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Bihar Assembly Election 2025 : RJD-Congress से दूरी बनाकर कैसे चुनावी मैदान में टिकेगी AAP
Bihar Assembly Election 2025 : RJD-Congress से दूरी बनाकर कैसे चुनावी मैदान में टिकेगी AAP
Authored By: सतीश झा
Published On: Monday, June 9, 2025
Last Updated On: Monday, June 9, 2025
बिहार की राजनीति में एक बार फिर दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) किस्मत आजमाने को तैयार दिखते हैं. मिल रहे सियासी संकतों के अनुसार, आम आदमी पार्टी (AAP) के पुराने रणनीतिकारों और टीम को अलर्ट कर दिया गया है. जिलेवार फीड बैक (District wise Feedback) मंगाया गया है.
Authored By: सतीश झा
Last Updated On: Monday, June 9, 2025
Bihar Assembly Election 2025: बिहार की सियासत में एक बार फिर से दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की धमक दिखाई देने लगी है. पार्टी ने 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election, 2025) में अकेले लड़ने का मन बना लिया है और RJD-Congress गठबंधन से दूरी बनाए रखकर अपना चुनावी सफर शुरू किया है.
व्यापक स्तर पर संगठनात्मक विस्तार
सूत्रों के अनुसार, पार्टी (AAP) के शीर्ष नेतृत्व ने पुराने रणनीतिकारों और कार्यकर्ताओं को सतर्क कर दिया है. सभी जिलों से पार्टी की स्थिति और चुनावी तैयारियों का फीडबैक मंगाया गया है, ताकि हर क्षेत्र की राजनीतिक जमीन को मजबूती से पकड़ा जा सके. AAP बिहार में अपनी जड़ें मजबूत करने के लिए व्यापक स्तर पर संगठनात्मक विस्तार कर रही है और बूथ स्तर तक पार्टी की पहुँच बढ़ाने में जुटी है.
राकेश यादव (Rakesh Yadav) के नेतृत्व में पार्टी
पार्टी (AAP) ने आरजेडी (RJD), कांग्रेस (Congress) और वाम दलों के गठबंधन से दूरी बनाए रखने का फैसला किया है. पार्टी ने हाल ही में संसद के विशेष सत्र की मांग पर 16 अन्य इंडिया ब्लॉक घटकों के साथ गठबंधन से अलग हटकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अलग पत्र भेजा था. AAP के बिहार प्रदेश अध्यक्ष राकेश यादव (Rakesh Yadav) के नेतृत्व में पार्टी ने राज्य के अधिकांश इलाकों में अपनी राजनीतिक जमीन तैयार कर ली है. यादव (Rakesh Yadav) के मुताबिक, “बिहार के हर गांव के लोग दिल्ली में हैं और उन्होंने देखा है कि दिल्ली सरकार ने शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में कितना विकास किया है. हमारी पार्टी की पकड़ पूर्वांचल में काफी मजबूत है.”
RJD-कांग्रेस से दूरी बनाकर AAP के लिए चुनौती भरा सफर
राजनीतिक विशेषज्ञ मानते हैं कि RJD-कांग्रेस से दूरी बनाकर AAP के लिए चुनौती भरा सफर होगा, क्योंकि बिहार में परंपरागत पार्टियां गठबंधन के बल पर चुनाव लड़ती आई हैं. फिर भी, AAP का मानना है कि दिल्ली मॉडल और उसके विकास कार्यों को बिहार के मतदाताओं तक प्रभावी ढंग से पहुंचाकर वे अपनी स्वीकार्यता बढ़ा सकते हैं.
AAP के बिहार प्रभारी और प्रदेश अध्यक्ष दोनों स्तर पर संगठन को चुस्त-दुरुस्त करने की कोशिशें तेज हो गई हैं. यह रणनीति पार्टी की राजनीतिक महत्वाकांक्षा और बिहार में नए समीकरण स्थापित करने की तैयारी को दर्शाती है. अब देखना यह है कि 2025 के चुनाव में बिहार (Bihar Assembly Election, 2025) की जनता किस पर भरोसा करती है — परंपरागत गठबंधन या दिल्ली के विकास मॉडल के दम पर नई राजनीतिक ताकत?
AAP का पूर्वांचली वोटबैंक साधने का प्रयास, दिल्ली से बिहार तक पहुंचाने की कोशिश
आगामी बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election, 2025) को ध्यान में रखते हुए आम आदमी पार्टी (AAP) ने पूर्वांचली मतदाताओं से संपर्क साधने की रणनीति तेज कर दी है. पार्टी दिल्ली में रह रहे पूर्वांचली नागरिकों से अपील कर रही है कि वे अपने गांव-घर में लोगों को यह बताएं कि AAP सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में किस तरह के विकास कार्य किए हैं.
पार्टी का यह जनसंपर्क अभियान ऐसे समय में शुरू हुआ है ,जब भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 22 मार्च को बिहार दिवस के अवसर पर देश भर में कई कार्यक्रम आयोजित कर प्रवासी बिहारी समुदाय से जुड़ने की बड़ी पहल की थी. AAP का मकसद है कि दिल्ली में रहने वाले लाखों पूर्वांचली नागरिक अपने अनुभवों को बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में साझा करें, जिससे पार्टी का दिल्ली मॉडल आम लोगों तक पहुंच सके. खासकर शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी और भ्रष्टाचारमुक्त शासन जैसी उपलब्धियों को चुनावी हथियार बनाया जा रहा है.