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पूर्व सीएम और उनके बेटों का चुनावी मुकाबला: किसके पक्ष में होगा मतदान ?
पूर्व सीएम और उनके बेटों का चुनावी मुकाबला: किसके पक्ष में होगा मतदान ?
Authored By: सतीश झा
Published On: Tuesday, January 14, 2025
Updated On: Wednesday, January 15, 2025
दिल्ली विधानसभा चुनाव में नई दिल्ली विधानसभा सीट पर इस बार दिलचस्प मुकाबला होने के आसार हैं। यहां से एक पूर्व मुख्यमंत्री और दो पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे चुनावी मैदान में हैं। पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, जो आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी हैं। पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे प्रवेश वर्मा भारतीय जनता पार्टी के चुनावी चिन्ह पर लड़ रहे हैं। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित को कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार बनाया है। 21वीं सदी में हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में यह बात दिखी है कि जिसने नई दिल्ली सीट को जीता है, मुख्यमंत्री की कुर्सी पर वह ही विराजमान हुआ है। ऐसे में यह सीट सबसे खास बनी हुई है।
Authored By: सतीश झा
Updated On: Wednesday, January 15, 2025
Delhi Assembly Elections 2025: कानूनी पेंचोखम को कुछ पल के लिए किनारे कर दें, तो आम आदमी पार्टी को बहुमत मिलता है, तो अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठने में किसी प्रकार की दिक्कत नहीं है। वहीं, भाजपा और कांग्रेस की ओर से किसी भी प्रत्याशी को बतौर दिल्ली का मुख्यमंत्री प्रोजेक्ट नहीं किया गया है। ऐसे में कांग्रेस अथवा भाजपा के यदि उम्मीदवार यहां से जीत दर्ज करते हैं, तो उन्हें अपने पार्टी हाईकमान के रहमोकरम का ही इंतजार करना होगा। खास बात यह भी है कि नई दिल्ली सीट में मंदिर मार्ग पर अवस्थित वाल्मीकि मंदिर एक प्रमुख केंद्र है। देखा गया है, जिसको यहां का आशीष मिलता है, उसके हिस्से में ही दिल्ली का राज होता है। जानकारों का कहना है कि यहां से करीब सोलह हजार वोटर ताल्लुक रखते हैं।
नई दिल्ली विधानसभा सीट पर आगामी चुनावों में संदीप दीक्षित (कांग्रेस) और प्रवेश वर्मा (भाजपा) जैसे नेताओं की मौजूदगी अरविंद केजरीवाल (आप) के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो सकती है। इन दोनों नेताओं के पास अपनी-अपनी पार्टियों का समर्थन, अनुभव, और अलग-अलग वर्गों में प्रभाव है। संदीप दीक्षित और प्रवेश वर्मा, दोनों ही अरविंद केजरीवाल के लिए चुनौती बन सकते हैं। हालांकि, केजरीवाल की लोकप्रियता और आम आदमी पार्टी की जनहित योजनाओं पर निर्भर करेगा कि वे इस चुनौती को कैसे संभालते हैं। वहीं, अगर कांग्रेस और भाजपा अपनी रणनीतियों को बेहतर तरीके से लागू करते हैं, तो यह मुकाबला बेहद रोमांचक हो सकता है।
संदीप दीक्षित दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे हैं, जिनका दिल्ली की राजनीति में गहरा प्रभाव रहा है। शीला दीक्षित के कार्यकाल में दिल्ली में कांग्रेस की मजबूत पकड़ रही है। संदीप इस विरासत को भुनाने की कोशिश करेंगे। कांग्रेस का मध्यम वर्ग और परंपरागत मतदाता धीरे-धीरे वापस आ सकता है, खासकर अगर वे केजरीवाल सरकार से असंतुष्ट हैं। संदीप दीक्षित एक शिक्षित और अनुभवी नेता हैं, जो शालीन राजनीति का चेहरा माने जाते हैं। इनकी कमी की बात करें, तो कांग्रेस को पिछले चुनावों में नई दिल्ली सीट पर बहुत कम वोट मिले थे। अगर पार्टी मजबूत संगठन खड़ा नहीं कर पाई, तो यह केजरीवाल के लिए खतरा नहीं बन पाएंगे।
प्रवेश वर्मा भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के प्रभावशाली सांसद हैं। वे साहिब सिंह वर्मा के बेटे हैं, जो दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री थे। भाजपा की राष्ट्रीय पहचान और मजबूत संगठनात्मक ढांचा प्रवेश वर्मा को बड़ी ताकत देगा। भाजपा के कोर एजेंडा (राष्ट्रवाद और हिंदुत्व) पर प्रवेश वर्मा मतदाताओं को आकर्षित कर सकते हैं। भाजपा अब तक नई दिल्ली सीट पर केजरीवाल को कड़ी टक्कर नहीं दे पाई है। स्थानीय मुद्दों पर उनकी पकड़ मजबूत करनी होगी।
उल्लेखनीय है कि नई दिल्ली विधानसभा सीट दिल्ली राज्य की एक महत्वपूर्ण और प्रतिष्ठित विधानसभा सीट है। यह क्षेत्र राष्ट्रीय राजधानी के केंद्र में स्थित है और इसमें महत्वपूर्ण प्रशासनिक, राजनीतिक, और ऐतिहासिक स्थल शामिल हैं। नई दिल्ली सीट पर हमेशा से राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों की कड़ी प्रतिस्पर्धा रही है।नई दिल्ली विधानसभा सीट का महत्व केवल क्षेत्रीय विकास तक सीमित नहीं है, बल्कि यह राजनीतिक दलों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर अपनी छवि प्रस्तुत करने का मंच भी है। अरविंद केजरीवाल का इस सीट से लगातार विजयी होना इस क्षेत्र की राजनीतिक प्राथमिकताओं को दर्शाता है। आगामी चुनावों में भी यह सीट राजनीतिक दलों के लिए प्रमुख केंद्र बनी रहेगी।
पिछले चुनावों के नतीजे
विधानसभा चुनाव | विवरण |
---|---|
2020 विधानसभा चुनाव | विजेता: अरविंद केजरीवाल (आप) प्रमुख विपक्षी: सुनील यादव (भाजपा) अंतर: केजरीवाल ने बड़ी मतों की बढ़त से जीत हासिल की। |
2015 विधानसभा चुनाव | विजेता: अरविंद केजरीवाल (आप) प्रमुख विपक्षी: नुपुर शर्मा (भाजपा) |
2013 विधानसभा चुनाव | विजेता: अरविंद केजरीवाल (आप) ने तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को हराया। |
जनसांख्यिकीय विवरण
कुल मतदाता | महिला मतदाता |
---|---|
लगभग 1.5 लाख | लगभग 45% |
युवा मतदाता | क्षेत्र में बड़ी संख्या में युवा और शिक्षित मतदाता हैं। |
सामाजिक संरचना | यह क्षेत्र विभिन्न जातियों और वर्गों के लोगों का निवास स्थान है, जिसमें उच्च मध्यम वर्ग, सरकारी अधिकारी, और व्यावसायिक समुदाय शामिल हैं। |
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