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महाकुम्भ 2025 : तैयारी पर है पूरा जोर, ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की न हो दिक्कत
महाकुम्भ 2025 : तैयारी पर है पूरा जोर, ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की न हो दिक्कत
Authored By: सतीश झा
Published On: Friday, December 6, 2024
Updated On: Friday, December 20, 2024
महाकुम्भ में पहली बार तैनात होंगे ऑल-टेरेन व्हीकल। मेला क्षेत्र में कहीं भी आग लगने पर तत्काल पहुंच सकेगा अत्याधुनिक डिवाइस से लैस व्हीकल। पानी सप्लाई के लिए बिछ रहा 1249 किमी लम्बा पाइपों का जाल। 56,000 कनेक्शन से होगी मेला क्षेत्र में निर्बाध जलापूर्ति। यूपी जल निगम नगरीय करा रहा 40 करोड़ रू की लागत से कार्य। सीएम योगी के निर्देशानुसार 30 नवम्बर तक कार्य होगा पूरा।
Authored By: सतीश झा
Updated On: Friday, December 20, 2024
महाकुम्भ में पहली बार ऑल टेरेन व्हीकल (All Terrain Vehicle) तैनात किया जा रहा है। यह व्हीकल मेला क्षेत्र में कहीं भी आग की घटना होने पर चंद सेकेंड्स में घटनास्थल पहुंचकर आग पर काबू पा सकेगा। यह फायर एस्टींगुशर समेत तमाम अत्याधुनिक फायर सेफ्टी डिवाइसेज से लैस होगा। रेत, दलदल और छिछले पानी में भी यह पूरी रफ्तार से दौड़ सकेगा।
अग्निशमन विभाग के ट्रेन्ड फायरकर्मी इस पर सवार होकर पूरे मेला क्षेत्र में आपात स्थिति पर नजर रखेंगे। इसे पहली बार महाकुम्भ में उपयोग में लाया जाएगा। इसके लिए चार ऑल टेरेन व्हीकल्स प्रयागराज पहुंच चुके हैं और अग्निशमन कर्मियों को इसकी राइडिंग और उपयोग की ट्रेनिंग दी जा रही है। मुख्यमंत्री योगी 25 नवम्बर को इन चारों वाहनों समेत अन्य डिवाइसेज को हरी झंडी दिखा सकते हैं। इलेक्ट्रिक बैट्री से संचालित होने वाला यह वाहन मुख्यमंत्री योगी के सुरक्षित और हरित महाकुंभ के संकल्प को साकार करेगा। मुख्यमंत्री योगी के निर्देश पर उत्तर प्रदेश अग्निशमन और आपातकालीन सेवाएं (यूपी फायर सर्विसेज) की ओर से मेला क्षेत्र को जीरो फायर इंसिडेंट जोन बनाने की व्यापक तैयारी की गई है। ऑल टेरेन व्हीकल उसी तैयारी का हिस्सा है।
जर्मनी से प्रयागराज पहुंचे चारों व्हीकल
प्रयागराज के मुख्य अग्निशमन अधिकारी और महाकुम्भ के नोडल अधिकारी प्रमोद शर्मा (Pramod Sharma) ने बताया कि चार ऑल-टेरेन व्हीकल्स को जर्मनी से प्रयागराज लाया गया है। लगभग ढाई करोड़ की लागत वाले इन व्हीकल्स को मुख्यमंत्री योगी स्वयं हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। इन व्हीकल्स की तैनाती से यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि महाकुम्भ मेला प्रारंभ होने के बाद क्षेत्र के भीड़ भाड़ वाले इलाकों में भी सुचारू रूप से फायर सेफ्टी सर्विसेज का परिचालन किया जा सके। उन्होंने बताया कि वाहन में पानी की टंकियां, नल और पंप सहित अग्निशमन उपकरण लगे हैं, जिससे अधिकारी आग लगने पर तुरंत कार्रवाई कर सकेंगे। यह त्वरित कार्रवाई आग को फैलने से रोकने में महत्वपूर्ण है, खासकर शुरुआती चरणों में।
आग बुझाने की प्रभावी क्षमता
उन्होंने कहा कि इसमें नॉर्मल एस्टींगुशर के साथ एयर कम्प्रेसर और वैमपैक फायर एस्टींगुशर भी है। इसमें गन से 9 लीटर तक पानी का छिड़काव किया जा सकता है। इसमें 8 लीटर पानी और एक लीटर केमिकल होता है जो छिड़काव के बाद फोम बन जाता है। फ्लोरीन-मुक्त फोम में आग बुझाने की प्रभावी क्षमता होती है। यह आग को तेजी से बुझा सकता है। यह ज्वलनशील तरल पदार्थ की आग को भी दबा सकता है और दोबारा आग लगने से रोक सकता है, जिससे यह पारम्परिक फोम का एक विश्वसनीय विकल्प बन जाता है।
इसकी डिस्चार्ज डिस्टेंस 45 फीट तक होती है, जिससे सिस्टम ऑपरेटर और आग के बीच सुरक्षित दूरी बनी रहती है। इसमें 75 फीट की नली होती है जो उपयोगकर्ता को किसी भी दिशा में यूनिट के 100 फीट के भीतर आग तक पहुंचने में सक्षम बनाती है। यह दूरी ऑपरेटर और फायरमैन को विकिरण गर्मी और जहरीली गैसों से भी सुरक्षा प्रदान करती है। यह वाहन अग्निशामकों और प्रथम प्रतिक्रियाकर्ताओं के लिए अधिक सुरक्षित है। यह बाॅयोडिग्रेडेबल और ग्रीन शील्ड प्रमाणित भी है। फ्लोरीन मुक्त फोम वाले वाहनों का उपयोग करने के लिए अग्निशमन कर्मियों को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
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भीड़भाड़ वाले इलाकों में आसान होगी पहुंच
उन्होंने बताया कि आग से जुड़ी ज्यादातर बड़ी घटनाओं में कर्मियों को अक्सर भीड़भाड़ वाले इलाकों का सामना करना पड़ता है। जिससे आग बुझाने के प्रयासों में बाधा आती है। उन इलाकों में दमकल गाड़ियों को ले जाना या उनका संचालन करना मुश्किल होता है। इसके परिणामस्वरूप काफी समय बर्बाद होता है। हम एक ऐसा समाधान चाहते थे जिससे हम भीड़भाड़ वाले इलाकों में जल्दी पहुंच सकें और तुरंत ऑपरेशन शुरू कर सकें। महाकुम्भ में जब सभी क्षेत्रों में भारी भीड़ मौजूद रहेगी तब आपातकाल स्थितियों में यह वाहन चंद सेकेंड्स में घटनास्थल पर पहुंच सकेंगे। त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने के लिए तेजी से चलने की क्षमता के साथ, यह वाहन विभिन्न प्रकार की आग बुझाने में सक्षम होंगे। यह वाहन रेत, कीचड़ और उबड़ खाबड़ इलाकों के साथ-साथ छिछले पानी में भी चलने में सक्षम है। रेत पर जब वाहन फंस जाता है तब यह बूस्ट मोड में काम करता है जिससे इसके चारों पहिए काम करने लग जाते हैं। यह मात्र 4 घंटे में ही चार्ज हो जाता है और 8 घंटे तक काम करता है। यह 60 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकता है।
पानी सप्लाई के लिए बिछ रहा 1249 किमी लम्बा पाइपों का जाल
संगम क्षेत्र में महाकुम्भ नगरी बसना शुरू हो गई। मुख्यमंत्री योगी के निर्देशों का पालन करते हुए मेला प्राधिकरण और प्रदेश के सभी प्रमुख विभाग युद्धस्तर पर विकास कार्य में लगे हैं। पूरे मेला क्षेत्र में निर्बाध पानी सप्लाई की कार्यदायी संस्था यूपी जल निगम नगरीय 1249 किलोमीटर लम्बे पाइपों के जाल और 56,000 कनेक्शन की मदद से पूरे मेला क्षेत्र में निर्बाध पानी सप्लाई का कार्य करेगी। मेले में आने वाले श्रद्धालुओं, सन्यासियों, कल्पवासियों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।
30 नवम्बर तक बिछ जाएगा
महाकुम्भ में पूरे मेला क्षेत्र में पीने के पानी की सप्लाई का कार्य यूपी जल निगम नगरीय कर रही है। इसके लिए 25 सेक्टरों और 4000 हेक्टेअर में फैले विशाल मेला क्षेत्र में पानी सप्लाई के लिए पाइप लाइन का जाल बिछाने का काम शुरू हो गया है।
जल निगम नगरीय के अधिशासी अभियंता अमितराज ने बताया कि इस बार का मेला क्षेत्र पहले के कुम्भ मेला की तुलना में सबसे बड़ा है। पूरे मेला क्षेत्र में पानी सप्लाई के लिए लगभग 1249 किलोमीटर लम्बा पाइपों का जाल बिछाया जा रहा है। ताकि परेड ग्राउंड, संगम क्षेत्र से लेकर फाफामऊ और अरैल व झूंसी के क्षेत्रों में भी पानी की सप्लाई आसानी से की जा सके। इसके लिए 40 करोड़ रुपये की लागत से जल निगम नगरीय कार्य कर रहा है, जो 30 नवम्बर तक पूरा हो जाएगा।
56 हजार कनेक्शन से होगी महाकुम्भ में निर्बाध जलापूर्ति
अधिशासी अभियंता ने कहा कि पाइप लाइन बिछाने के बाद सड़कों के किनारे, अखाड़ों के शिविरों, कल्पवासियों और प्रशासन के टेंटों तक पानी के लगभग 56,000 कनेक्शन लगाये जाएंगे। उन्होंने बताया कि सड़क किनारे के कनेक्शन और नल लगाने का कार्य 30 नवम्बर तक पूरा कर लिया जाएगा। अखाड़ों और कल्पवासियों के शिविरों में पानी कनेक्शन लगाने का कार्य उनके शिविर लगाने के साथ-साथ किया जाएगा। पानी सप्लाई का कार्य 85 नलकूप और 30 जनरेटरों की मदद से पम्पिंग स्टेशनों से किया जाएगा। ताकि महाकुम्भ के दौरान पूरे मेला क्षेत्र में निर्बाध जलापूर्ति में किसी तरह का व्यवधान पैदा न हो। कार्य निरिक्षण के लिए सेक्टरवाईज जल निगम के अभियंता और कर्मचारी मेला क्षेत्र में भी तैनात किए जाएंगे।
(हिन्दुस्थान समाचार एजेंसी के इनपुट के साथ)