Aghan Month 2024 : श्रीकृष्ण को बहुत प्रिय है अगहन, जानें इस माह की महत्ता

Aghan Month 2024 : श्रीकृष्ण को बहुत प्रिय है अगहन, जानें इस माह की महत्ता

Authored By: स्मिता

Published On: Monday, November 18, 2024

Updated On: Monday, November 18, 2024

lord sri krishna
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विशेष रूप से मार्गशीर्ष माह में विश्व पालनहार भगवान विष्णु की पूजा बहुत पवित्र मानी जाती है। माना जाता है कि जीवन के सभी दुखों को दूर कर जीवन में कुछ पाना लक्ष्य है, तो भगवान विष्णु के इन 12 नामों का जाप किया जा सकता है।

Authored By: स्मिता

Updated On: Monday, November 18, 2024

हिंदू पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष महीना नौवां महीना होता है, जिसे आम तौर पर अगहन महीने (Aghan Month 2024) के नाम से भी जाना जाता है। हिंदू धर्म में मार्गशीर्ष महीने को बहुत पवित्र और पूजा-अर्चना के लिए समृद्ध माना जाता है। मान्यता है कि इस महीने की पूर्णिमा, अमावस्या और पहले गुरुवार का बहुत महत्व है। मार्गशीर्ष माह में पड़ने वाले पहले गुरुवार की बहुत महत्ता (Aghan Month 2024) है।

कब से शुरू हो रहा है अगहन माह (Aghan Month 2024)

पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष महीना अगहन शुक्रवार, 22 नवंबर 2024 से शुरू हो रहा है, जो शनिवार, 21 दिसंबर, 2024 को समाप्त हो जायेगा। इसके अनुसार अगहन का पहला गुरुवार 28 नवंबर 2024 को होगा।

मृगशिरा नक्षत्र में पूर्णिमा (Mrigashirsha Nakshatra Poornima)

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार मार्गशीर्ष मास भगवान कृष्ण को बहुत प्रिय है। यही कारण है कि इस महीने को शुभ और समृद्धिशाली माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र में 27 नक्षत्रों का वर्णन किया गया है। इनमें से एक नक्षत्र मृगशिरा नक्षत्र (27 नक्षत्रों में से 5वां) अगहन मास से संबंधित है। इस महीने में आने वाली पूर्णिमा मृगशिरा नक्षत्र में आती है। यही कारण है कि इस महीने को मार्गशीर्ष के नाम से भी जाना जाता है।

भगवान विष्णु की पूजा (Lord Vishnu Puja)

यह महीना भगवान कृष्ण को बहुत प्रिय है, जो भगवान विष्णु के दिव्य रूपों में से एक हैं। यही कारण है कि इस महीने की पवित्रता उन लोगों के लिए दस गुना बढ़ जाती है जो भगवान विष्णु का आशीर्वाद पाना चाहते हैं। भगवान विष्णु के ये नाम हर मनोकामना पूरी कर सकते हैं।

जीवन के सभी दुख हो सकते हैं दूर

विश्व पालनहार भगवान विष्णु की पूजा विशेष रूप से मार्गशीर्ष माह में की जाने वाली पूजा बहुत पवित्र मानी जाती है। माना जाता है कि जीवन के सभी दुखों को दूर कर जीवन में कुछ पाना लक्ष्य है, तो भगवान विष्णु के इन 12 नामों का जाप किया जा सकता है।

श्रीविष्णु के अच्युत, अनंत, दामोदर, केशव, नारायण, श्रीधर, गोविंद, माधव, हृषिकेश, त्रिविकरम, पद्मनाभ, मधुसूदन जैसे बारह नामों का जाप करना चाहिए। भगवान विष्णु के नाम जाप के साथ-साथ पीला फूल चढ़ाने की भी मान्यता है।

लक्ष्मी के चरण की पूजा (Laxmi Charan Puja)

मार्गशीर्ष या अग्रहायण माह के पहले गुरुवार को देवी लक्ष्मी के चरण की भी पूजा करनी चाहिए। इस दिन आम और धान के पत्तों से देवी लक्ष्मी के पूजा मंदिर या स्थान को खूबसूरती के साथ सजाना चाहिए। इसके बाद पूजा स्थल पर कलश स्थापित करें और पूजा करने के बाद प्रसाद भोग की रस्म भी अनिवार्य है।
उपासक पर आशीर्वाद बना रहता है।

ऐसा माना जाता है कि विशेष रूप से मार्गशीर्ष या अग्रहायण माह के प्रत्येक गुरुवार को, भोग अनुष्ठान में देवी लक्ष्मी को विभिन्न प्रकार के प्रसाद चढ़ाने से देवी प्रसन्न होती हैं। उनका आशीर्वाद हमेशा उपासक पर बना रहता है। इस पवित्र और सौभाग्यशाली दिन पर अपने पड़ोसियों, परिवार और दोस्तों के बीच भी प्रसाद वितरित करना चाहिए।

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स्मिता धर्म-अध्यात्म, संस्कृति-साहित्य, और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर शोधपरक और प्रभावशाली पत्रकारिता में एक विशिष्ट नाम हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में उनका लंबा अनुभव समसामयिक और जटिल विषयों को सरल और नए दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत करने में उनकी दक्षता को उजागर करता है। धर्म और आध्यात्मिकता के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और साहित्य के विविध पहलुओं को समझने और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने में उन्होंने विशेषज्ञता हासिल की है। स्वास्थ्य, जीवनशैली, और समाज से जुड़े मुद्दों पर उनके लेख सटीक और उपयोगी जानकारी प्रदान करते हैं। उनकी लेखनी गहराई से शोध पर आधारित होती है और पाठकों से सहजता से जुड़ने का अनोखा कौशल रखती है।

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