नीतीश पर कांग्रेस अध्यक्ष की तल्खी के सियासी मायने: बिहार में वजूद बचाने की कोशिश में कांग्रेस

नीतीश पर कांग्रेस अध्यक्ष की तल्खी के सियासी मायने: बिहार में वजूद बचाने की कोशिश में कांग्रेस

Authored By: सतीश झा

Published On: Sunday, April 20, 2025

Updated On: Monday, April 21, 2025

नीतीश कुमार पर कांग्रेस अध्यक्ष की तल्ख टिप्पणी और उसके सियासी मायने
नीतीश कुमार पर कांग्रेस अध्यक्ष की तल्ख टिप्पणी और उसके सियासी मायने

Bihar Assembly Election 2025): बिहार की सियासत में इन दिनों गर्मी तेज है. इसकी एक बड़ी वजह है कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) पर सीधा हमला. खरगे के इस तीखे रुख को यूं ही नजरअंदाज नहीं किया जा सकता, क्योंकि इसके पीछे कांग्रेस (Congress) की एक बड़ी राजनीतिक रणनीति छिपी है – बिहार में खोया वजूद फिर से हासिल करना.

Authored By: सतीश झा

Updated On: Monday, April 21, 2025

हाल के दिनों में कांग्रेस ने राज्य में अपनी राजनीतिक सक्रियता बढ़ाई है. पहले राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की यात्रा. अब खरगे (Mallikarjun Kharge) की तरफ से नीतीश कुमार (Nitish Kumar) पर तीखे बयान. ये दोनों घटनाएं साफ संकेत देती हैं कि कांग्रेस आगामी बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election 2025) को लेकर पूरी तरह आक्रामक रुख अपनाने जा रही है.

कांग्रेस (Congress) यह भलीभांति जानती है कि बिहार जैसे राजनीतिक रूप से जागरूक राज्य में केवल सहयोगी दल बनकर रहने से उसे कोई खास लाभ नहीं मिलने वाला. इसलिए वह अब अपनी स्वतंत्र पहचान को स्थापित करने के प्रयास में जुट गई है, जिसके तहत वह जेडीयू (JDU) और आरजेडी (RJD) जैसे सहयोगियों पर भी दबाव बनाने से नहीं चूक रही.

सिर्फ कुर्सी के लिए बदलते हैं पाला, भाजपा से गठबंधन है अवसरवादी

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर जोरदार हमला बोला है. खरगे ने आरोप लगाया कि नीतीश कुमार और भाजपा के बीच गठबंधन पूरी तरह अवसरवादी है और यह राज्य की जनता के हित में नहीं है. एक जनसभा को संबोधित करते हुए खरगे ने तीखे शब्दों में कहा, “नीतीश कुमार सिर्फ ‘कुर्सी’ के लिए पाला बदलते हैं. उन्हें जनता की नहीं, अपनी सत्ता की चिंता है. वे जिस विचारधारा से लड़ने की बात करते थे, अब उसी के साथ खड़े हैं – महात्मा गांधी की हत्या करने वाली विचारधारा से हाथ मिला लिया है.”

कांग्रेस अध्यक्ष के इस बयान से साफ है कि पार्टी अब नीतीश कुमार को विपक्ष का सहयोगी नहीं बल्कि सीधा राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी मानकर चल रही है. उन्होंने लोगों से आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए सरकार को सत्ता से बाहर करने की अपील भी की.

खरगे (Mallikarjun Kharge) का नीतीश (Nitish Kumar) पर हमला यह भी दिखाता है कि कांग्रेस नेतृत्व को जदयू प्रमुख की बार-बार बदलती राजनीतिक निष्ठाओं पर भरोसा नहीं है. 2024 लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी एकता की कमान संभालने की कोशिशों में नाकाम रहने के बाद अब कांग्रेस बिहार में सत्ता का केंद्र बनने की कोशिश में है, न कि केवल सहायक दल की भूमिका में रहना चाहती है.

मोदी ने 1.25 लाख करोड़ का जो वादा किया था, उसका क्या हुआ?

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे लगातार केंद्र और राज्य सरकार पर हमलावर हैं. ताजा बयान में खरगे ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) दोनों को कटघरे में खड़ा किया है. खरगे ने कहा, “बिहार की जनता को नीतीश कुमार से यह सवाल पूछना चाहिए कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 18 अगस्त 2015 को जो 1.25 लाख करोड़ रुपये का विशेष पैकेज देने का वादा किया था, उसका क्या हुआ? आज तक वो वादा पूरा क्यों नहीं हुआ? कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री पर तीखा हमला बोलते हुए कहा, “मोदी जी झूठ की फैक्टरी चला रहे हैं. हर बार बड़े-बड़े वादे करते हैं और फिर उन्हें पूरा नहीं करते. बिहार को सिर्फ वादों से नहीं, हकीकत में विकास की ज़रूरत है.” खरगे ने जनता से अपील की कि आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में राजग सरकार को सत्ता से बाहर करें, क्योंकि यह सरकार जनता की उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी है.

खोई हुई राजनीतिक जमीन फिर से हासिल करने की कोशिश

कांग्रेस बिहार में अब खुद को मजबूत विकल्प के रूप में पेश करना चाहती है. पार्टी नेतृत्व राज्य में आक्रामक तेवर अपनाकर खोई हुई राजनीतिक जमीन फिर से हासिल करने की कोशिश में जुट गया है. अब देखना यह होगा इस रणनीति से कांग्रेस को आगामी चुनाव में कितना फायदा मिलता है और क्या वाकई जनता नीतीश कुमार और भाजपा के गठबंधन को अवसरवाद मानती है.

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कांग्रेस का यह नया रुख नीतीश कुमार के लिए चुनौती बन सकता है. यदि कांग्रेस अपने दम पर मजबूती से चुनावी मैदान में उतरती है, तो इससे महागठबंधन के भीतर समीकरण बदल सकते हैं. कुल मिलाकर, कांग्रेस अध्यक्ष (Mallikarjun Kharge) की नीतीश (Nitish Kumar) पर तल्खी केवल बयानबाज़ी नहीं, बल्कि बिहार की राजनीतिक ज़मीन पर पैर जमाने की रणनीति का हिस्सा है. अब देखना यह होगा कि कांग्रेस की यह सियासी चाल उसे बिहार में फिर से स्थापित कर पाती है या नहीं.

About the Author: सतीश झा
सतीश झा की लेखनी में समाज की जमीनी सच्चाई और प्रगतिशील दृष्टिकोण का मेल दिखाई देता है। बीते 20 वर्षों में राजनीति, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय समाचारों के साथ-साथ राज्यों की खबरों पर व्यापक और गहन लेखन किया है। उनकी विशेषता समसामयिक विषयों को सरल भाषा में प्रस्तुत करना और पाठकों तक सटीक जानकारी पहुंचाना है। राजनीति से लेकर अंतरराष्ट्रीय मुद्दों तक, उनकी गहन पकड़ और निष्पक्षता ने उन्हें पत्रकारिता जगत में एक विशिष्ट पहचान दिलाई है
Leave A Comment

अन्य खबरें

अन्य राज्य खबरें