Uttar Pradesh Girl Ananya Viral Video : कौन है यूपी की अनन्या, जिसकी मदद के लिए आगे आए अखिलेश यादव

Uttar Pradesh Girl Ananya Viral Video : कौन है यूपी की अनन्या, जिसकी मदद के लिए आगे आए अखिलेश यादव

Authored By: JP Yadav

Published On: Thursday, April 3, 2025

Updated On: Saturday, April 5, 2025

Uttar Pradesh Girl Viral Video : कौन है यूपी की 8 साल की अनन्या, जिसका वीडियो देखकर सुप्रीम कोर्ट भी गया चौंका
Uttar Pradesh Girl Viral Video : कौन है यूपी की 8 साल की अनन्या, जिसका वीडियो देखकर सुप्रीम कोर्ट भी गया चौंका

Uttar Pradesh Girl Ananya Viral Video : उत्तर प्रदेश के अंबेडकरनगर में झोपड़ी के ढहने के वीडियो से सुप्रीम कोर्ट भी चौंक गया. इस स्टोरी में जानें क्या है पूरा मामला.

Authored By: JP Yadav

Updated On: Saturday, April 5, 2025

Uttar Pradesh Girl Ananya Viral Video: उत्तर प्रदेश में बुलडोजर एक्शन के मामले सामने आते रहते हैं. इसी कड़ी में अंबेडकरनगर में भी 21 मार्च को तोड़फोड़ की गई. इस तोड़फोड़ अभियान के दौरान वहां रखे बैग के पास एक शेड में आग लग गई. इस बीच एक छोटी बच्ची उसे बचाने के लिए दौड़ी. बैग लेकर दौड़ते हुए उस नन्ही बच्ची का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. इस वीडियो ने सुप्रीम कोर्ट को भी हैरान कर दिया. इस तरह एक झोपड़ी गिराने का मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है. उधर, आंबेडकर नगर पुलिस ने तोड़फोड़ का बचाव करते हुए कहा कि जलालपुर तहसीलदार की अदालत की ओर से पारित निष्कासन आदेश के बाद गांव की जमीन से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई है. उधर, समाजवादी पार्टी के प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शुक्रवार को एलान किया कि वह अंबेडकर नगर की 8 वर्षीय ‘वायरल गर्ल’ अनन्या की पढ़ाई का खर्चा उठाएंगे। अनन्या का एक वीडियो पिछले दिनों वायरल हुआ था, जिसमें वह बुलडोजर एक्शन के बीच अपनी किताबों को सीने से लगाकर भागते हुए दिखी थी. इस वीडियो की चर्चा सुप्रीम कोर्ट तक में हुई थी.

बोली ‘मैं आईएएस अधिकारी बनना चाहती हूं’

आंबेडकर नगर में अपने घर को बुलडोजर से गिराए जाने के दौरान आठ साल की अनन्या द्वारा हाथ में किताबें लेकर भागने के वीडियो ने सुप्रीम कोर्ट को हिला कर रख दिया. दरअसल, वीडियो देखने के बाद कोर्ट ने प्रयागराज में ‘अवैध’ तोड़फोड़ के लिए उत्तर प्रदेश सरकार को फटकार लगा दी. उधर, अनन्या का कहना है कि एक लक्ष्य है आईएएस अधिकारी बनना. झुग्गी-झोपड़ियों में पली-बढ़ी लड़की ने मीडिया के सामने कहा कि वह पढ़ना चाहती है और आईएएस अधिकारी बनना चाहती है.

किताबें लेने के लिए खतरा मोल लिया

अनन्या ने कहा कि घर में आग लगी हुई थी और बुलडोजर हमारे घर को गिरा रहा था, इसलिए वह अपनी किताबें लेने गई थी. उधर, बच्ची के दादा राम मिलन यादव का दावा है कि उनकी झोपड़ी के सामने रहने वाले एक आईएएस अधिकारी ने इसे गिरा दिया. उनका कहना है कि उन्हें नहीं पता कि वह (आईएएस अधिकारी जिसने कथित तौर पर झोपड़ी को गिराया) क्या सोचते हैं. राम मिलन यादव का कहना है कि उनके बेटे ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. कार्रवाई को लेकर उनका कहना है कि झोपड़ी क्यों गिराई गई. यह भी समझ में नहीं आ रहा है.

बुलडोजर एक्शन पर अखिलेश यादव ने फिर साधा निशाना

उधर, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद योगी सरकार पर निशाना साधा है. अखिलेश ने दस-दस लाख मुआवजा देने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत भी किया है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले दिनों प्रयागराज विकास प्राधिकरण को कानूनी प्रक्रिया का पालन किए बिना एक वकील और एक प्रोफेसर सहित छह घरों को अवैध रूप से ध्वस्त करने के लिए फटकार लगाई थी. सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति उज्जल भुयान की पीठ ने प्राधिकारियों को 6 प्रभावित लोगों को 10-10 लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया. सुनवाई के दौरान न्यायाधीशों ने इस बात पर हैरानी जताई कि किस तरह से ध्वस्तीकरण नोटिस जारी होने के 24 घंटे के भीतर घरों को ध्वस्त कर दिया गया. उन्होंने फैसला सुनाया कि यह कार्रवाई संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन है और यह सत्ता का अमानवीय और गैरकानूनी दुरुपयोग है.

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About the Author: JP Yadav
जेपी यादव डेढ़ दशक से भी अधिक समय से पत्रकारिता में सक्रिय हैं। वह प्रिंट और डिजिटल मीडिया, दोनों में समान रूप से पकड़ रखते हैं। अमर उजाला, दैनिक जागरण, दैनिक हिंदुस्तान, लाइव टाइम्स, ज़ी न्यूज और भारत 24 जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में अपनी सेवाएं दी हैं। कई बाल कहानियां भी विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हैं. मनोरंजन, साहित्य और राजनीति से संबंधित मुद्दों पर कलम अधिक चलती है। टीवी और थिएटर के प्रति गहरी रुचि रखते हुए जेपी यादव ने दूरदर्शन पर प्रसारित धारावाहिक 'गागर में सागर' और 'जज्बा' में सहायक लेखक के तौर पर योगदान दिया है. इसके अलावा, उन्होंने शॉर्ट फिल्म 'चिराग' में अभिनय भी किया है।
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