एक साल में ही SIP अकाउंट हो गए आधे, शेयर बाजार से डरें या बनाए रखें निवेश

एक साल में ही SIP अकाउंट हो गए आधे, शेयर बाजार से डरें या बनाए रखें निवेश

Authored By: Suman

Published On: Friday, March 7, 2025

Updated On: Friday, March 7, 2025

बाजार के उतार-चढ़ाव से बहुत से निवेशक घबरा जाते हैं. शायद यही वजह है कि हाल के वर्षों में बड़ी संख्या में म्यूचुअल फंडों के सिस्टमेटिक इनवेस्टमेंट प्लान (Mutual Fund SIP) खाते बंद हुए हैं.

Authored By: Suman

Updated On: Friday, March 7, 2025

शेयर बाजार (Share Market)  में निवेश करना और पैसा बनाना आसान काम नहीं है. इसके लिए बहुत नॉलेज और धैर्य की जरूरत होती है. बाजार के उतार-चढ़ाव से बहुत से निवेशक घबरा जाते हैं. शायद यही वजह है कि हाल के वर्षों में बड़ी संख्या में म्यूचुअल फंडों के सिस्टमेटिक इनवेस्टमेंट प्लान (Mutual Fund SIP) खाते बंद हुए हैं.

कोविड के बाद घरेलू म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री ने काफी तेज तरक्की की थी. सिस्टमेटिक इनवेस्टमेंट प्लान के रजिस्ट्रेशन में भी काफी उछाल आया था, लेकिन अब सिप अकाउंट काफी तेजी से बंद भी होते दिख रहे हैं.

एक आर्थिक अखबार की रिपोर्ट के अनुसार साल 2023 में रिकॉर्ड 3.48 करोड़ सिप खाते रजिस्टर किए गए थे. लेकिन 2024 के अंत तक इनमें से सिर्फ 1.82 करोड़ ही एक्टिव रह पाए हैं. यानी एक साल में ही म्यूचुअल फंड के सिप खाते करीब आधे हो गए.

इसकी तुलना में पिछले वर्षों में सिप खाते कम बंद हुए थे. साल 2022 में कुल 2.57 करोड़ नए खाते रजिस्टर किए गए थे लेकिन उनमें से करीब 42 फीसदी खाते 2023 के अंत में बंद हो गए थे. वैसे कुल खातों की बात करें तो साल 2024 तक सिप खातों की संख्या रिकॉर्ड 10 करोड़ तक पहुंच गई है.

क्या है वजह

एक तरह एसआईपी रजिस्ट्रेशन का रिकॉर्ड बन रहा है तो दूसरी तरफ खाते भी बड़ी संख्या में बंद हो रहे हैं. इससे यह लगता है कि निवेशक अपने पोर्टफोलियो में तेजी से बदलाव कर रहे हैं. इसकी सबसे बड़ी वजह शेयर बाजार के भारी उतार-चढ़ाव से डर ही हो सकती है.

एक और वजह फिनटेक प्लेटफॉर्म की सक्रियता भी है. असल में फिनटेक प्लेटफॉर्म से SIP  खाते खोलना आसान हुआ है जिससे लोग खासकर महिलाएं बड़ी संख्या में एसआईपी खाते खोल रही हैं, लेकिन लोग इतनी आसानी से ही खाते बंद भी कर लेते हैं. खाते खोलना आसान होने के कारण लोग नुकसान की स्थिति में पुराने खाते बंद कर नए में स्विच कर जाते हैं.

अभी के हालात पर ही नजर डालें तो शेयर बाजार में भारी उतार-चढ़ाव के बीच निवेशक बड़ी संख्या में एसआईपी को बंद कर रहे हैं. जनवरी 2025 में ही एसआईपी स्टॉपेज रेश्यो 109 फीसदी हो गया. यह अनुपात एक्सपायर्ड एसआईपी अकाउंट की तुलना में नए एसआईपी रजिस्ट्रेशन की संख्या को दिखाता है. एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के डेटा से पता चलता है कि जनवरी में करीब 5.14 लाख एसआईपी खाते बंद हुए .

क्या करना चाहिए

सभी जानकार यह कहते हैं कि शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव से निवेशकों को घबराना नहीं चाहिए. अगर आप म्यूचुअल फंड में लॉन्ग टर्म में निवेश करते हैं यानी 5 से 10 साल तक लगातार निवेश करते हैं तो आपको आसानी से 12 से 15 फीसदी का रिटर्न मिल जाता है. इतना अच्छा रिटर्न किसी भी और साधन में नहीं मिलता. जब शेयर बाजार गिरता है तो निवेशक को फायदा यह होता है कि उसे यूनिट सस्ते में मिलने लगते हैं. इसलिए उसे बाजार गिरने का ज्यादा नुकसान नहीं होता.

About the Author: Suman
सुमन गुप्ता एक स्वतंत्र पत्रकार हैं जो आर्थिक और राजनीतिक विषयों पर अच्छी पकड़ रखती हैं। कई पत्र—पत्रिकाओं के लिए पिछले दस साल से स्वतंत्र रूप से लेखन। राष्ट्रीय राजनीति, कोर इकोनॉमी, पर्सनल फाइनेंस, शेयर बाजार आदि से जुड़े उनके सैकड़ों रिपोर्ट, आर्टिकल प्रकाशित हो चुके हैं।
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