पाकिस्तान को झटका! IMF ने क्यों कहा खतरे में पड़ सकता है 7 अरब डॉलर का लोन

पाकिस्तान को झटका! IMF ने क्यों कहा खतरे में पड़ सकता है 7 अरब डॉलर का लोन

Authored By: Suman

Published On: Wednesday, July 16, 2025

Last Updated On: Wednesday, July 16, 2025

IMF Loan Pakistan 7 अरब डॉलर का लोन खतरे में, आर्थिक सुधारों में देरी बनी वजह, जानिए पूरी खबर.
IMF Loan Pakistan 7 अरब डॉलर का लोन खतरे में, आर्थिक सुधारों में देरी बनी वजह, जानिए पूरी खबर.

आईएमएफ पाकिस्तान सरकार की आयातित चीनी पर टैक्स की छूट और सब्सिडी देने की योजना से नाराज है और उसने इस पर गहरी आपत्ति जताई है.

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Last Updated On: Wednesday, July 16, 2025

IMF Loan Pakistan: अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) ने चेतावनी दी है कि पाकिस्तान का 7 अरब डॉलर का लोन खतरे में पड़ सकता है. असल में आईएमएफ पाकिस्तान सरकार की आयातित चीनी पर टैक्स की छूट और सब्सिडी देने की योजना से नाराज है और उसने इस पर गहरी आपत्ति जताई है.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान सरकार (Pakistan Government) चीनी पर प्रति किलो 55 रुपये की सब्सिडी देने की योजना बना रही है ताकि 249 रुपये प्रति किलो भाव में आयातित होने वाली चीनी देश में सस्ती हो जाए. आईएमएफ ने पाकिस्तान सरकार के इस तर्क को भी खारिज कर दिया है कि यह देश में एक तरह से फूड इमरजेंसी के हालात से निपटने के लिए उठाया गया कदम है.

आईएमएफ को किस बात की चिंता

आईएमएफ को आशंका है कि आयातित चीनी का बड़ा हिस्सा औद्योगिक जरूरतों के लिए इस्तेमाल हो सकता है और आम परिवारों को इसका लाभ कम मिलेगा. आईएमएफ का मानना है कि यह जनहित के खिलाफ और वित्तीय अनुशासन का उल्लंघन है.

पाकिस्तान सरकार 5 लाख टन चीनी आयात की तैयारी कर रही है. रिपोर्ट के अनुसार इस चेतावनी को देखते हुए अब पाकिस्तान की केंद्र सरकार इस निर्णय पर पुनर्विचार कर रही है. ऐसा माना जा रहा है कि केंद्रीय कैबिनेट ने अपने स्तर से इसका निर्णय लिया था और इसके लिए वित्त मंत्रालय से समुचित राय नहीं ली थी.

फैसले के मुताबिक कहा गया कि फेडरल बोर्ड ऑफ रेवेन्यू (FBR) इस चीनी आयात पर सभी ड्यूटी और टैक्स माफ करेगा. ट्रेडिंग कॉरपोरेशन ऑफ पाकिस्तान (TCP) ने 3 लाख टन चीनी आयात के लिए टेंडर भी जारी कर दिया है और इसके लिए बिड 18 जुलाई को बंद होगा.

चीनी का पर्याप्त स्टॉक

इस विवाद को और हवा देते हुए पाकिस्तान शुगर मिल्स एसोसिएशन (PSMA) ने सरकार को जानकारी दी है कि स्थानीय मिलों के पास देश की जरूरत को नवंबर महीने तक पूरा करने के लिए चीनी का पर्याप्त स्टॉक है. पीएसएमए ने दावा किया है कि वह हर महीने 5.3 लाख टन चीनी की आपूर्ति कर सकता है और उसने स्थानीय चीनी पर 25 रुपये प्रति किलो का सेल्स टैक्स लगाने के सरकार के फैसले की आलोचना की है.

इस बीच सरकार ने देश में चीनी की कीमतों पर अंकुश लगाने के भी प्रयास शुरू कर दिए हैं.  रिपोर्ट के अनुसार सरकार और शुगर इंडस्ट्री के बीच हुए एक समझौते के मुताबिक अब मिल के स्तर पर चीनी का रेट 165 रुपये प्रति किलो ग्राम होगा. इसके पहले पाकिस्तान में चीनी की कीमतें 200 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई थीं.

नकदी की भारी तंगी का सामना कर रहे पाकिस्तान के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने पिछले साल सितंबर में 7 अरब डॉलर का लोन मंजूर किया था. हालांकि यह लोन कुल 37 महीने में मिलना है.

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About the Author: Suman
सुमन गुप्ता एक स्वतंत्र पत्रकार हैं जो आर्थिक और राजनीतिक विषयों पर अच्छी पकड़ रखती हैं। कई पत्र—पत्रिकाओं के लिए पिछले दस साल से स्वतंत्र रूप से लेखन। राष्ट्रीय राजनीति, कोर इकोनॉमी, पर्सनल फाइनेंस, शेयर बाजार आदि से जुड़े उनके सैकड़ों रिपोर्ट, आर्टिकल प्रकाशित हो चुके हैं।
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