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निशांत के आने से कितनी बदलेगी नीतीश कुमार की सियासत?
निशांत के आने से कितनी बदलेगी नीतीश कुमार की सियासत?
Authored By: सतीश झा
Published On: Tuesday, March 18, 2025
Updated On: Tuesday, March 18, 2025
बिहार की राजनीति में एक नया मोड़ आता दिख रहा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के बेटे निशांत कुमार (Nishant Kumar) की सक्रियता को लेकर चर्चा तेज हो गई है. निशांत अब तक राजनीति से दूरी बनाए हुए थे, लेकिन हाल ही में उनकी बढ़ती सार्वजनिक उपस्थिति और कुछ महत्वपूर्ण बैठकों में भागीदारी ने कयासों को जन्म दे दिया है कि क्या वे नीतीश कुमार की राजनीतिक विरासत संभालने के लिए तैयार हो रहे हैं?
Authored By: सतीश झा
Updated On: Tuesday, March 18, 2025
Bihar Politics 2025: निशांत (Nishant Kumar) राजनीति में आते हैं, तो नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की सियासत का एक नया अध्याय शुरू होगा. इससे जदयू को एक युवा नेतृत्व का चेहरा मिल सकता है, जिससे पार्टी को आने वाले चुनावों में फायदा हो सकता है. जेडीयू के कुछ वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार राजनीति में आने के लिए तैयार हैं. पार्टी के भीतर इस मुद्दे को लेकर चर्चा तेज हो गई है. कई नेता इसे नीतीश कुमार के नेतृत्व का अगला कदम मान रहे हैं.
निशांत कुमार के आने से कितनी बदलेगी बिहार की राजनीति
चर्चाओं के आधार पर यह तय है कि निशांत कुमार जल्द ही जदयू में औपचारिक रूप से आ रहे हैं. उन्हें कोई पद दिया जाता है या नहीं, यह अभी भविष्य के गर्भ में है. इसका बिहार की सत्ता और विपक्षी समीकरणों पर बड़ा प्रभाव पड़ सकता है. जेडीयू को नया युवा चेहरा मिल सकता है, जिससे पार्टी में नई ऊर्जा आएगी. तेजस्वी यादव को सीधी चुनौती मिलेगी, क्योंकि तब दोनों बड़े क्षेत्रीय दलों के नेतृत्व युवा पीढ़ी के हाथ में होंगे.
हाल ही में उनके जदयू के कई वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात करने और पार्टी के कार्यक्रमों में उनकी मौजूदगी से संकेत मिल रहे हैं कि वे नीतीश कुमार के राजनीतिक उत्तराधिकारी के रूप में आगे आ सकते हैं.
नीतीश कुमार की रणनीति क्या है?
नीतीश कुमार बिहार की राजनीति के सबसे अनुभवी नेताओं में से एक हैं. वे लंबे समय से बिहार की सत्ता में हैं, लेकिन उनकी उम्र और बदलते राजनीतिक समीकरणों को देखते हुए जदयू के भीतर भी नेतृत्व परिवर्तन पर चर्चा होने लगी है. यदि निशांत सक्रिय राजनीति में आते हैं, तो इससे नीतीश कुमार को अपनी विरासत को आगे बढ़ाने का एक विकल्प मिल सकता है.
जदयू में बढ़ेगी हलचल?
अगर निशांत कुमार राजनीति में आते हैं, तो यह जदयू के भीतर बड़े बदलाव की शुरुआत हो सकती है. पार्टी में कई नेता वर्षों से अपनी भूमिका बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन अगर निशांत को आगे लाया जाता है, तो इससे पार्टी के भीतर नए समीकरण बन सकते हैं.
बीजेपी और आरजेडी की प्रतिक्रिया क्या होगी?
नीतीश कुमार के बेटे की राजनीति में एंट्री से बीजेपी और आरजेडी की रणनीति भी प्रभावित हो सकती है. जदयू और बीजेपी का गठबंधन अभी मजबूत दिख रहा है, लेकिन अगर निशांत सक्रिय होते हैं, तो बीजेपी इस बदलाव को कैसे देखेगी, यह महत्वपूर्ण होगा. लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव पहले ही राजनीति में सक्रिय हैं. अगर निशांत आते हैं, तो यह बिहार की राजनीति में नया ‘युवा नेतृत्व’ तैयार होने का संकेत हो सकता है.
जीतन राम मांझी ने किया समर्थन
केंद्रीय मंत्री और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख जीतन राम मांझी ने भी निशांत कुमार के राजनीति में आने की संभावना का स्वागत किया. उन्होंने बातचीत में कहा कि निशांत योग्य और सक्षम हैं. भारत में कई नेताओं के बच्चे और परिवार राजनीति में आए हैं. अगर नीतीश कुमार के बेटे राजनीति में आना चाहते हैं, तो इसमें चर्चा की कोई जरूरत नहीं है. हम उनका स्वागत करेंगे.”
अगले कुछ महीनों में होगा बड़ा खुलासा
फिलहाल, निशांत कुमार ने अभी तक राजनीति में प्रवेश को लेकर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है. लेकिन अगर वे आगे आते हैं, तो बिहार की राजनीति में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है. आने वाले कुछ महीनों में यह साफ हो जाएगा कि क्या निशांत वास्तव में राजनीति में कदम रखेंगे या यह सिर्फ एक अटकल भर है.