बैंक जमा का एक तिहाई अब म्यूचुअल फंड में, क्या आपने उठाया ज्यादा रिटर्न का फायदा?

Authored By: Suman

Published On: Sunday, June 22, 2025

Last Updated On: Sunday, June 22, 2025

बैंक जमा से म्यूचुअल फंड की ओर बढ़ते निवेश की प्रवृत्ति
बैंक जमा से म्यूचुअल फंड की ओर बढ़ते निवेश की प्रवृत्ति

मई 2025 तक mutual fund का एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) यानी उनकी स्कीम में लगाई गई कुल रकम बढ़कर 72.2 लाख करोड़ रुपये हो चुकी है. यह बैंकों में जमा कुल राशि का करीब एक तिहाई है.

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Last Updated On: Sunday, June 22, 2025

निवेश के सुरक्षित साधन के रूप में म्यूचुअल फंडों (Mutual Funds) की लोकप्रियता लगातार बढ़ती जा रही है. मई 2025 तक म्यूचुअल फंडों का एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) यानी उनकी स्कीम में लगाई गई कुल रकम बढ़कर 72.2 लाख करोड़ रुपये हो चुकी है. यह बैंकों में जमा कुल राशि का करीब एक तिहाई है.

इस अवधि तक बैंकों में जमा कुल राशि करीब 232 लाख करोड़ रुपये है. यह तब है जब देश में म्यूचुअल फंड में निवेश करने वाले लोगों की संख्या बहुत कम है. मार्च 2025 तक के आंकड़ों के मुताबिक देश में म्यूचुअल फंड के यूनिक इन्वेस्टर करीब 5.42 करोड़ ही हैं. इससे ज्यादा तो अकेले भारतीय स्टेट बैंक में खाताधारक हैं.

म्यूचुअल फंडों में आसानी से 10 से 12 फीसदी का सालाना रिटर्न मिल जाता है, जबकि बैंक जमा में 4 से 7 फीसदी का ही सालाना रिटर्न मिलता है.

इक्रा एनालिटिक्स की रिपोर्ट के अनुसार मई 2025 में म्यूचुअल फंड्स का एसेट अंडर मैनेजमेंट  22.55% बढ़कर 72.2 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया. इस दौरान ओपन एंडेड ग्रोथ यानी इक्विटी स्कीम्स में 26.21% की बढ़ोतरी हुई. इसके बाद अन्य ओपन एंडेड स्कीम में 24.45% और हाइब्रिड फंड के एसेट में 22.12% की बढ़ोतरी हुई. इस दौरान गोल्ड ईटीएफ का एसेट अंडर मैनेजमेंट सबसे ज्यादा 97.08% बढ़कर 62,453 करोड़ रुपये पहुंच गया.

पिछले आठ साल में कुल बैंक जमा (Bank Deposit) के फीसदी के लिहाज से देखें तो म्यूचुअल फंड का हिस्सा करीब दोगुना हो गया है. मार्च 2017 में बैंक जमा के मुकाबले म्युचअल फंडों का एयूएम करीब 16 फीसदी ही था जो अब करीब 30 फीसदी हो गया है.

खासकर कोविड महामारी के बाद शेयर बाजार में जब खूब तेजी आई तो म्यूचुअल फंडों की लोकप्रियता भी काफी बढ़ी है. खासकर सिस्टमेटिक इनवेस्टमेंट प्लान यानी SIP  के जरिये लोगों ने खूब निवेश किए हैं. सिप की लोकप्रियता लगातार बढ़ती जा रही है. मई 2025 में सिप अकाउंट 3 फीसदी बढ़कर 9.05 करोड़ तक पहुंच गए.

इसके अलावा स्मार्टफोन और इंटरनेट के प्रसार ने भी म्यूचुअल फंड की लोकप्रियता और इनमें निवेश में इजाफा किया है, क्योंकि लोग अब ऐप के जरिये एक क्लिक में घर बैठे आसानी से निवेश कर सकते हैं.

क्या होती है म्यूचुअल फंड की खूबी

म्यूचुअल फंड असल में ऐसे फंड होते हैं जिसमें बहुत से लोगों का पैसा एक जगह जुटाकर फिर उसे अलग-अलग साधनों में लगाया जाता है. इस फंड का प्रबंधन योग्य और पेशेवर फंड मैनेजरों के द्वारा किया जाता है. इस पैसे को फंड मैनेजर चुनिंदा शेयरों, गोल्ड या रियल एस्टेट जैसी परिसंपत्तियों में लगाया जाता है. कोशिश यह रहती है कि निवेशकों को ज्यादा से ज्यादा रिटर्न दिलाया जाए.

जो लोग खुद शेयर बाजार में निवेश नहीं कर सकते उनके लिए यह शेयर बाजार में उतरने का एक अच्छा जरिया होता है. इसकी वजह यह है कि म्यूचुअल फंड के पास अच्छे रिसर्चर होते हैं जो रिसर्च कर अच्छे शेयर चुनते हैं. आम लोग खुद इस तरह का रिसर्च नहीं कर सकते. इसलिए सामान्य निवेशकों के लिए म्यूचुअल फंड को निवेश का सुरक्षित साधन माना जाता है.

(डिस्क्लेमर: शेयर बाजार और निवेश संबंधी खबरें सिर्फ जानकारी के उद्देश्य से दी जाती हैं. इसे निवेश सलाह नहीं मानना चाहिए. ​किसी भी तरह के निवेश से पहले सेबी रजिस्टर्ड किसी सलाहकार की राय जरूर लें.)

About the Author: Suman
सुमन गुप्ता एक स्वतंत्र पत्रकार हैं जो आर्थिक और राजनीतिक विषयों पर अच्छी पकड़ रखती हैं। कई पत्र—पत्रिकाओं के लिए पिछले दस साल से स्वतंत्र रूप से लेखन। राष्ट्रीय राजनीति, कोर इकोनॉमी, पर्सनल फाइनेंस, शेयर बाजार आदि से जुड़े उनके सैकड़ों रिपोर्ट, आर्टिकल प्रकाशित हो चुके हैं।
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