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दिल्ली में आज का मौसम 26 April 2025: दो दिनों का येलो अलर्ट, गर्मी से बेहाल होगी राजधानी ? – जानें पूरी स्टोरी!
दिल्ली में आज का मौसम 26 April 2025: दो दिनों का येलो अलर्ट, गर्मी से बेहाल होगी राजधानी ? – जानें पूरी स्टोरी!
Authored By: Nishant Singh
Published On: Friday, April 25, 2025
Updated On: Friday, April 25, 2025
दिल्ली-NCR इन दिनों भीषण गर्मी की चपेट में है. 25 और 26 अप्रैल को तापमान ने अपने विकराल रूप धारण कर लिया है, जहां अधिकतम तापमान 43 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 30 डिग्री तक पहुंच गया है. मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि इन दिनों लू की तीव्रता और बढ़ेगी. 20 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली गर्म हवाएं लोगों की दिनचर्या को प्रभावित कर रही हैं. सड़कें सूनी, पार्क वीरान और पंखे भी गर्म हवा फेंकते नजर आ रहे हैं. ऐसे में दिल्लीवासियों के लिए यह समय सावधानी और सतर्कता का है. लगातार पानी पीना, धूप से बचना और आवश्यक ना हो तो दोपहर में बाहर न निकलना अब केवल सुझाव नहीं, ज़रूरत बन चुका है.
Authored By: Nishant Singh
Updated On: Friday, April 25, 2025
दिल्ली में आज, 26 अप्रैल 2025, का मौसम तीव्र गर्मी के बीच बेहद कठिन है. आज का अधिकतम तापमान 42°C तक पहुँच सकता है, जबकि न्यूनतम तापमान 29°C के आसपास रहेगा. राजधानी में इस समय लू का कहर जारी है, और इस भीषण गर्मी ने लोगों को घरों में रहने के लिए मजबूर कर दिया है. दिल्ली में गर्मी का यह प्रकोप इस साल के शुरुआती महीनों से ही महसूस किया जा रहा है. मौसम विभाग ने इस विशेष दिन के लिए येलो अलर्ट जारी किया है, जिससे दिल्लीवासियों को दिन के समय बाहर निकलने से बचने की सलाह दी गई है.
हालांकि, राहत की एक झलक भी मौसम के नक्शे पर दिख रही है. 27 और 28 अप्रैल को पहाड़ी क्षेत्रों में सक्रिय हो रहे पश्चिमी विक्षोभ का असर दिल्ली पर भी पड़ सकता है. मौसम विभाग के अनुसार, इस विक्षोभ के कारण 30 अप्रैल तक दिल्ली में आंशिक बादल छाने के साथ हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है. यह बारिश गर्मी की इस क्रूर लहर को कुछ समय के लिए थाम सकती है.
दिल्ली में दो दिनों का येलो अलर्ट: लू का प्रकोप
दिल्ली में 26 अप्रैल 2025 को गर्मी ने अपने चरम रूप को छू लिया है. मौसम विभाग ने इन दो दिनों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है, जिससे यह साफ हो गया है कि दिल्ली-NCR में लू का प्रकोप और भी तीव्र हो जाएगा. अधिकतम तापमान 42°C तक पहुंचने की संभावना है, और 20 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली गर्म हवाएं सड़कों पर सन्नाटा फैला देंगी. कामकाजी लोग जल्दी घर लौटने के लिए मजबूर हो गए हैं, वहीं बच्चे बाहर खेलने के बजाय घर की चारदीवारी में कैद हैं. इस स्थिति में शरीर को हाइड्रेट रखना और धूप से बचाव करना जरूरी हो गया है. डॉक्टरों की सलाह है कि इस समय लोगों को विशेष रूप से सजग रहना चाहिए और लू से बचने के लिए अतिरिक्त सावधानियां बरतनी चाहिए.
पश्चिमी विक्षोभ की दस्तक: उम्मीद की ठंडी फुहार
गर्मी के इस प्रकोप के बीच 27 और 28 अप्रैल को दिल्ली में राहत की एक छोटी सी किरण दिखाई दे रही है. मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि पहाड़ी इलाकों में सक्रिय हो रहे पश्चिमी विक्षोभ का असर दिल्ली के मौसम पर पड़ सकता है, जिससे तापमान में कुछ राहत मिल सकती है. हालांकि यह परिवर्तन स्थायी नहीं होगा, लेकिन कुछ समय के लिए तापमान में गिरावट आ सकती है. पश्चिमी विक्षोभ की वजह से बादल और ठंडी हवाएं दिल्ली में दस्तक दे सकती हैं, जिससे तपते मौसम में थोड़ी राहत महसूस की जा सकती है. हालांकि, दिल्लीवासी जानते हैं कि यह राहत अस्थायी होगी, फिर भी वे इसे सुकून से बिताने की उम्मीद कर रहे हैं, क्योंकि यह कुछ समय के लिए उन्हें राहत का अहसास दिलाएगा.
दिल्ली में आज भी हवा खराब: प्रदूषण का खतरा
दिल्ली में आज सुबह नौ बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 239 दर्ज किया गया, जो ‘खराब’ श्रेणी में आता है. इस स्थिति में दिल्लीवासियों को खासतौर पर बाहर निकलते वक्त सावधानी बरतने की जरूरत है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार, एक्यूआई का स्तर 201 से 300 के बीच ‘खराब’ माना जाता है, जिससे सांस लेने में परेशानी हो सकती है, खासकर उन लोगों को जो अस्थमा या सांस संबंधी बीमारियों से पीड़ित हैं.
एक्यूआई श्रेणियां:
- 0 से 50: अच्छा
- 51 से 100: संतोषजनक
- 101 से 200: मध्यम
- 201 से 300: खराब
- 301 से 400: बहुत खराब
- 401 से 500: गंभीर
इस समय दिल्ली में हवा की गुणवत्ता खराब होने से लोगों को बाहर कम से कम समय के लिए निकलने की सलाह दी जाती है.
पिछले 10 दिनों में नई दिल्ली में मौसम का मिज़ाज
दिनांक | Min Temp. | Max Temp. |
---|---|---|
Apr 26, 2025 | 29 | 42 |
Apr 25, 2025 | 30 | 43 |
Apr 24, 2025 | 26-29 | 41-43 |
Apr 23, 2025 | 29 | 41 |
Apr 22, 2025 | 27 | 40 |
Apr 21, 2025 | 24-26 | 40-42 |
Apr 20, 2025 | 24-26 | 36-38 |
Apr 19, 2025 | 26 | 39 |
Apr 18, 2025 | 28 | 41 |
Apr 17, 2025 | 23-26 | 37-41 |
दिल्ली में बढ़ती गर्मी के कारण
दिल्ली में प्रदूषण के कई कारण हैं, जो मिलकर इस समस्या को और जटिल बना देते हैं. सबसे बड़ा कारण यहां के वाहनों से निकलने वाला धुआं है, क्योंकि दिल्ली में लाखों गाड़ियाँ रोज़ सड़क पर दौड़ती हैं. इसके अलावा, निर्माण कार्यों से उठने वाली धूल और कचरा जलाने की आदत भी प्रदूषण को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाती है. सर्दियों में, पंजाब और हरियाणा से आने वाली पराली का धुंआ दिल्ली में प्रदूषण को और बढ़ा देता है. इसके साथ ही, उद्योगों से निकलने वाले प्रदूषक तत्वों और मौसम की स्थिति भी हवा की गुणवत्ता को प्रभावित करती है. जब हवा की गति कम होती है, तो प्रदूषक तत्व हवा में फंसे रहते हैं, जिससे स्थिति और बिगड़ जाती है.
प्रदूषण के कारण:
- वाहन प्रदूषण: बढ़ती संख्या में वाहन और पुराने, प्रदूषण फैलाने वाले इंजन.
- पराली जलाना: पड़ोसी राज्यों से आने वाला धुंआ, खासकर सर्दियों में.
- निर्माण कार्य: निर्माण स्थलों से उड़ती धूल.
- उद्योगों से प्रदूषण: कारखानों से निकलने वाले हानिकारक गैस और धुएं.
- कचरा प्रबंधन की समस्या: अव्यवस्थित कचरा निपटान और जलते कचरे से प्रदूषण.
- मौसम का प्रभाव: सर्दियों में कम हवा की गति, जिससे प्रदूषक तत्वों का फैलाव रुकता है.
इन कारणों से दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति गंभीर बनी रहती है, जो नागरिकों के स्वास्थ्य के लिए खतरे की घंटी है.
सनबर्न क्या होता है?
गर्मियों में सनबर्न एक आम समस्या बन जाती है, जो त्वचा के लिए बहुत हानिकारक होती है. चिकित्सा भाषा में इसे “डर्माटाइटिस सोलारिस” कहा जाता है. सनबर्न तब होता है जब त्वचा सूरज की हानिकारक यूवी किरणों के सीधे संपर्क में आ जाती है. इसके परिणामस्वरूप त्वचा में जलन, सूजन, लाल चकत्ते, छाले और दर्द हो सकते हैं. धीरे-धीरे त्वचा जलने लगती है, और उसका रंग काला हो जाता है. यह स्थिति न सिर्फ असहज होती है, बल्कि लम्बे समय में त्वचा पर दाग-धब्बे भी छोड़ सकती है. सनबर्न से बचने के लिए सूरज की सीधी किरणों से बचना और सही सनस्क्रीन का इस्तेमाल करना बेहद जरूरी है.
हीटवेव क्या है?
हीटवेव एक ऐसी स्थिति है, जब गर्मी की लहर लगातार तीन दिनों तक असामान्य रूप से तीव्र हो जाती है. जब किसी क्षेत्र का तापमान सामान्य से काफी अधिक बढ़ जाता है, तो उसे हीटवेव कहा जाता है. यह स्थिति खासतौर पर मार्च से जून के बीच होती है, और कभी-कभी जुलाई में भी देखने को मिलती है. हीटवेव के दौरान, तापमान 40 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक हो सकता है, जिससे शरीर में पानी की कमी, बुखार, उल्टी, दस्त, थकान और कमजोरी जैसे लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं. ऐसी स्थिति में लोगों को विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है, क्योंकि यह न केवल शरीर को थका देती है, बल्कि सेहत के लिए भी गंभीर खतरे का कारण बन सकती है.
हॉट डे क्या होता है?
जब किसी दिन का अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस या उससे ऊपर चला जाए और न्यूनतम तापमान भी सामान्य औसत से 5 डिग्री या उससे ज्यादा हो, तो मौसम विभाग उस दिन को ‘हॉट डे’ यानी बेहद गर्म दिन घोषित करता है. यह स्थिति खासतौर पर अप्रैल से जून के बीच देखने को मिलती है, जब गर्मी अपने चरम पर होती है. ऐसे दिनों में लू का खतरा बढ़ जाता है और लोगों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत होती है, क्योंकि गर्मी न सिर्फ असहज बनाती है, बल्कि सेहत के लिए भी खतरनाक साबित हो सकती है.