Amarnath Yatra 2025 शुरू! क्या इस बार बर्फ का शिवलिंग बनेगा ज्योतिर्लिंग

Authored By: स्मिता

Published On: Wednesday, June 11, 2025

Last Updated On: Thursday, June 12, 2025

Amarnath Yatra 2025 शुरू! जानें क्या इस बार बर्फ का शिवलिंग बनेगा ज्योतिर्लिंग, और इसका आध्यात्मिक महत्व क्या है.
Amarnath Yatra 2025 शुरू! जानें क्या इस बार बर्फ का शिवलिंग बनेगा ज्योतिर्लिंग, और इसका आध्यात्मिक महत्व क्या है.

Amarnath Yatra 2025 : तवी नदी तट पर पूजा के साथ ही अमरनाथ यात्रा 2025 की औपचारिक शुरुआत हो गई. आइये जानते हैं कि बर्फ के रूप में मौजूद शिवलिंग ज्योतिर्लिंग में शामिल हैं या नहीं.

Authored By: स्मिता

Last Updated On: Thursday, June 12, 2025

Amarnath Yatra 2025: ज्येष्ठ पूर्णिमा के अवसर पर जम्मू में तवी नदी के तट पर पहली पूजा के साथ ही अमरनाथ यात्रा 2025 की औपचारिक शुरुआत हो गई. यह पूजा विश्व हिंदू परिषद के लोगों ने की. भगवान शिव को समर्पित हिंदू धर्म के सबसे पवित्र स्थलों में से एक है अमरनाथ गुफा मंदिर. यहां बाबा बर्फानी के रूप में भगवान महादेव विराजते हैं. यहां बर्फ के शिवलिंग ज्योतिर्लिंग नहीं कहलाते हैं. इसके पीछे आध्यात्मिक और धार्मिक कारण हैं.

अमरनाथ यात्रा की आस्था

जम्मू में तवी नदी के तट पर श्रद्धालुओं के साथ-साथ विहिप के कार्यकर्ताओं ने भी ज्येष्ठ पूर्णिमा पूजा की. ईश्वर का आशीर्वाद पाने के लिए मंत्रोच्चार और प्रसाद भी अर्पित किए गए और अमरनाथ यात्रा की नींव रखी गई. अमरनाथ यात्रा से पहले पहली पूजा करने की यह परंपरा गहरी आध्यात्मिक संस्कृति और हर साल तीर्थयात्रा में भाग लेने वाले लाखों लोगों की आस्था को दर्शाती है. अमरनाथ में शिवलिंग बाबा बर्फानी के रूप में विराजते हैं, लेकिन वे यहां ज्योतिर्लिंग नहीं हैं.

ज्योतिर्लिंग की तरह स्थायी नहीं हैं बाबा बर्फानी

अमरनाथ गुफा में प्राकृतिक रूप से निर्मित बर्फ लिंग बाबा बर्फानी को बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक नहीं माना जाता है. अमरनाथ गुफा मंदिर एक पूजनीय तीर्थ स्थल है, लेकिन ज्योतिर्लिंग के लिए मानदंड, जिसमें लिंग का स्थायी होना और अस्थायी न होना शामिल है, पूरा नहीं होता है. अमरनाथ गुफा एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है, जहां गर्मी में प्राकृतिक रूप से बर्फ का लिंग बनता है. ज्योतिर्लिंग बारह पवित्र स्थल हैं जहां भगवान शिव को लिंगम के रूप में प्रकट माना जाता है. अमरनाथ बर्फ का लिंग अस्थायी है, जो केवल यात्रा के मौसम के दौरान बनता है और बाद में पिघल जाता है. दूसरी ओर, ज्योतिर्लिंग स्थायी हैं और निरंतर मौजूद रहते हैं.

बर्फ लिंगम का आध्यात्मिक महत्व (Spiritual Significance of Barf Lingam)

यह स्थान बहुत आध्यात्मिक महत्व रखता है. यह वह स्थान है जहां भगवान शिव ने पार्वती को अमरता की कहानी सुनाई थी. बर्फ़ लिंगम का अर्थ है बर्फ से बना शिवलिंग. बहुत कम तापमान पर अपने-आप पानी लिंगम के रूप में जम जाता है.

भगवान शिव के अग्नि स्तंभ से बना है लिंगम

हिंदू धर्म में मुख्य प्रतीक शिव लिंगम के बारे में माना जाता है कि यह भगवान शिव के अग्नि स्तंभ से बना है, जो दिव्य ऊर्जा का प्रकटीकरण है. हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, यह स्तंभ ब्रह्मा और विष्णु, सृजन और संरक्षण के देवताओं के बीच संघर्ष को सुलझाने के लिए प्रकट हुआ था. लिंगम शिव की निराकार, शाश्वत और सर्वव्यापी उपस्थिति का प्रकटीकरण है.

About the Author: स्मिता
स्मिता धर्म-अध्यात्म, संस्कृति-साहित्य, और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर शोधपरक और प्रभावशाली पत्रकारिता में एक विशिष्ट नाम हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में उनका लंबा अनुभव समसामयिक और जटिल विषयों को सरल और नए दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत करने में उनकी दक्षता को उजागर करता है। धर्म और आध्यात्मिकता के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और साहित्य के विविध पहलुओं को समझने और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने में उन्होंने विशेषज्ञता हासिल की है। स्वास्थ्य, जीवनशैली, और समाज से जुड़े मुद्दों पर उनके लेख सटीक और उपयोगी जानकारी प्रदान करते हैं। उनकी लेखनी गहराई से शोध पर आधारित होती है और पाठकों से सहजता से जुड़ने का अनोखा कौशल रखती है।
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