On: Friday, January 17, 2025

Who is Kuldeep Singh Sengar? Delhi High Court rejects bail
Who is Kuldeep Singh Sengar? Delhi High Court rejects bail

दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High court) ने उन्नाव दुष्कर्म (Unnav Rape Case) मामले में दोषी ठहराए गए भाजपा के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर (Kuldeep Singh Sengar) की स्वास्थ्य आधार पर मिली अंतरिम जमानत की अवधि बढ़ाने से इनकार कर दिया है। जस्टिस प्रतिभा सिंह की अध्यक्षता वाली बेंच ने आदेश दिया कि कुलदीप सिंह सेंगर 20 जनवरी को सरेंडर करें, इसके बाद उनकी याचिका पर विचार किया जाएगा। मामले की अगली सुनवाई 27 जनवरी को होगी।

Authored By: सतीश झा

Updated On: Friday, January 17, 2025

कुलदीप सिंह सेंगर (Kuldeep Singh Sengar) उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के एक प्रभावशाली राजनेता और भाजपा के पूर्व विधायक हैं। सेंगर का राजनीतिक करियर विवादों और गंभीर आपराधिक मामलों से भरा रहा है। 1990 के दशक में राजनीति में प्रवेश करने वाले सेंगर ने अपना प्रभाव बढ़ाते हुए उन्नाव जिले की राजनीति में प्रमुख स्थान बनाया।

जस्टिस प्रतिभा सिंह की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि पहले कुलदीप सिंह सेंगर (Kuldeep Singh Sengar) 20 जनवरी को सरेंडर करें। उसके बाद इस पर सुनवाई होगी। अदालत (Delhi High Court) ने अगली सुनवाई की तारीख 27 जनवरी मुकर्रर की। दिल्ली हाई कोर्ट ने सीबीआई को सेंगर के मेडिकल रिकॉर्ड का सत्यापन कर रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है। सेंगर की याचिकाओं पर सुनवाई जारी है।

जस्टिस धर्मेश शर्मा ने खुद को मामले से अलग किया

आज की सुनवाई के दौरान जस्टिस धर्मेश शर्मा ने खुद को मामले से अलग कर लिया, यह बताते हुए कि उन्होंने तीस हजारी कोर्ट में इस मामले का फैसला सुनाया था। इसके बाद जस्टिस प्रतिभा सिंह ने निर्देश दिया कि मामला किसी अन्य बेंच को सौंपा जाए।

सेंगर की जमानत बढ़ाने की मांग पर कोर्ट का रुख

कुलदीप सिंह सेंगर (Kuldeep Singh Sengar) के वकील ने अंतरिम जमानत बढ़ाने का अनुरोध किया, यह बताते हुए कि एम्स ने उनके मोतियाबिंद के ऑपरेशन की तारीख 24 जनवरी तय की है। लेकिन अदालत ने उनकी मांग को खारिज करते हुए कहा कि पहले सरेंडर करें, इसके बाद जमानत अर्जी पर विचार किया जाएगा।

ट्रायल कोर्ट का फैसला और लंबित अपील

2019 में तीस हजारी कोर्ट ने कुलदीप सिंह सेंगर (Kuldeep Singh Sengar) को उन्नाव दुष्कर्म मामले में उम्रकैद और पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत के मामले में 10 साल की सजा सुनाई थी। कोर्ट ने सेंगर पर भारी जुर्माना भी लगाया था। इन फैसलों को सेंगर ने दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी है, जो अभी लंबित है।

मामले का पृष्ठभूमि

जून 2017 में पीड़िता ने सेंगर पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था। 2018 में पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत हुई थी। आरोप है कि सेंगर के भाई और उसके साथियों ने पीड़िता के पिता को पीटने के बाद पुलिस को सौंपा था। तीस हजारी कोर्ट ने 2019 में सेंगर को उम्रकैद और जुर्माने की सजा सुनाई थी।

राजनीतिक सफर

कुलदीप सिंह सेंगर ने अपने करियर की शुरुआत समाजवादी पार्टी (सपा) से की। वे बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और फिर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हुए। सेंगर उन्नाव के बांगरमऊ विधानसभा क्षेत्र से चार बार विधायक चुने गए।

(हिन्दुस्थान समाचार एजेंसी के इनपुट के साथ)

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सतीश झा की लेखनी में समाज की जमीनी सच्चाई और प्रगतिशील दृष्टिकोण का मेल दिखाई देता है। बीते 20 वर्षों में राजनीति, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय समाचारों के साथ-साथ राज्यों की खबरों पर व्यापक और गहन लेखन किया है। उनकी विशेषता समसामयिक विषयों को सरल भाषा में प्रस्तुत करना और पाठकों तक सटीक जानकारी पहुंचाना है। राजनीति से लेकर अंतरराष्ट्रीय मुद्दों तक, उनकी गहन पकड़ और निष्पक्षता ने उन्हें पत्रकारिता जगत में एक विशिष्ट पहचान दिलाई है
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