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Ayurved for Covid : बीएचयू के शोधकर्ताओं का आयुर्वेदिक फॉर्मूलेशन 95 फीसदी से अधिक कोविड वायरस को रोकने में होगा सक्षम, मिला भारतीय पेटेंट
Ayurved for Covid : बीएचयू के शोधकर्ताओं का आयुर्वेदिक फॉर्मूलेशन 95 फीसदी से अधिक कोविड वायरस को रोकने में होगा सक्षम, मिला भारतीय पेटेंट
Authored By: स्मिता
Published On: Tuesday, September 24, 2024
Last Updated On: Thursday, May 1, 2025
बनारस हिंदू विश्वद्यालय के सेंटर फॉर जेनेटिक डिसऑर्डर्स (Center for Genetic Disorders) के शोधकर्ताओं की टीम को कोविड वायरस को रोकने वाले आयुर्वेदिक फॉर्मूलेशन में सफलता मिली है। इस फॉर्मूलेशन का आधार अश्वगंधा और शहतूत का चिकित्सीय गुण है। कोविड वायरस को 95 फीसदी से अधिक रोकने में सक्षम है यह प्राकृतिक नवाचार।
Authored By: स्मिता
Last Updated On: Thursday, May 1, 2025
SARS-CoV-2 वायरस के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में बीएचयू को एक महत्वपूर्ण सफलता हासिल हुई है। विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर जेनेटिक डिसऑर्डर्स के शोधकर्ताओं की टीम को एक नए आयुर्वेदिक फॉर्मूलेशन के लिए भारतीय पेटेंट प्रदान किया गया है। इस अनोखे फॉर्मूलेशन में अश्वगंधा और शहतूत के फाइटोमॉलिक्यूल्स का संयोजन किया गया है। इसने सेल लाइन्स में (SARS-CoV-2) वायरस की वृद्धि को 95 फीसदी से अधिक रोकने की प्रभावशीलता दिखाई है। यह खोज कोविड-19 के भविष्य के उपचार के लिए एक प्रभावी विकल्प (Ayurved for Covid) के रूप में उभर रही है।
परिश्रम को मिला भारतीय पेटेंट (Indian Patent for Ayurvedic medicine)
शोधकर्ता टीम के अनुसार इस कार्य से संबंधित दो अंतरराष्ट्रीय और दो भारतीय पेटेंट दाखिल किए जा चुके हैं। इससे पहले इसी प्रकार के कार्य के लिए दो जर्मन पेटेंट पहले ही दिए जा चुके हैं। यह भारतीय पेटेंट टीम की कड़ी मेहनत का प्रमाण है, जो कोविड-19 महामारी के शुरुआती दिनों से चल रही है। प्रोफेसर परिमल दास के नेतृत्व में इस टीम में प्रशांत रंजन (पीएचडी स्कॉलर), नेहा (पीएचडी स्कॉलर), चंद्रा देवी (पीएचडी स्कॉलर), डॉ गरिमा जैन (MPDF), प्रशस्ति यादव (पीएचडी स्कॉलर), डॉ चंदना बसु मलिक (वेलकम ट्रस्ट फेलो) और डॉ भाग्यलक्ष्मी महापात्र (जूलॉजी विभाग,बीएचयू) शामिल हैं। यह सहयोगात्मक प्रयास आयुर्वेदिक फाइटोमॉलिक्यूल्स की आधुनिक चिकित्सा अनुसंधान में क्षमता को भी दर्शाता है।
फॉर्मूलेशन का आधार अश्वगंधा और शहतूत (Ashwagandha Benefits)
इस फॉर्मूलेशन का आधार अश्वगंधा (Ashwagandha for Covid) और शहतूत (Mulberry Benefits) का चिकित्सीय गुण है। यह लंबे समय से आयुर्वेदिक चिकित्सा में उपयोग किया जाता है। कोविड वायरस को 95 फीसदी से अधिक रोकने में सक्षम यह प्राकृतिक नवाचार अब सेल लाइन्स में सफलतापूर्वक सिद्ध हो चुका है। अनुसंधान का अगला चरण चूहों पर परीक्षण और फिर मानवों में इसके प्रभाव की जांच के लिए क्लिनिकल ट्रायल्स करना है।
प्रो. परिमल दास के अनुसार, इस आशाजनक विकास के बावजूद, शोध टीम को वित्तीय चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। खासकर आगे के परीक्षणों और क्लिनिकल ट्रायल्स के लिए जरूरी फंडिंग जुटाने में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। फिर भी यह उपलब्धि शोध टीम के समर्पण और कठिन परिश्रम का प्रमाण है। इस फॉर्मूलेशन की भविष्य में काफी संभावनायें हैं।
(हिन्दुस्थान समाचार के इनपुट के साथ)
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