WHO की चेतावनी : मध्य अफ्रीका में मंकीपॉक्स के नए स्ट्रेन का प्रकोप घातक, कितना खतरनाक है यह रोग

WHO की चेतावनी : मध्य अफ्रीका में मंकीपॉक्स के नए स्ट्रेन का प्रकोप घातक, कितना खतरनाक है यह रोग

Authored By: स्मिता

Published On: Wednesday, August 7, 2024

Last Updated On: Thursday, May 1, 2025

monkey pox virus
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मध्य अफ्रीका में मंकीपॉक्स (Monkey pox) का नया वेरिएंट कहर बरपा रहा है। इसने जनवरी में अकेले कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में लगभग 500 लोगों की जान ले ली है। वर्ल्ड वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के डायरेक्टर डॉ. टेड्रोस अदनोम घेब्येयियस अपने ट्विटर हेंडल पर आने वाले समय में इस रोग को ग्लोबल एमरजेंसी (Global Emergency) के रूप में देखने की बात कहते हैं।

Authored By: स्मिता

Last Updated On: Thursday, May 1, 2025

इस लेख में:

मंकीपॉक्स (Monkey pox) का नया वेरिएंट सामने आया है। वर्ल्ड वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के विशेषज्ञ बताते हैं कि वैरिएंट में आनुवंशिक परिवर्तन हुआ है। इस कारण यह और अधिक खतरनाक हो गया है। मध्य अफ्रीका के देश में ट्रांसफॉर्म हुए एमपॉक्स स्ट्रेन का कहर जारी है। तेजी से फैलने वाले इस वायरस के 2024 में मध्य अफ्रीका के देश कांगो में 12,300 से अधिक लोगों को संक्रमित होने की आशंका है। यहीं इसे पहली बार एक साल से भी कम समय पहले रिपोर्ट किया गया था। आइवरी कोस्ट, केन्या और अन्य अफ्रीकी देशों में इसका संक्रमण फ़ैल सकता है। 2023 में भारत में भी मंकीपॉक्स के 27 मामले सामने आये थे, जिनमें 12 मामले सिर्फ केरल में देखे गए थे। हालांकि इस साल इसका कोई मामला दिखाई नहीं दे रहा है, लेकिन वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइज़ेशन सभी देशों को सतर्क रहने की सलाह देता है।

संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है एमपॉक्स (Monkey pox)

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइज़ेशन (World Health Organisation) की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार एमपॉक्स (Monkey pox) एक संक्रामक रोग है, जो मंकीपॉक्स वायरस (Monkey pox Virus) के कारण होता है। इससे बड़े-बड़े दाने, बढ़े हुए लिम्फ नोड्स और बुखार हो सकता है। ज़्यादातर लोग पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं, लेकिन कुछ लोगों को यह गंभीर से बीमार कर सकता है।

एमपॉक्स संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है (Monkey pox Transmission)

  • व्यक्ति, स्पर्श, किस या सेक्स के माध्यम से
  • पशुओं का शिकार करते समय, उनके साथ खेलते समय, उनकी खाल उतारते समय या उन्हें पकाते समय
  • दूषित चादरें, कपड़े या सुई जैसी सामग्री
  • गर्भवती महिला से अजन्मे बच्चे तक वायरस जा सकता है।
  • ट्रांसमिशन घावों से भी हो सकता है (Monkey pox)
  • एमपॉक्स का व्यक्ति-से-व्यक्ति संचरण संक्रामक त्वचा या अन्य घावों जैसे मुंह या जननांगों के साथ सीधे संपर्क के माध्यम से हो सकता है।
  • आमने-सामने (बात करना या सांस लेना)
  • त्वचा से त्वचा (स्पर्श करना या योनि/गुदा मैथुन)
  • ओरल किस
  • मुंह से त्वचा का संपर्क (ओरल सेक्स या किस)
  • लंबे समय तक नज़दीकी संपर्क से श्वसन की बूंदें या कम दूरी के एरोसोल

संकेत और लक्षण (Symptoms of Monkey Pox)

एमपॉक्स के लक्षण आमतौर पर एक सप्ताह के भीतर शुरू दिखने लगते हैं। यह संपर्क में आने के 1-21 दिन बाद शुरू हो सकते हैं। लक्षण आमतौर पर 2-4 सप्ताह तक रहते हैं। कमज़ोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले व्यक्ति में यह लंबे समय तक रह सकता है।

एमपॉक्स के सामान्य लक्षण :

  • दाने
  • बुखार
  • गले में खराश
  • सिरदर्द
  • मांसपेशियों में दर्द
  • पीठ दर्द
  • एनर्जी लेस फील करना
  • सूजी हुई लिम्फ नोड्स

उपचार और वैक्सीनेशन (Monkey pox Treatment)

  • एमपॉक्स के उपचार का लक्ष्य दाने की देखभाल करना, दर्द को प्रबंधित करना और जटिलताओं को रोकना है। लक्षणों को प्रबंधित करने और आगे की समस्याओं से बचने के लिए प्रारंभिक और सहायक देखभाल महत्वपूर्ण है।
  • एमपॉक्स का टीका लगवाने से संक्रमण को रोकने में मदद मिल सकती है। एमपॉक्स से पीड़ित व्यक्ति के संपर्क में आने के 4 दिनों के भीतर टीका लगवाना चाहिए ( यदि कोई लक्षण नहीं हैं तो 14 दिनों के भीतर)।
  • हाई रिस्क वाले लोगों को एमपॉक्स से संक्रमण को रोकने के लिए टीका लगवाने की सलाह दी जाती है, खासकर प्रकोप के दौरान। एमपॉक्स से पीड़ित व्यक्तियों की देखभाल अन्य लोगों से दूर की जानी चाहिए।
  • मूल रूप से चेचक के इलाज के लिए विकसित किए गए टेकोविरिमैट जैसे कई एंटीवायरल का इस्तेमाल एमपॉक्स के इलाज के लिए किया जाता है। आगे स्टडी की जा रही है।
  • सेल्फ केयर और रोकथाम (Self Care)
  • वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइज़ेशन के अनुसार, एमपॉक्स से पीड़ित अधिकांश लोग 2-4 सप्ताह के भीतर ठीक हो जाते हैं। लक्षणों में मदद करने और दूसरों को संक्रमित होने से बचाने के लिए ये काम करें:
  • घर पर रहें और अगर संभव हो तो अपने कमरे में ही रहें
  • हाथों को साबुन और पानी या हैंड सैनिटाइज़र से बार-बार धोएं, खास तौर पर घावों को छूने से पहले या बाद में
  • जब तक आपका रैश ठीक न हो जाए, तब तक मास्क पहनें और घावों को ढकें
  • त्वचा को सूखा और खुला रखें (जब तक कि आप किसी और के साथ कमरे में न हों)
  • साझा जगहों पर वस्तुओं को छूने से बचें और साझा जगहों को बार-बार कीटाणुरहित करें
  • मुंह में घावों के लिए खारे पानी से कुल्ला करें
  • शरीर के घावों के लिए बेकिंग सोडा या एप्सम साल्ट के साथ सिट्ज़ बाथ या गर्म स्नान करें
  • पैरासिटामोल (एसिटामिनोफेन) या इबुप्रोफेन जैसी दर्द के लिए ओवर-द-काउंटर दवाएं लें।

इन कामों को नहीं करें

फफोले न फोड़ें या घावों को न खुजलाएं। ये उपचार को धीमा कर सकते हैं, रैश को शरीर के अन्य भागों में फैला सकते हैं और घावों को संक्रमित कर सकते हैं। जब तक कि पपड़ी ठीक न हो जाए और आपके नीचे नई त्वचा न आ जाए, तब तक घावों वाले क्षेत्रों को शेव न करें (इससे रैश शरीर के अन्य भागों में फैल सकता है)।

एमपॉक्स को दूसरों में फैलने से रोकने के लिए, एमपॉक्स से पीड़ित व्यक्ति को घर पर या ज़रूरत पड़ने पर अस्पताल में अलग-थलग रहना चाहिए। घावों को ढकना और दूसरों की मौजूदगी में मेडिकल मास्क पहनना संक्रमण को फैलने से रोकने में मदद कर सकता है। सेक्स के दौरान कंडोम का इस्तेमाल करने से एमपॉक्स होने का जोखिम कम हो जाएगा, लेकिन त्वचा से त्वचा या मुंह से त्वचा के संपर्क से संक्रमण फैलने से नहीं रोका जा सकेगा।

About the Author: स्मिता
स्मिता धर्म-अध्यात्म, संस्कृति-साहित्य, और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर शोधपरक और प्रभावशाली पत्रकारिता में एक विशिष्ट नाम हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में उनका लंबा अनुभव समसामयिक और जटिल विषयों को सरल और नए दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत करने में उनकी दक्षता को उजागर करता है। धर्म और आध्यात्मिकता के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और साहित्य के विविध पहलुओं को समझने और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने में उन्होंने विशेषज्ञता हासिल की है। स्वास्थ्य, जीवनशैली, और समाज से जुड़े मुद्दों पर उनके लेख सटीक और उपयोगी जानकारी प्रदान करते हैं। उनकी लेखनी गहराई से शोध पर आधारित होती है और पाठकों से सहजता से जुड़ने का अनोखा कौशल रखती है।
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