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Navratri 2024 : 3 अक्टूबर से शुरू हो जायेंगे शारदीय नवरात्र, 12 अक्टूबर को होगा मूर्ति विसर्जन
Navratri 2024 : 3 अक्टूबर से शुरू हो जायेंगे शारदीय नवरात्र, 12 अक्टूबर को होगा मूर्ति विसर्जन
Authored By: स्मिता
Published On: Wednesday, September 25, 2024
Updated On: Wednesday, September 25, 2024
द्रिक पंचांग के अनुसार, 2 अक्टूबर, 2024 को पितृ पक्ष समाप्त हो जायेगा। इसके दूसरे दिन 3 अक्टूबर से नवरात्र पूजन शुरू हो जायेगा। नवरात्रि पारण और दुर्गा विसर्जन के साथ ही शारदीय नवरात्र (Shardiya Navratri 2024) संपन्न हो जायेंगे।
Authored By: स्मिता
Updated On: Wednesday, September 25, 2024
अक्टूबर 2024 के पहले सप्ताह से नवरात्र का जीवंत और शुभ त्योहार शुरू होने वाला है। यह नौ दिवसीय उत्सव देवी दुर्गा के नौ अलग-अलग अवतारों की पूजा करने के लिए समर्पित है। यह दसवें दिन विजयादशमी (Vijayadashmi 2024) के त्योहार के साथ समाप्त हो जायेगा। नवरात्र बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। यह पूरे भारत में बड़े उत्साह के साथ मनाया (Navratri 2024) जाता है।
नवरात्र और दुर्गा पूजा (Navratri and Durga Puja 2024)
नवरात्र और दुर्गा पूजा बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। इस अवसर पर भक्तजन उपवास, प्रार्थना-पूजा और कन्या पूजन भी करते हैं। नवरात्र नौ दिनों का आयोजन है, जो दसवें दिन विजयादशमी के साथ समाप्त होता है। मान्यता है विजयादशमी के दिन देवी दुर्गा ने असुर महिषासुर का मर्दन किया था।इसलिए देवी दुर्गा को महिषासुरमर्दिनी भी कहा जाता है। द्रिक पंचांग के अनुसार, 2 अक्टूबर, 2024 को पितृ पक्ष (Pitru Paksha 2024) समाप्त हो जायेगा। इसके दूसरे दिन 3 अक्टूबर से नवरात्र पूजन शुरू हो जायेगा। नवरात्रि पारण और दुर्गा विसर्जन के साथ ही शारदीय नवरात्र (Shardiya Navratri 2024) संपन्न हो जायेंगे।
देवी दुर्गा के नौ अवतारों की पूजा (Navadurga)
नवरात्र और दुर्गा पूजा भक्ति, उत्सव और सांस्कृतिक जीवंतता का समय है। यह त्योहार सभी लोगों को एकता का संदेश देता है। यह पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। नवरात्र के नौ दिनों में देवी दुर्गा के नौ अवतार की पूजा होती है। प्रत्येक दिन देवी दुर्गा के एक विशिष्ट अवतार को समर्पित है। प्रत्येक अवतार देवी की शक्ति और गुणों के एक अद्वितीय पहलू का प्रतिनिधित्व करता है।
पहले दिन शैलपुत्री की पूजा (Shailputri Puja)
दुर्गा पूजा की शुरुआत देवी दुर्गा के प्रथम अवतार शैलपुत्री से शुरू हो जाती है।
देवी दुर्गा के नौ अवतार क्रम से इस प्रकार हैं:
- शैलपुत्री : पर्वत पुत्री
- ब्रह्मचारिणी : भक्ति और तपस्या की मूर्ति
- चंद्रघंटा : असुरों का नाश करने वाली देवी
- कुष्मांडा : ब्रह्मांडीय शक्ति की देवी
- स्कंदमाता: मातृत्व और संतान की देवी
- कात्यायनी : शक्ति की देवी
- कालरात्रि : शुभता और साहस की देवी
- महागौरी : सौंदर्य और स्त्रियों की देवी
- सिद्धिदात्री : अलौकिक शक्तियों या सिद्धियों की देवी
जीवन में समृद्धि, स्वास्थ्य और सुख-शांति का आशीर्वाद लेने के लिए भक्तगण इन 9 अवतारों की विशिष्ट पूजा और प्रसाद अर्पित करते हैं।
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