PF के साथ मुफ्त में होता है 7 लाख रुपये का बीमा, जानें कैसे मिलता है लाभ

PF के साथ मुफ्त में होता है 7 लाख रुपये का बीमा, जानें कैसे मिलता है लाभ

Authored By: Suman

Published On: Wednesday, June 18, 2025

Last Updated On: Wednesday, June 18, 2025

PF के साथ मिलता है 7 लाख रुपये का मुफ्त बीमा, जानिए कैसे पाएं लाभ
PF के साथ मिलता है 7 लाख रुपये का मुफ्त बीमा, जानिए कैसे पाएं लाभ

ईपीएफओ में प्रोविडेंट फंड (PF) खाता रखने वाले सदस्यों को 7 लाख रुपये तक का बीमा कवरेज मिलता है. सबसे अच्छी बात यह है कि यह इंश्योरेंस बिल्कुल मुफ्त है.

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Last Updated On: Wednesday, June 18, 2025

Insurance Benefit on PF: इस बात की जानकारी कम ही लोगों को होती है कि ईपीएफओ में प्रोविडेंट फंड (PF) खाता रखने वाले सदस्यों को 7 लाख रुपये तक का बीमा कवरेज मिलता है. सबसे अच्छी बात यह है कि यह इंश्योरेंस बिल्कुल मुफ्त है यानी इसके लिए खाताधारक को एक रुपये का भी प्रीमियम नहीं देना पड़ता.

एंप्लॉयीज डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस स्कीम (EDLI) 1976 के तहत EPFO के सभी सदस्यों को यह कवरेज मिलता है. इके तहत कर्मचारी की किसी बीमारी, दुर्घटना या स्वाभाविक मृत्यु होने पर यह बीमा कवर मिल सकता है और ऐसी स्थिति में कर्मचारी के कानूनी वारिसों को 7 लाख रुपये तक की मदद मिल सकती है. इस स्कीम का लाभ उठाने की शर्त क्या है और इसमें क्लेम अमाउंट की गणना कैसे होती है, आइए इसे समझते हैं.

कैसे मिलता है फायदा

कोई भी सैलरीड यानी नौकरीपेशा व्यक्ति है, अगर उसका प्रोविडेंट फंड खाता है यानी उसकी सैलरी से पीएफ कटता है तो उसे अपने आप यानी स्वाभाविक रूप से यह 7 लाख रुपये तक का बीमा कवर मिल जाएगा. यह बीमा कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) से मिलता है. इसका लाभ उन सभी कर्मचारियों को मिलता है जिनका बेसिक 15 हजार रुपये से कम है. हालांकि जिन सदस्यों का बेसिक वेतन 15 हजार रुपये से ज्यादा है उन्हें भी अधिकतम 6 लाख रुपये तक का बीमा कवर मिलता है.

कैसे होती है क्लेम अमाउंट की गणना

इसके तहत किसी ईपीएफ मेंबर की मौत होने की दशा में उसके एक साल पहले के औसत मासिक वेतन (बेसिक सैलरी + डीए) के 35 गुना तक क्लेम दिया जाता है. इसके अलावा अधिकतम 1.75 लाख रुपये का बोनस भी दिया जाता है. हालांकि कुल रकम 7 लाख रुपये से ज्यादा नहीं हो सकती. उदाहरण के लिए मान लिया किसी कर्मचारी का पिछले 12 महीने का औसत वेतन 15 हजार रुपये महीना है तो उसके परिजनों को इंश्योरेंस क्लेम राशि (35 x 15,000) + 1,75,000 = 7,00,000 यानी 7 लाख रुपये मिलेगी.

किसी पीएफ खाताधारक की मौत पर उसके कानूनी वारिस इस तरह के बीमा कवर के लिए दावा कर सकते हैं. अगर कोई नॉमिनी 18 साल से कम है तो उसकी तरफ से कोई अन्य अभिभावक अप्लाई कर सकता है. इसके लिए कर्मचारी की डेथ सर्टिफिकेट और उत्तराधिकार सर्टिफिकेट पेश करना होगा. अगर क्लेम माइनर की तरफ से किया जा रहा है तो उसके लिए एक डेट सर्टिफिकेट और बैंक का ब्योरा देना होगा.

इस इंश्योरेंस पर क्लेम नौकरी के दौरान होने वाली मौत पर ही किया जा सकता है. चाहे वह दफ्तर में हो या फिर छुट्टी पर. लेकिन, रिटायरमेंट के बाद यह इंश्योरेंस क्लेम नहीं मिलता. यानी कर्मचारी की नौकरी के दौरान मौत होने पर ही यह क्लेम मिलेगा. अगर वह रिटायर हो गया तो रिटायरमेंट के बाद उसकी मौत पर यह क्लेम नहीं मिलेगा.

About the Author: Suman
सुमन गुप्ता एक स्वतंत्र पत्रकार हैं जो आर्थिक और राजनीतिक विषयों पर अच्छी पकड़ रखती हैं। कई पत्र—पत्रिकाओं के लिए पिछले दस साल से स्वतंत्र रूप से लेखन। राष्ट्रीय राजनीति, कोर इकोनॉमी, पर्सनल फाइनेंस, शेयर बाजार आदि से जुड़े उनके सैकड़ों रिपोर्ट, आर्टिकल प्रकाशित हो चुके हैं।
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