चुनावी मौसम में पत्रकारों पर मेहरबान हुई नीतीश सरकार, क्या मिलेगा चुनावी लाभ?

Authored By: सतीश झा

Published On: Saturday, July 26, 2025

Last Updated On: Saturday, July 26, 2025

नीतीश सरकार की पत्रकारों पर चुनावी मेहरबानी
नीतीश सरकार की पत्रकारों पर चुनावी मेहरबानी

आगामी विधानसभा चुनावों (Bihar Assembly Election 2025) की सरगर्मी के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने पत्रकारों को बड़ी सौगात देते हुए एक ऐतिहासिक घोषणा की है. उन्होंने बिहार पत्रकार सम्मान पेंशन योजना के तहत मिलने वाली मासिक पेंशन राशि को ₹6,000 से बढ़ाकर ₹15,000 करने का ऐलान किया है. सरकार की इस घोषणा को जहां पत्रकार समुदाय में राहत के रूप में देखा जा रहा है, वहीं सियासी गलियारों में इसे एक चुनावी रणनीति भी माना जा रहा है.

Authored By: सतीश झा

Last Updated On: Saturday, July 26, 2025

Nitish’s Government: सरकार ने इस संबंध में संबंधित विभाग को आवश्यक निर्देश भी जारी कर दिए हैं. मुख्यमंत्री (CM Nitish Kumar) ने स्पष्ट किया कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में पत्रकारों (Journalist in Bihar) की भूमिका बेहद अहम है और उनके आर्थिक एवं सामाजिक सम्मान की रक्षा करना राज्य सरकार की प्राथमिकता है. इस फैसले के बाद अब वरिष्ठ पत्रकारों को सेवानिवृत्ति के बाद अधिक सम्मानजनक पेंशन मिलेगी.

आश्रित पति या पत्नी को अब ₹3,000 की जगह ₹10,000

इतना ही नहीं, पत्रकार की मृत्यु के उपरांत उनके आश्रित पति या पत्नी को अब ₹3,000 की जगह ₹10,000 प्रतिमाह पेंशन दी जाएगी. यह निर्णय पत्रकार परिवारों के लिए बड़ी राहत और सामाजिक सुरक्षा का प्रतीक माना जा रहा है.

लोकतंत्र में पत्रकारों की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण

  • इस फैसले के तहत अब प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकारों को सेवानिवृत्ति के बाद अधिक सम्मानजनक पेंशन मिलेगी, जिससे वे आर्थिक रूप से अधिक सुरक्षित रह सकेंगे. मुख्यमंत्री (CM Nitish Kumar) ने कहा कि लोकतंत्र में पत्रकारों की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है. वे लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में समाज को दिशा देने और शासन की पारदर्शिता बनाए रखने में प्रमुख भूमिका निभाते हैं.
  • मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने कहा, “पत्रकार लोकतंत्र की आत्मा हैं. हम चाहते हैं कि वे बिना डर और दबाव के अपने दायित्वों का निर्वहन करें और सेवा निवृत्ति के बाद उन्हें जीवन यापन के लिए संघर्ष न करना पड़े.”

भरोसा जीतने की कोशिश

मुख्यमंत्री ने कहा, “हम हमेशा पत्रकारों के कल्याण के प्रति प्रतिबद्ध हैं. हमारा उद्देश्य है कि वे निष्पक्ष और निर्भीक होकर अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें और सेवानिवृत्ति के बाद सम्मानपूर्वक जीवन जी सकें.”

राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि इस फैसले से नीतीश सरकार पत्रकारों का भरोसा जीतने की कोशिश कर रही है, जो चुनावी दृष्टि से भी महत्वपूर्ण हो सकता है. हालांकि यह भी एक सच है कि इस घोषणा से पत्रकारों को लंबे समय से चली आ रही मांगों का सकारात्मक उत्तर मिला है. विधानसभा चुनाव से पहले लिया गया यह फैसला पत्रकार समुदाय को साधने और सरकार की सकारात्मक छवि पेश करने का प्रयास है. इससे न केवल पत्रकारों को राहत मिलेगी, बल्कि लोकतंत्र के भीतर उनकी भूमिका को भी मजबूती मिलेगी.

पत्रकारों में खुशी

इस घोषणा के बाद राज्यभर के पत्रकारों में खुशी की लहर दौड़ गई है और इसे लोकतंत्र को मजबूत करने की दिशा में एक सराहनीय कदम माना जा रहा है. राज्यभर में पत्रकारों और मीडिया संगठनों ने इस कदम का स्वागत किया है और इसे लोकतंत्र को मजबूत करने की दिशा में एक साहसिक पहल करार दिया है. चुनावी माहौल में यह फैसला कितना असर दिखाएगा, यह आने वाला वक्त बताएगा, लेकिन इतना तय है कि पत्रकारों के बीच इस निर्णय ने सरकार के प्रति सकारात्मक भाव जरूर जगाया है.

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About the Author: सतीश झा
सतीश झा की लेखनी में समाज की जमीनी सच्चाई और प्रगतिशील दृष्टिकोण का मेल दिखाई देता है। बीते 20 वर्षों में राजनीति, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय समाचारों के साथ-साथ राज्यों की खबरों पर व्यापक और गहन लेखन किया है। उनकी विशेषता समसामयिक विषयों को सरल भाषा में प्रस्तुत करना और पाठकों तक सटीक जानकारी पहुंचाना है। राजनीति से लेकर अंतरराष्ट्रीय मुद्दों तक, उनकी गहन पकड़ और निष्पक्षता ने उन्हें पत्रकारिता जगत में एक विशिष्ट पहचान दिलाई है
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