Pongal Benefits : वात, पित्त और कफ को संतुलित कर इम्युनिटी मजबूत करता है पोंगल व्यंजन

Pongal Benefits : वात, पित्त और कफ को संतुलित कर इम्युनिटी मजबूत करता है पोंगल व्यंजन

Authored By: स्मिता

Published On: Monday, January 13, 2025

Updated On: Wednesday, January 15, 2025

Pongal dishes balance Vata, Pitta, and Kapha to enhance immunity and health.
Pongal dishes balance Vata, Pitta, and Kapha to enhance immunity and health.

पोंगल के अवसर खाये जाने वाले ख़ास व्यंजन में तीन तत्वों या तीन दोषों (वात, पित्त, कफ) को संतुलित करने की क्षमता होती है। यह इम्युनिटी मजबूत कर मधुमेह जैसे रोगों से बचाव (Pongal Benefits) भी कर सकता है।

Authored By: स्मिता

Updated On: Wednesday, January 15, 2025

जब सूर्य मकर राशि में आते हैं, तो मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जाता है। यह भारत भर में किसी न किसी त्योहार के रूप में मनाया जाता है। तमिलनाडु में इसे पोंगल के रूप में मनाते हैं जबकि कर्नाटक, केरल और आंध्र प्रदेश में इसे केवल ‘संक्रांति’ कहते हैं। मकर संक्रांति के दिन से सूर्य की उत्तरायण गति प्रारंभ होती है। इसलिए इसे उत्तरायणी भी कहते हैं। इस अवसर पर विशेष तरह के भोजन भी खाए जाते हैं। पोंगल के अवसर पर खाया जाने वाला भोजन सेहत के लिए बहुत फायदेमंद (Pongal Benefits) होता है।

पोंगल की खिचड़ी (Pongal Khichdi)

पोंगल के अवसर पर खाई जाने वाली खिचड़ी या पोंगल बहुत स्वादिष्ट और पेट के लिए हल्का माना जाता है। मकर संक्रांति के दिन आमतौर पर ज्यादातर घरों में इसे बनाया जाता है। इससे शरीर में पनपने वाली कई बीमारियों को दूर रखा जा सकता है। यह साल का पहला त्योहार और किसानों का त्योहार है। हर त्योहार की एक खास रेसिपी होती है। पोंगल के अवसर पर लोग अपने घरों में स्वादिष्ट पोंगल बनाते हैं और परिवार के साथ खाने का आनंद लेते हैं।

चावल है चंद्रमा का प्रतीक (Rice and Moon)

तमिलनाडु में चावल को चंद्रमा का प्रतीक माना जाता है। दालों को शनि का प्रतीक माना जाता है। सब्जियों को बुध का प्रतीक माना जाता है। माना जाता है कि यह सुपरफूड ग्रहों की स्थिति को मजबूत बनाए रखने में मदद करता है। खिचड़ी या पोंगल भारत के हर हिस्से में खाया जाने वाला भोजन है। इसे बनाना आसान है। यह भारत के अलग-अलग हिस्सों में इसे अलग-अलग तरीके से बनाया जाता है। खिचड़ी आमतौर पर दाल और चावल के साथ बनाई जाती है, लेकिन इसमें स्वाद और पोषण जोड़ने के लिए कुछ सब्जियों और घी का उपयोग किया जा सकता है। खिचड़ी, पोंगल या कर्नाटक की मशहूर बिस्बेले इसे पचाना आसान है, जिससे यह बच्चों और बुजुर्गों के लिए एक अच्छा व्यंजन है।

पोषक तत्वों का भंडार पोंगल (Nutritious Pongal)

पोंगल पौष्टिक भोजन है। विभिन्न सब्जियों और बाजरे-चावल के मिश्रण से बने पोंगल में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, स्वस्थ वसा सहित संतुलित मैक्रोन्यूट्रिएंट्स होते हैं, जिनकी शरीर को आवश्यकता होती है। इससे कई फायदे हैं।

बेहतर बनाता है पाचन तंत्र (Digestive System)

पोंगल बेहतर पाचन में मदद करता है और पचाने में आसान होता है। खिचड़ी में केवल चावल और दालें ही मुख्य सामग्री होती हैं, जिसके कारण यह आसानी से पच जाती है। अन्य खाद्य पदार्थों के सेवन के दौरान आंतों की दीवारों में जो जलन होती है, वह पोंगल खाने के दौरान नहीं होती है।

वात, पित्त, कफ को करता है संतुलित (Balance Vat, Pitt, Cough)

पोंगल, खिचड़ी या बिस्बेले का सेवन प्राचीन काल से किया जाता रहा है। यह प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार करता है। यह शरीर की ऊर्जा को संतुलित करता है। खिचड़ी को त्रिदोष निवारक के नाम से जाना जाता है। इसमें तीन तत्वों या तीन दोषों (वात, पित्त, कफ) को संतुलित करने की क्षमता होती है।

शरीर को अंदर से साफ करता है (Pongal for Toxins)

पोंगल शरीर को भीतर से शुद्ध करने में मदद करता है। कुछ खाद्य पदार्थ शरीर में विषाक्त पदार्थ जमा कर देते हैं। शरीर को डीटॉक्स करने के लिए लोग तरह-तरह का खाना खाते हैं। इसकी जगह पोंगल खाया जा सकता है। कम ही लोग जानते हैं कि पोंगल शरीर को बहुत आसानी से डीटॉक्सीफाई करता है।

वजन नियंत्रण में सहायक (Weight Management)

पोंगल में कैलोरी और वसा कम होती है, इसलिए यह वजन कम करने की कोशिश कर रहे लोगों के लिए एक अच्छा विकल्प है। यह आसानी से पच जाता है। इसमें हाई फाइबर सामग्री के कारण लंबे समय तक पेट भरा हुआ महसूस होता है। अगर आपका वजन कम हो रहा है तो अपने आहार में खिचड़ी/पोंगल/बिस्बेले को जरूर शामिल करें।

मधुमेह से बचाव कर सकता है (Pongal for Diabetes)

यदि खिचडी को साबूदाना से बनाया जाए, तो यह मधुमेह से बचाव में मदद कर सकती है। साबूदाना खिचड़ी एक व्यंजन है, जो भीगे हुए साबूदाने से बनाया जाता है। साबूदाना शरीर में इंसुलिन को बनाए रखने में मदद करता है। इससे मधुमेह को रोकने में मदद मिलती है।

हिन्दुस्थान समाचार के इनपुट के साथ 

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About the Author: स्मिता
स्मिता धर्म-अध्यात्म, संस्कृति-साहित्य, और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर शोधपरक और प्रभावशाली पत्रकारिता में एक विशिष्ट नाम हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में उनका लंबा अनुभव समसामयिक और जटिल विषयों को सरल और नए दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत करने में उनकी दक्षता को उजागर करता है। धर्म और आध्यात्मिकता के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और साहित्य के विविध पहलुओं को समझने और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने में उन्होंने विशेषज्ञता हासिल की है। स्वास्थ्य, जीवनशैली, और समाज से जुड़े मुद्दों पर उनके लेख सटीक और उपयोगी जानकारी प्रदान करते हैं। उनकी लेखनी गहराई से शोध पर आधारित होती है और पाठकों से सहजता से जुड़ने का अनोखा कौशल रखती है।
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