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आज है सावन की पहली एकादशी, यदि आपने रखा है व्रत तो जान लें विष्णु पूजा से क्या मिलेगा लाभ
आज है सावन की पहली एकादशी, यदि आपने रखा है व्रत तो जान लें विष्णु पूजा से क्या मिलेगा लाभ
Authored By: स्मिता
Published On: Wednesday, July 31, 2024
Last Updated On: Wednesday, July 31, 2024
आज 31 जुलाई को सावन की पहली एकादशी है। कामिका एकादशी (Kamika Ekadashi 2024) के नाम से जाना जाने वाला यह विशेष दिन विष्णु पूजा को समर्पित है। मान्यता है कि कामिका एकादशी व्रत और उपवास रखने से सभी मनोकामना पूर्ण होती है।
Authored By: स्मिता
Last Updated On: Wednesday, July 31, 2024
सभी दिन भगवान के आशीर्वाद मिलने के दिन होते हैं। सावन (Sawan Month) का महीना शिव स्वयंभू की पूजा-अर्चना करने का महीना होता है। इस महीने में एकादशी का भी विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन सृष्टि के पालनहार भगवान विष्णु का अपने भक्तों पर विशेष कृपादृष्टि होती है। सावन के महीने की पहली एकादशी तो भक्तों के लिए ख़ास है। इसे कामिका एकादशी भी कहते हैं। इस साल 31 जुलाई यानी आज कामिका एकादशी है। कामिका एकादशी सावन के महीने में कृष्ण पक्ष की 11वीं तिथि को मनाई जाती है। धर्म और अध्यात्म के ज्ञाता इस दिन भक्तों को व्रत-उपवास रखने और भगवान विष्णु से आशीर्वाद पाने के लिए भक्ति भाव से प्रार्थना करने का आह्वान करते हैं। कामिका एकादशी का विशेष महत्व है, क्योंकि यह चातुर्मास के दौरान होती है। यह भगवान विष्णु को समर्पित अवधि है।
कामिका एकादशी 2024: मिल जाता है (Kamika Ekadashi 2024)
धर्म-अध्यात्म के ज्ञाता पंडित सुरेश मिश्र बताते हैं, ‘ धार्मिक और आध्यात्मिक रूप से एकादशी का महत्व विशेष है। एकादशी व्रत रखने से भक्तों को बुरे कर्म के कारण हुए पापों से मुक्ति मिलती है, चाहे वे जाने-अनजाने में किए गए हों। इस व्रत को रखने से भक्तों को बुरे कर्मों से मुक्ति मिलती है। उन्हें भगवान विष्णु के निवास बैकुंठ धाम में स्थान प्राप्त कर मोक्ष मिल जाता है।’ कामिका एकादशी व्रत को अश्वमेध यज्ञ के बराबर माना जाता है। यह हिंदू धर्म में अत्यंत पुण्यदायी और महत्वपूर्ण अनुष्ठान है। इस दिन तुलसी पत्र चढ़ाना विशेष रूप से सार्थक होता है। ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति भगवान विष्णु की पूजा करता है और भगवान को तुलसी पत्र या तुलसी माला चढ़ाता है, वह सभी प्रकार के पितृ दोष से मुक्त हो जाता है।
क्या है कथा (Kamika Ekadashi 2024 Katha)
पंडित सुरेश मिश्र बताते हैं, ‘ एक बार एक जमींदार ने लड़ाई के दौरान गलती से एक ब्राह्मण को मार दिया। इसके कारण वह बहुत अधिक पश्चाताप करने लगा। अपने जघन्य अपराध कर्म से मुक्ति पाने के लिए जमींदार एक ऋषि के पास गया। ऋषि ने उसे कामिका एकादशी पर व्रत रखने (Kamika Ekadashi Vrat) और भगवान विष्णु की पूजा करने की सलाह दी। उस रात भगवान विष्णु जमींदार के सपने में प्रकट हुए और उसे उसके पापों से मुक्ति दिलाई।
पौराणिक कथा के अनुसार, ब्रह्माजी ने अपने पुत्र ऋषि नारद को कामिका एकादशी का महत्व बताया था। कथा के अनुसार, भगवान कृष्ण ने भी पांडवों के राजा युधिष्ठिर को यह कथा सुनाई थी। उन्होंने मोक्ष प्राप्ति के लिए एकादशी व्रत करने और कामिका एकादशी कथा सुनने के महत्व पर जोर दिया था।
कैसे करें पूजा (Kamika Ekadashi Puja)
इस दिन पूजा के लिए स्नान के लिए जल्दी उठना, लकड़ी के तख्त पर भगवान विष्णु का विग्रह रखना, विग्रह का आदरपूर्वक स्नान कराना, देसी घी का दीया जलाना, तुलसी पत्र चढ़ाना, अगरबत्ती जलाना, माला या फूल चढ़ाना और भगवान विष्णु को समर्पित मंत्रों का जाप करना शामिल है। दिन में कामिका एकादशी कथा का पाठ करना और शाम को भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए। विष्णु मंत्र के लिए ‘ओम नमो भगवते वासुदेवाय,’ ‘ओम नमो नारायणाय’, ‘श्रीमन् नारायण नारायण हरि हरि,’ मन्त्रों का जाप किया जा सकता है।
भगवान विष्णु का आशीर्वाद पाने का दिन
यह दिन भक्तों के लिए गहन आध्यात्मिक साधना में संलग्न होने, भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए है। कामिका एकादशी के दिन निर्धारित अनुष्ठानों और भक्ति के साथ उपवास करके परम मोक्ष प्राप्त करने का महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करती है।