Rekha Gupta: क्या आप जानते हैं अलका लांबा और रेखा गुप्ता का एक खास कनेक्शन, कहां एक साथ किया है काम !

Rekha Gupta: क्या आप जानते हैं अलका लांबा और रेखा गुप्ता का एक खास कनेक्शन, कहां एक साथ किया है काम !

Authored By: JP Yadav

Published On: Thursday, February 20, 2025

Updated On: Thursday, February 20, 2025

Rekha Gupta: क्या आप जानते हैं अलका लांबा और रेखा गुप्ता का एक खास कनेक्शन, कहां एक साथ किया है काम
Rekha Gupta: क्या आप जानते हैं अलका लांबा और रेखा गुप्ता का एक खास कनेक्शन, कहां एक साथ किया है काम

Rekha Gupta Alka Lamba Relation Delhi University: दिल्ली विश्वविद्यालय स्टूडेंट यूनियन (DUSU) में रेखा गुप्ता ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और अलका लांबा ने एनएसयूआई के कार्यकर्ता के तौर पर चुनाव जीता था.

Authored By: JP Yadav

Updated On: Thursday, February 20, 2025

Rekha Gupta Alka Lamba Relation Delhi University: दिल्ली की नई मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता (Delhi New chief Minister Rekha Gupta) ने काफी संघर्ष और इंजतार के बाद यह मुकाम हासिल किया है. वह दिल्ली विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले दौलत राम कॉलेज (Daulat Ram College) में पढ़ाई के दौरान ही बतौर कार्यकर्ता अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (Akhil Bharatiya Vidyarthi Parishad) से जुड़ीं. रेखा गुप्ता की शुरुआत से ही भारतीय जनता पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता की छवि रही. उन्हें जो भी जिम्मेदारी दी गई, उसका ईमानदारी से निर्वहन किया.

लगातार 2 हार से भी नहीं टूटा हौसला

रेखा गुप्ता को संघर्षशील राजनेता के तौर पर जाना जाता है. दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में शालीमार बाग विधानसभा सीट से चुनाव जीती हैं. वह वंदना कुमारी को हराकर पहली बार विधायक बनीं. इस चुनाव में रेखा गुप्ता को कुल 68200 वोट मिले थे, जबकि आम आदमी पार्टी की वंदना कुमारी को 38605 वोट हासिल हुए थे. वहीं, कांग्रेस के प्रवीण कुमार जैन 4892 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे. इससे पहले दिल्ली विधानसभा चुनाव 2015 और 2020 में रेखा गुप्ता को वंदना कुमारी से हार का सामना करना पड़ा था. अरविंद केजरीवाल की लहर में रेखा गुप्ता लगातार दो बार चुनाव हारीं, लेकिन अपने हौसले को नहीं हारने दिया.

दिल्ली आईं तो सिर्फ 2 साल की थीं

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता मूलरूप से हरियाणा के जींद की रहने वाली हैं. उनका जन्म जींद में ही हुआ था, लेकिन पिता की नौकरी दिल्ली में लगने के चलते वह सिर्फ 2 साल की उम्र में दिल्ली आ गई. इसके बाद दिल्ली की होकर ही रह गई. उनकी स्कूलिंग से लेकर उच्च शिक्षा दिल्ली से हुई. दरअसल, रेखा गुप्ता के पिता स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में मैनेजर के पद पर कार्यरत थे. वर्ष 1976 में पिता का दबादला हुआ तो पूरा परिवार दिल्ली शिफ्ट हो गया. यह भी सच है कि अगर ऐसा नहीं हुआ होता तो वह दिल्ली की सीएम भी नहीं बनतीं.

क्या है अलका लांबा से कनेक्शन ?

रेखा गुप्ता ने 3 दशक पहले छात्र राजनीति से अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की और अब वह सीएम के पद पर विराजमान हैं. शैक्षिक सत्र 1995-96 में दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ (डूसू) की अध्यक्ष के तौर पर उन्होंने अपनी नेतृत्व क्षमता का लोहा मनवाया. रेखा जब डूसू अध्यक्ष थीं, तब जितेंद्र महाजन एबीवीपी में संगठन मंत्री थी. दरअसल, अलका लांबा 1995-96 में दिल्ली विश्वविद्यालय स्टूडेंट यूनियन (DUSU) की अध्यक्ष बनी तो उसी साल रेखा गुप्ता सचिव बनीं थीं.

रेखा गुप्ता : डीयू की स्टूडेंट से दिल्ली की CM तक का सफर

  • 1994-95: दिल्ली विश्वविद्यालय के दौलतराम कॉलेज में स्टूडेंट विंग की सचिव
  • 1995-96: दिल्ली विश्वविद्यालय स्टूडेंट यूनियन (DUSU) की सचिव बनीं
  • 1996-97:दिल्ली विश्वविद्यालय स्टूडेंट यूनियन (DUSU) की अध्यक्ष बनीं
  • 2003-04: भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा दिल्ली की सचिव
  • 2004-06: भाजपा युवा मोर्च की राष्ट्रीय सचिव
  • 2007: दिल्ली के उत्तरी प्रीतमपुरा वार्ड से पार्षद, भाजपा महिला मोर्चा की राज्य सचिव
  • 2009: दिल्ली में राज्य महिला मोर्चा भाजपा की महासचिव
  • 2010: भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य
  • 2012: उत्तरी पीतमपुरा वार्ड से लगातार दूसरी बार पार्षद
  • 2015: शालीमार बाग विधानसभा सीट पर 11000 से अधिक मतों से वंदना कुमार से हारीं
  • 2020: शालीमार बाग विधानसभा सीट पर 4000 से अधिक मतों से वंदना कुमार से हारीं
  • 2022: शालीमार बाग-बी वार्ड से पार्षद चुनी गईं
  • 2025: शालीमार बाग विधानसभा से भारी मतों से चुनाव जीता

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About the Author: JP Yadav
जेपी यादव डेढ़ दशक से भी अधिक समय से पत्रकारिता में सक्रिय हैं। वह प्रिंट और डिजिटल मीडिया, दोनों में समान रूप से पकड़ रखते हैं। अमर उजाला, दैनिक जागरण, दैनिक हिंदुस्तान, लाइव टाइम्स, ज़ी न्यूज और भारत 24 जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में अपनी सेवाएं दी हैं। कई बाल कहानियां भी विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हैं. मनोरंजन, साहित्य और राजनीति से संबंधित मुद्दों पर कलम अधिक चलती है। टीवी और थिएटर के प्रति गहरी रुचि रखते हुए जेपी यादव ने दूरदर्शन पर प्रसारित धारावाहिक 'गागर में सागर' और 'जज्बा' में सहायक लेखक के तौर पर योगदान दिया है. इसके अलावा, उन्होंने शॉर्ट फिल्म 'चिराग' में अभिनय भी किया है।
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