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harsha richhariya: क्या इशारों में अखिलेश यादव पर भी निशाना साध गईं हर्षा रिछारिया? CO अनुज चौधरी को किया सपोर्ट
harsha richhariya: क्या इशारों में अखिलेश यादव पर भी निशाना साध गईं हर्षा रिछारिया? CO अनुज चौधरी को किया सपोर्ट
Authored By: JP Yadav
Published On: Monday, March 17, 2025
Updated On: Tuesday, March 18, 2025
harsha richhariya: महाकुंभ 2025 में अपनी खूबसूरती के कारण वायरल हुई यूट्यूबर हर्षा रिछारिया (harsha richhariya) एक बार फिर चर्चा में हैं.
Authored By: JP Yadav
Updated On: Tuesday, March 18, 2025
harsha richhariya: महाकुंभ 2025 की शुरुआत के साथ ही चर्चा में आईं हर्षा रिछारिया ने सतानत धर्म की जमकर तारीफ की. इसके साथ ही उन्होंने विरोधी दलों की जमकर आलोचना की. उत्तर प्रदेश के संभल में पहुंची हर्षा रिछारिया ने अपने बयान में कहा कि संभल का जो इतिहास है मुझे भी धीरे धीरे पता चल रहा है. उन्होंने कहा कि वह भी उस इतिहास को ढूंढने, खोजने व जानने के लिए निकली हैं. हर्षा रिछारिया ने वेदों, पुराण व शास्त्रों में लिखी बातों का जिक्र करते हुए कहा कि संभल ही वो पावन नगरी है जहां कलियुग के अंत में भगवान कल्कि का अवतरण होगा. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि यहां कल्कि भगवना अवतार लेने वाले हैं. ऐसे में यह जानना हम सब सनातनियों का फर्ज है हक है और इसमें हम सभी जानेंगे. यह हम आने वाली पीढ़ियों को भी बताएंगे.विवार को हर्षा रिछारिया विश्व हिंदू परिषद के कार्यालय पर पहुंची थी. इस दौरान मीडिया से बातचीत में उन्होंने बेबाकी से अपना पक्ष रखा.
सीओ अनुज चौधरी का किया समर्थन
संभल के सीओ अनुज चौधरी (Sambhal CO Anuj Chaudhary) के होली को लेकर दिए गए बयान का समर्थन करते हुए हर्षा रिछारिया ने कहा कि उन्होंने जो भी कहा उसमें कुछ भी आपत्ति जैसा कुछ नहीं है. यूट्यूबर हर्षा ने बेबाक अंदाज में कहा कि अनुज चौधरी की सच बयानी को सुनकर कोई फड़फड़ा उठे तो इसमें क्या कर सकते हैं. उन्होंने बिना नाम लिए कहा कि इस समय एक ही पार्टी है जो हिंदुओं के पक्ष की बात कर रही है और उनकी बात को रख रही है. इसके अलावा बाकी राजनीतिक पार्टियां सब विपक्ष में हैं, जो गलत है.
युवा जुड़ रहे सनातन धर्म से
गौरतलब है कि मॉडल और एंकर हर्षा रिछारिया प्रयाग राज में महाकुंभ 2025 शुरू होने के साथ ही चर्चाओं में आई थी. संभल में विश्व हिंदू परिषद के कार्यालय में उन्होंने यह भी बताया कि फिलहाल सनातन वाली लहर चल रही है और उसमें देश का युवा जुड़ रहा है यह बहुत बड़ी बात है.
हमारी संस्कृति में फूल फेंकना है पत्थर नहीं
इस मौके पर हर्षा ने बताया कि उनका मकसद युवाओं को धर्म और संस्कृति से जोड़ना है. इस दौरान उन्होंने कटाक्ष भरे अंदाज में कहा कि हमारी संस्कृति में फूल फेंकना है. जो पत्थर फेंक रहे हैं उनके बारे में क्या बोलूं. जामा मस्जिद बवाल के दौरान हुए पथराव पर उन्होंने यह टिप्पणी की. यहां पर पता दें कि मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की रहने वाली हर्षा एक मध्यम वर्गीय परिवार से हैं और निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरी की शिष्या हैं.
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