Flavonoids for Dementia : डिमेंशिया के जोखिम को 28% तक कम कर सकता है फ्लेवोनॉयड फ़ूड, स्टडी

Flavonoids for Dementia : डिमेंशिया के जोखिम को 28% तक कम कर सकता है फ्लेवोनॉयड फ़ूड, स्टडी

Authored By: स्मिता

Published On: Friday, September 27, 2024

Last Updated On: Sunday, April 27, 2025

flavonoids for dementia
flavonoids for dementia

फ्लेवोनॉयड बायोएक्टिव कंपाउंड हैं, जो फलों और सब्जियों जैसे प्लांट बेस्ड खाद्य पदार्थों में पाए जाते हैं। वे सूजन को कम करने, ब्लड वेसल्स के कार्य में सुधार करने और संभावित रूप से न्यूरोजेनेसिस (मस्तिष्क में नए न्यूरॉन्स बनाने) को बढ़ावा देने सहित कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करते हैं।

Authored By: स्मिता

Last Updated On: Sunday, April 27, 2025

वर्तमान में डिमेंशिया (Dementia) का कोई इलाज नहीं है। इसलिए इस रोग की रोकथाम आवश्यक है। फ्लेवोनॉयड बायोएक्टिव कंपाउंड हैं, जो फलों और सब्जियों जैसे प्लांट बेस्ड खाद्य पदार्थों में पाए जाते हैं। वे सूजन को कम करने, ब्लड वेसल्स के कार्य में सुधार करने और संभावित रूप से न्यूरोजेनेसिस (मस्तिष्क में नए न्यूरॉन्स बनाने) को बढ़ावा देने सहित कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करते हैं। हाल में हुई एक स्टडी से पता चला है कि फ्लेवोनॉयड युक्त आहार डिमेंशिया के जोखिम को 28% तक कम कर सकता (Flavonoids for Dementia) है।

क्या है स्टडी (Study on Dementia)

स्टडी में लगभग 122,000 वयस्कों को शामिल कर उनका अवलोकन किया गया। अध्ययन से पता चला है कि फ्लेवोनॉयड युक्त आहार डिमेंशिया के जोखिम को काफी कम कर सकता है, खासकर उन लोगों के लिए जिनमें आनुवंशिक प्रवृत्ति या हाई ब्लड प्रेशर या अवसाद जैसे जोखिम कारक हैं। यह अध्ययन संज्ञानात्मक गिरावट को धीमा करने में मदद करने में फ्लेवोनोइड्स की भूमिका पर मौजूदा शोध का समर्थन करता है। यह दर्शाता है कि आहार में अधिक फ्लेवोनोइड युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल करना मनोभ्रंश के जोखिम को कम करने में मददगार हो सकता है। इस स्टडी के निष्कर्ष जर्नल ऑफ़ अमेरिकन मेडिकल एसोशियेसन (JAMA) में प्रकाशित हुए हैं।

फ्लेवोनोइड्स के सेवन का मूल्यांकन (Flavonoids Foods for Dementia)

यह स्टडी ब्रिटेन के क्वीन्स यूनिवर्सिटी बेलफास्ट के शोधकर्ताओं के नेतृत्व में किया गया। इस अध्ययन में 40 से 70 वर्ष की आयु के वयस्कों के डेटा का उपयोग करके आहार और डिमेंशिया के बीच संबंधों की जांच की गई। अध्ययन में वैध डेटा वाले प्रतिभागियों को शामिल किया गया था।इनके आहार का लगातार 24-घंटे मूल्यांकन किया गया था। जिन लोगों को पहले से ही मनोभ्रंश था, उन्हें अध्ययन में शामिल नहीं किया गया था। इसमें 55.6% महिलाएं शामिल थीं, जिनकी औसत आयु 56 वर्ष थी। शोधकर्ताओं ने प्रतिभागियों के फ्लेवोनोइड्स के सेवन का मूल्यांकन प्रतिदिन प्रमुख फ्लेवोनोइड-समृद्ध खाद्य पदार्थों की सर्विंग्स को जोड़कर किया गया।

फ्लेवोनोइड-समृद्ध खाद्य पदार्थ (Flavonoids Foods for Dementia)

flavonoids foods for dementia

ब्लैक और ग्रीन टी, बेरी (स्ट्रॉबेरी और ब्लूबेरी), रेड वाइन, सेब, अंगूर, संतरे, प्याज, डार्क चॉकलेट को भोजन में शामिल किया गया। 9.2 वर्षों के औसत अनुवर्ती अध्ययन में डिमेंशिया के 882 मामले सामने आए। जो लोग सबसे अधिक फ्लेवोनॉयड युक्त खाद्य पदार्थ खाते थे, वे शारीरिक रूप से अधिक सक्रिय थे। उनका बॉडी मास इंडेक्स कम था। कम खाने वालों की तुलना में उन्हें कम शारीरिक कठिनाई का सामना करना पड़ा।

फ्लेवोडाइट नहीं लेने पर जोखिम बढ़ जाता है (Dementia Risks)

शोधकर्ताओं ने पाया कि सबसे अधिक फ्लेवोनॉयड सेवन करने वाले प्रतिभागियों ने औसतन प्रतिदिन फ्लेवोनॉयड युक्त खाद्य पदार्थों की अतिरिक्त 6 सर्विंग्स का सेवन किया। उनमें सबसे कम सेवन करने वालों की तुलना में डिमेंशिया विकसित होने की संभावना 28% कम थी। आगे के विश्लेषण में यह संबंध विशेष रूप से उच्च आनुवंशिक जोखिम, उच्च रक्तचाप या अवसादग्रस्तता के लक्षणों वाले व्यक्तियों में ध्यान देने योग्य था। यह क्रमशः 43%, 30% और 48% जोखिम की कमी दर्शाता है। प्रतिदिन कम से कम चाय की 5 सर्विंग, रेड वाइन की एक सर्विंग या बेरीज की आधी सर्विंग सबसे अधिक सुरक्षात्मक लाभ प्रदान करती है। जो इन मात्राओं का सेवन न करने वालों की तुलना में डिमेंशिया के जोखिम को 38% तक कम करती है। वास्तव में यदि चाय, रेड वाइन और बेरीज को फ्लेवोडाइट स्कोर से बाहर रखा जाता है, तो सुरक्षात्मक प्रभाव कम हो जाता है। यह दर्शाता है कि ये डिमेंशिया के जोखिम को कम करने में प्राथमिक योगदानकर्ता हो सकते हैं।

ब्रेन पर कैसे काम करता है फ्लेवनॉइड्स (How does Flavonoids work on Brain)

डिमेंशिया जर्नल के अनुसार डायटरी फ्लेवोनोइड्स की न्यूरो -प्रोटेक्टिव क्रियाएं मस्तिष्क के भीतर अनेक प्रभाव डालती हैं। इनमें न्यूरोटॉक्सिन से प्रेरित क्षति के विरुद्ध न्यूरॉन्स की रक्षा करने की क्षमता, न्यूरोटॉक्सिन को दबाने की क्षमता, मेमोरी (Memory), सीखने और संज्ञानात्मक कार्य को बढ़ावा देने की क्षमता होती है।

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About the Author: स्मिता
स्मिता धर्म-अध्यात्म, संस्कृति-साहित्य, और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर शोधपरक और प्रभावशाली पत्रकारिता में एक विशिष्ट नाम हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में उनका लंबा अनुभव समसामयिक और जटिल विषयों को सरल और नए दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत करने में उनकी दक्षता को उजागर करता है। धर्म और आध्यात्मिकता के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और साहित्य के विविध पहलुओं को समझने और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने में उन्होंने विशेषज्ञता हासिल की है। स्वास्थ्य, जीवनशैली, और समाज से जुड़े मुद्दों पर उनके लेख सटीक और उपयोगी जानकारी प्रदान करते हैं। उनकी लेखनी गहराई से शोध पर आधारित होती है और पाठकों से सहजता से जुड़ने का अनोखा कौशल रखती है।
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