Delhi’s Pollution: जहरीली हवा ने लील ली लाखों की जान

Delhi’s Pollution: जहरीली हवा ने लील ली लाखों की जान

Authored By: अरुण श्रीवास्तव

Published On: Wednesday, November 20, 2024

Last Updated On: Sunday, April 27, 2025

delhi toxic air killing thousands
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दिल्ली की हवा जहरीली है, यह सभी जानते हैं लेकिन क्या कोई यह जानता है कि हर आठ में से एक मौत की वजह यही जहरीली हवा है। यह खुलासा स्टेट ऑफ ग्लोबल एयर 2024 की रिपोर्ट से हुई है। लेकिन इसकी चिंता किसी सरकार को नहीं है।

Authored By: अरुण श्रीवास्तव

Last Updated On: Sunday, April 27, 2025

राजधानी दिल्ली सहित पूरा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र प्रदूषण का चादर ओढ़े हुए है। यहां एक्यूआई लेवल 500 को पार कर गया है। यह अतिगंभीर स्थिति में पहुंच गया है। राजधानी दिल्ली में ग्रेप-4 लागू कर दिया गया। सभी स्कूल बंद हैं। निर्माण कार्य पर पाबंदी है तो ऑफिस टाइम को परिवर्तित किया गया है।

इन सभी का कुछ ज्यादा असर अभी तक होता नहीं दिख रहा है। इसी बीच स्टेट ऑफ ग्लोबल एयर 2024 (State of Global Air 2024) की रिपोर्ट आई है। यह रिपोर्ट दिल्ली सहित पूरे भारत में वायु प्रदूषण पर गंभीर सवाल उठाया। यह गंभीर चिंता का विषय है।

रोजाना करीब 6 हजार मौतें

प्रदूषण भारत में गंभीर समस्या बनता जा रहा है। प्रदूषण की वजह से भारत में मृत्यु दर लगातार बढ़ता जा रहा है। स्टेट ऑफ ग्लोबल एयर 2024 की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में प्रत्येक दिन 5700 से अधिक मौतें प्रदूषण की वजह से होती हैं। इसी रिपोर्ट में कहा गया है कि पूरी दुनिया में वायु प्रदूषण से 81 लाख से ज्यादा मौतें होती हैं। इनमें से करीब एक चौथाई मौत भारत में होती है। संख्या की दृष्टि से देखें तो भारत में 21 लाख मौतें वायु प्रदूषण से होती है।

तंबाकू से ज्यादा खतरनाक वायु प्रदूषण

विशेषज्ञ बताते हैं कि दिल्ली में एक्यूआई लेवल 450 से ज्यादा होने पर प्रत्येक राजधानीवासी 46 सिगरेट के बराबर धुंआ अपने अंदर लेते हैं। यानी राजधानी में हर नागरिक के ऊपर प्रदूषण का खतरा मंडरा रहा है। अस्पतालों में रोजाना सांस से संबंधित रोगियों की संख्या बढ़ रही है।

स्टेट ऑफ ग्लोबल एयर 2024 की रिपोर्ट के अनुसार पूरी दुनिया में मौत के कारणों को देखें तो वर्ष 2021 में तकरीबन 76 लाख से अधिक मौतें तंबाकू की वजह से हुई होंगीं। वहीँ जब वायु प्रदूषण से होने वाली मौत को देखें तो यह आंकड़ा 81 लाख को पार कर जाता है। इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि दुनिया भर में होने वाली मौतों में से 12 फीसदी मौत की वजह वायु प्रदूषण है।

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बच्चों पर मंडराता खतरा

प्रदूषण का सबसे अधिक मार बच्चों पर पड़ रहा है। यही कारण है कि दिल्ली और एनसीआर में 12 वीं तक की सभी स्कूलों को बंद कर दिया गया है।जहरीली हवाओं का सबसे अधिक खतरा 5 साल से छोटे बच्चों पर है। और यही सबसे बड़ी चिंता है। प्रदूषण से जुडी इस रिपोर्ट में कहा गया है कि बच्चों की मौत का दूसरा सबसे बड़ा कारण वायु प्रदूषण यानी जहरीली हवा है।

इस रिपोर्ट के मुताबिक जहरीली हवा की वजह से वर्ष 2021 में 7 लाख से ज्यादा मौत पांच साल से छोटे बच्चों की की हुई थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि अफ़्रीकी देशों और साउथ एशिया के देशों में नवजात शिशु की (जन्म के पहले महीने में) होने वाली 30 फीसदी से ज्यादा मौतों का कारण भी वायु प्रदूषण है।

अरुण श्रीवास्तव पिछले करीब 34 वर्ष से हिंदी पत्रकारिता की मुख्य धारा में सक्रिय हैं। लगभग 20 वर्ष तक देश के नंबर वन हिंदी समाचार पत्र दैनिक जागरण में फीचर संपादक के पद पर कार्य करने का अनुभव। इस दौरान जागरण के फीचर को जीवंत (Live) बनाने में प्रमुख योगदान दिया। दैनिक जागरण में करीब 15 वर्ष तक अनवरत करियर काउंसलर का कॉलम प्रकाशित। इसके तहत 30,000 से अधिक युवाओं को मार्गदर्शन। दैनिक जागरण से पहले सिविल सर्विसेज क्रॉनिकल (हिंदी), चाणक्य सिविल सर्विसेज टुडे और कॉम्पिटिशन सक्सेस रिव्यू के संपादक रहे। राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय, साहित्य, संस्कृति, शिक्षा, करियर, मोटिवेशनल विषयों पर लेखन में रुचि। 1000 से अधिक आलेख प्रकाशित।
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