FSSAI ने मिल्क और मिल्क प्रोडक्ट की A1, A2 लेबलिंग हटाने का दिया निर्देश, यह लेबलिंग खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 के अनुरूप नहीं

FSSAI ने मिल्क और मिल्क प्रोडक्ट की A1, A2 लेबलिंग हटाने का दिया निर्देश, यह लेबलिंग खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 के अनुरूप नहीं

Authored By: स्मिता

Published On: Saturday, August 24, 2024

Updated On: Wednesday, February 5, 2025

fssai ban milk product
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खाद्य सुरक्षा नियामक FSSAI ने ई-कॉमर्स कंपनियों सहित खाद्य व्यवसायों को दूध और दूध उत्पादों के पैकेजिंग से 'A1' और 'A2' प्रकार की लेबलिंग के दावों को हटाने का निर्देश दिया। खाद्य सुरक्षा नियामक ने इस तरह की लेबलिंग को भ्रामक बताया।

Authored By: स्मिता

Updated On: Wednesday, February 5, 2025

मिल्क और मिल्क प्रोडक्ट के पैकेट पर हम ‘A1’ और ‘A2’ की लेबलिंग देखते हैं। यह लेबल देखकर अब तक हम दूध और दूध से तैयार उत्पाद को बहुत बढ़िया और बढ़िया मानते आये हैं। हाल में भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने कहा कि ये दावे खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 के अनुरूप नहीं हैं। अपने नवीनतम आदेश में FSSAI ने कहा कि उसने इस मुद्दे की जांच की। जांच में पाया कि A1 और A2 की लेवलिंग दूध में बीटा-कैसिइन प्रोटीन (beta casein protein) की संरचना से जुड़ा हुआ है।

A1′ और ‘A2’ लेबलिंग हटाने का दिया निर्देश ( A1 and A2 Labeling)

भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने खाद्य सुरक्षा मानकों को बढ़ाने के लिए यह महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इसके अनुसार, ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म सहित खाद्य व्यवसायों को प्राधिकरण ने अपने पैकेजिंग से ‘A1’ और ‘A2’ प्रकार के दूध और दूध उत्पादों के बारे में दावों को हटाने का निर्देश दिया है। नियामक ने इस तरह की लेबलिंग को भ्रामक और खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के साथ असंगत माना है।

मिल्क प्रोडक्ट से ‘A1’ और ‘A2’ की लेबलिंग हटाएं ( A1 and A2 Labeling)

वर्तमान में FSSAI इस तरह के विभेद को मान्यता नहीं देता है। खाद्य व्यवसाय संचालकों का हवाला देते हुए नियामक ने कहा , FBO को अपने उत्पादों से ऐसे दावों को हटा लेना चाहिए।

ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म को भी इन दावों को उत्पादों और वेबसाइटों से तुरंत हटाने के लिए कहा गया है। कंपनियों को प्री-प्रिंटेड लेबल खत्म करने के लिए छह महीने का समय दिया गया है। यह समय सीमा खत्म होने के बाद कोई और विस्तार नहीं दिया जाएगा।

A1 और A2 दूध में बीटा-कैसिइन प्रोटीन की संरचना अलग-अलग होती है, जो गाय की नस्ल के आधार पर अलग-अलग होती है। नियामक ने इस निर्देश का सख्ती से पालन करने पर जोर दिया।

क्या है बीटा-कैसिइन (beta casein)

बीटा-कैसिइन छह दूध प्रोटीनों में से एक है। यह CSN2 जीन द्वारा बनाया जाता है। CSN2 के 15 आनुवंशिक रूप ज्ञात हैं, जो बीटा-कैसिइन प्रोटीन में कुछ अमीनो एसिड में परिवर्तन का कारण बनते हैं। इसके गुणों को बदल देते हैं। 67वें स्थान पर मौजूद अमीनो एसिड के आधार पर इन रूपों को 2 समूहों में वर्गीकृत किया जाता है – A1 और A2।

बीटा-कैसिइन के फंक्शन (beta casein function)

बीटा कैसिइन विभिन्न बायोएक्टिव पेप्टाइड्स के लिए संसाधन है, जो पाचन के दौरान उत्पन्न होते हैं। ये बायोएक्टिव पेप्टाइड रिसेप्टर्स से जुड़ते हैं और विभिन्न मॉलीक्यूलर पाथ को प्रभावित करते हैं । विशिष्ट प्रकार के पेप्टाइड मूल प्रोटीन के आधार पर निर्धारित किये जाते हैं।

About the Author: स्मिता
स्मिता धर्म-अध्यात्म, संस्कृति-साहित्य, और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर शोधपरक और प्रभावशाली पत्रकारिता में एक विशिष्ट नाम हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में उनका लंबा अनुभव समसामयिक और जटिल विषयों को सरल और नए दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत करने में उनकी दक्षता को उजागर करता है। धर्म और आध्यात्मिकता के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और साहित्य के विविध पहलुओं को समझने और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने में उन्होंने विशेषज्ञता हासिल की है। स्वास्थ्य, जीवनशैली, और समाज से जुड़े मुद्दों पर उनके लेख सटीक और उपयोगी जानकारी प्रदान करते हैं। उनकी लेखनी गहराई से शोध पर आधारित होती है और पाठकों से सहजता से जुड़ने का अनोखा कौशल रखती है।
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