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Paush Month 2024 : सूर्य को पूजने का है यह विशेष महीना
Paush Month 2024 : सूर्य को पूजने का है यह विशेष महीना
Authored By: स्मिता
Published On: Saturday, December 14, 2024
Updated On: Friday, December 13, 2024
अथर्ववेद और सूर्योपनिषद जैसे ग्रंथों में सूर्य को सर्वोच्च ऊर्जा के रूप में वर्णित किया गया है। इसका लाल रंग जीवन शक्ति और दिव्यता का प्रतीक है। पौष महीने में सूर्य को परब्रह्म या प्रत्यक्ष देव के रूप के रूप में पूजा जाता है।
Authored By: स्मिता
Updated On: Friday, December 13, 2024
पौष माह का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। इस माह को पूजा-पाठ और दान-पुण्य सहित धार्मिक गतिविधियों के लिए बेहद शुभ माना जाता है। साल के सबसे ठंडे समय में पड़ने वाले इस महीने में मानसिक और शारीरिक तंदुरुस्ती बनाए रखने के लिए योग-अभ्यास पर जोर दिया जाता है। पौष माह में सूर्य देव की की अवश्य पूजा करनी चाहिए। सूर्य को ग्रहों का राजा माना जाता है। इस माह में सूर्य की अवश्य पूजा करनी चाहिए। माना जाता है कि सूर्य देव की पूजा करने से ग्रहों की गड़बड़ी के कारण होने वाली ज्योतिषीय समस्याएं खत्म हो सकती हैं। हिंदू शास्त्रों के अनुसार, सूर्य का सम्मान करने से गृहस्थ जीवन में सुख-शांति और सद्भाव मिलता है। सफलता और सामाजिक मान्यता सुनिश्चित होती है। इस माह सबसे पहले सूर्य और पंचदेवों की पूजा करनी चाहिए। इसके बाद किसी भी शुभ कार्य (Paush Month 2024) को शुरू किया जा सकता है।
पौष माह में संकष्टी गणेश चतुर्थी (Sankashti Ganesh Chaturthi 2024)
पौष माह देवों की पूजा-आराधना का है। इस माह में कई व्रत और उपवास भी हैं। यदि दिसंबर माह में पड़ने वाले व्रत-त्योहार की बात की जाए, तो 18 दिसंबर, बुधवार को संकष्टी गणेश चतुर्थी, 22 दिसंबर, रविवार को कालाष्टमी, 25 दिसंबर, बुधवार को ईसाइयों द्वारा मनाया जाने वाला त्योहार क्रिसमस (Christmas) भी है। 26 दिसंबर, गुरुवार को सफला एकादशी का व्रत है। प्रदोष व्रत 28 दिसंबर, शनिवार को है। 29 दिसंबर, रविवार को मासिक शिवरात्रि मनाई जाएगी। 30 दिसंबर, सोमवार को अमावस्या और सोमवार व्रत होगा।
परब्रह्म सूर्य की उपासना का महीना (Suryopasna Month)
भविष्य पुराण के अनुसार, भगवान कृष्ण ने अपने पुत्र साम्ब को एकमात्र दृश्यमान देवता सूर्य की पूजा का महत्व समझाया था। श्रीकृष्ण ने कहा, ‘जो भक्त आस्था के साथ सूर्य की पूजा करते हैं, उनकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। अथर्ववेद और सूर्योपनिषद जैसे ग्रंथों में सूर्य को सर्वोच्च ऊर्जा के रूप में वर्णित किया गया है। इसकी हजारों किरणें अत्यधिक ठंड में भी उष्णता प्रदान करती हैं। इसका लाल रंग जीवन शक्ति और दिव्यता का प्रतीक है। पौष महीने में सूर्य को परब्रह्म या प्रत्यक्ष देव के रूप के रूप में पूजा जाता है।
सूर्य को तिल-चावल की खिचड़ी का भोग (Paush Month Ritual)
आदित्य पुराण के अनुसार, भक्तों को हर रविवार को तांबे के बर्तन में लाल चंदन और लाल फूलों के साथ “ओम विष्णवे नमः” का जाप करते हुए सूर्य को जल चढ़ाना चाहिए। दिन भर उपवास रखने, नमक से परहेज करने और केवल फल खाने की भी सलाह दी जाती है। सूर्य को तिल-चावल की खिचड़ी का भोग लगाने से व्यक्ति की जीवन शक्ति बढ़ती है। माना जाता है कि इस महीने के दौरान तीर्थयात्रा और पवित्र स्नान से अपार आध्यात्मिक लाभ मिलते हैं।
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