भारी बारिश से उत्तराखंड में चारधाम और जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ यात्रा स्थगित

भारी बारिश से उत्तराखंड में चारधाम और जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ यात्रा स्थगित

Authored By: गुंजन शांडिल्य

Published On: Monday, July 8, 2024

Updated On: Wednesday, January 29, 2025

chardham and amarnath yatra postponed
chardham and amarnath yatra postponed

उत्तराखंड के मौसम विभाग ने 7-8 जुलाई को अत्यंत भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग के अलर्ट के बाद प्रदेश की पुष्कर धामी सरकार ने 7 जुलाई को पूरे दिन के लिये चारधाम यात्रा को स्थगित कर दी है।

Authored By: गुंजन शांडिल्य

Updated On: Wednesday, January 29, 2025

इन दिनों पूरे उत्तर भारत (North India) में बारिश ने तबाही मचाई हुई है। क्या मैदानी इलाका और क्या पहाड़ी राज्य। सभी जगहों की हाल एक जैसा है। मैदानी क्षेत्र बाढ़ से परेशान हो रहे हैं तो पहाड़ी राज्यों को बारिश के कारण होने वाले भूस्खलन की चिंता सता रही है। उत्तराखंड (Uttarakhand), जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) और हिमाचल प्रदेश (Himanchal Pradesh) में स्थिति बारिश के कारण चिंताजनक बनी हुई है।

तीर्थ यात्रा भी बाधित

उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर में दो महत्वपूर्ण तीर्थ यात्रा चल रही है। उत्तराखंड में चारधाम यात्रा मई महीने के अंतिम दिनों से चल रही है तो वहीं जम्मू-कश्मीर में पिछले 10 दिनों से अमरनाथ यात्रा की धूम है। इन दोनों यात्राओं में देश भर के लाखों लोगों आते हैं। बारिश के कारण इन यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं को भी काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। इससे इन यात्राओं में बाधा उत्पन्न हो रहा है।

चारधाम यात्रा (Chardham Yatra) एक दिन के लिए स्थगित

उत्तराखंड के मौसम विभाग ने 7 और 8 जुलाई को अत्यंत भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग के अलर्ट के बाद ही प्रदेश की पुष्कर धामी सरकार ने 7 जुलाई को पूरे दिन के लिये चारधाम यात्रा को स्थगित कर दी है। कल यानि 8 जुलाई को मौसम की स्थिति देखने के बाद ही यात्रा को फिर से खोलने या नहीं खोलने का निर्णय लिया जाएगा।

यात्री जहां हैं, वहीं विश्राम करें

गढ़वाल मंडल आयुक्त एवं चारधाम यात्रा प्रशासन संगठन के अध्यक्ष विनय शंकर पाण्डेय ने 6 जुलाई को तीर्थ यात्रियों के अपील जारी की। यह अपील देहरादून स्थित मौसम विभाग द्वारा जारी 7-8 जुलाई को अत्यंत भारी बारिश के अलर्ट के बाद की गई है। अपील में विनय शंकर पाण्डेय ने कहा है कि 7 और 8 जुलाई को गढ़वाल मंडल के विभिन्न जनपदों में भारी से भारी वर्षा होने की सम्भावना है। अतः गढ़वाल मंडल के चार धाम यात्रा पर जाने वाले श्रद्वालुओं से अनुरोध है कि वे 7 जुलाई को ऋषिकेश से आगे चारधाम की यात्रा प्रारम्भ न करें। तीर्थयात्री जिस स्थान पर यात्रा के लिए पहुंच गए हैं, वे भारी वर्षा की संभावना के दृष्टिगत उसी स्थान पर विश्राम करें।

उन्होंने आगे कहा है कि क्योंकि मौसम विभाग से उक्त तिथियों में गढ़वाल मंडल में भारी से भारी बर्षा की संभावना व्यक्त की गई है, इसलिए यात्रा प्रशासन संगठन द्वारा जनहित एवं तीर्थयात्रियों के जान-माल की सुरक्षा को देखते हुए चारधाम यात्रा स्थगित किये जाने का निर्णय लिया गया है। सभी श्रद्धालु एवं तीर्थयात्री जहां हैं वहीं रहें। मौसम को देखते हुए 8 जुलाई का निर्णय लिया जाएगा।

अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra ) भी स्थगित

लगातार और अत्यंत भारी बारिश के कारण जम्मू-कश्मीर में चल रही अमरनाथ यात्रा को भी प्रभावित किया है। जम्मू-कश्मीर में 6 और 7 जुलाई को पहलगाम एवं बालटाल से बाबा अमरनाथ यात्रा स्थगित कर दी गई है। आठ जुलाई को मौसम साफ होने पर ही श्रद्धालुओं को पवित्र गुफा की तरफ रवाना किया जाएगा। जम्मू में भारी बारिश के बीच ही भगवती नगर स्थित यात्री निवास से 5876 श्रद्धालुओं का नावां जत्था पहलगाम एवं बालटाल के लिए रवाना कर दिया गया है। पहलगाम और बालटाल में पहले से मौजूद 7552 श्रद्धालुओं ने 6 जुलाई को पवित्र गुफा के दर्शन कर लिए थे। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक अब तक 1,59,498 श्रद्धालुओं ने पवित्र गुफा के दर्शन कर लिए हैं।

उत्तराखंड में सैकड़ों गांव हुए अलग-थलग

प्रदेश में भारी बारिश के कारण भूस्खलन होने से 200 से अधिक संपर्क मार्ग बाधित हैं। वहीं 300 से अधिक गांव अलग-अलग पड़े हुए हैं। आपदा प्रबंधन विभाग लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं लेकिन अभी तक कई सड़कों को खोला नहीं जा सका है। केदारनाथ मार्ग पर 20 घंटे तक तीन हजार यात्री रास्ते में फंसे रहे। आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास सचिव विनोद कुमार सुमन ने 7 जुलाई को सभी जिलों के आपदा अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली है। उन्होंने सभी अधिकारियों को यथाशीघ्र बाधित मार्ग खोलने को कहा है।

गुंजन शांडिल्य समसामयिक मुद्दों पर गहरी समझ और पटकथा लेखन में दक्षता के साथ 10 वर्षों से अधिक का अनुभव रखते हैं। पत्रकारिता की पारंपरिक और आधुनिक शैलियों के साथ कदम मिलाकर चलने में निपुण, गुंजन ने पाठकों और दर्शकों को जोड़ने और विषयों को सहजता से समझाने में उत्कृष्टता हासिल की है। वह समसामयिक मुद्दों पर न केवल स्पष्ट और गहराई से लिखते हैं, बल्कि पटकथा लेखन में भी उनकी दक्षता ने उन्हें एक अलग पहचान दी है। उनकी लेखनी में विषय की गंभीरता और प्रस्तुति की रोचकता का अनूठा संगम दिखाई देता है।
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