स्वाति मालिवाल का कितना असर रहेगा विधानसभा चुनाव में, विभव कुमार को लेकर 3 तारीख को होनी है सुनवाई

स्वाति मालिवाल का कितना असर रहेगा विधानसभा चुनाव में, विभव कुमार को लेकर 3 तारीख को होनी है सुनवाई

Authored By: अरुण श्रीवास्तव

Published On: Sunday, November 17, 2024

Last Updated On: Thursday, May 1, 2025

swati maliwal and vibhav kumar case
swati maliwal and vibhav kumar case

स्वाति मालीवाल का राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव दिल्ली विधानसभा चुनाव में महत्वपूर्ण हो सकता है। उनके पास महिला अधिकारों और सामाजिक मुद्दों पर काम करने की मजबूत छवि है, जो उन्हें आम जनता, विशेष रूप से महिलाओं और युवाओं के बीच लोकप्रिय बनाती है।

Authored By: अरुण श्रीवास्तव

Last Updated On: Thursday, May 1, 2025

दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट के सेशंस कोर्ट ने आम आदमी पार्टी की सांसद स्वाति मालीवाल (AAP MP Swati Maliwal) से मारपीट के आरोपित बिभव कुमार (Bibhav Kumar) के खिलाफ दर्ज मामले में मजिस्ट्रेट कोर्ट द्वारा चार्जशीट पर संज्ञान लेने के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई की। इस दौरान कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है। एडिशनल सेशंस जज अभिषेक गोयल ने मामले की अगली सुनवाई 3 दिसंबर को निर्धारित की है।

स्वाति मालीवाल का प्रभाव

  • महिला अधिकारों पर काम: स्वाति मालीवाल की छवि एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में है, जिन्होंने महिला सुरक्षा और अधिकारों के लिए आवाज उठाई है। यह मुद्दा चुनाव में उनके पक्ष में काम कर सकता है।
  • आम आदमी पार्टी (AAP) की साख: अगर पार्टी इस मामले को प्रभावी ढंग से जनता के सामने रखती है, तो यह AAP के महिला हितैषी एजेंडे को मजबूत कर सकता है।
  • जनता की सहानुभूति: अगर स्वाति मालीवाल इस मामले में खुद को पीड़ित के रूप में प्रस्तुत करती हैं, तो यह उन्हें सहानुभूति और समर्थन दिला सकता है।
  • विभव कुमार का मामला: विभव कुमार के खिलाफ सुनवाई का परिणाम राजनीतिक माहौल को प्रभावित कर सकता है।
  • AAP के लिए चुनौती: अगर अदालत का निर्णय विभव कुमार के खिलाफ आता है, तो विपक्ष इसे AAP पर हमला करने के लिए इस्तेमाल कर सकता है।
  • जनता का नजरिया: अगर विभव कुमार को क्लीन चिट मिलती है, तो यह मामला स्वाति मालीवाल की छवि पर असर डाल सकता है।

याचिकाकर्ता का पक्ष

बिभव कुमार की ओर से वकील मनीष बैदवान और रजत भारद्वाज ने तर्क दिया कि मजिस्ट्रेट कोर्ट ने चार्जशीट पर संज्ञान लेते समय भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (नई कानून) का पालन नहीं किया।
उन्होंने कहा कि 1 जुलाई से नई नागरिक सुरक्षा संहिता लागू हो चुकी है, लेकिन कोर्ट ने पुराने अपराध प्रक्रिया संहिता के तहत धारा 190(1)(बी) का उपयोग कर कानूनी गलती की।

दिल्ली पुलिस की याचिका

दिल्ली पुलिस ने मजिस्ट्रेट कोर्ट के दस्तावेज उपलब्ध कराने के आदेश को सेशंस कोर्ट में चुनौती दी है। दिल्ली पुलिस की ओर से वकील अतुल श्रीवास्तव ने मजिस्ट्रेट कोर्ट के आदेश पर रोक लगाने की मांग की। सेशंस कोर्ट ने कहा कि फिलहाल मजिस्ट्रेट कोर्ट के आदेश पर रोक नहीं लगाई जा सकती क्योंकि पुलिस की याचिका की सुनवाई योग्य होने पर विचार किया जाना है।

घटना का विवरण

  • घटना: 13 मई को स्वाति मालीवाल से मारपीट की घटना हुई।
  • एफआईआर: दिल्ली पुलिस ने 16 मई को स्वाति मालीवाल का बयान दर्ज कर एफआईआर दर्ज की।
  • गिरफ्तारी: बिभव कुमार को 18 मई को गिरफ्तार किया गया।
  • बयान: स्वाति मालीवाल ने 17 मई को कोर्ट में अपना बयान दर्ज कराया।
  • जमानत: सुप्रीम कोर्ट ने 2 सितंबर को बिभव कुमार को जमानत दी।

अगली सुनवाई

कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद मामले की अगली सुनवाई 3 दिसंबर को निर्धारित की है। इस दौरान दिल्ली पुलिस और बिभव कुमार की याचिकाओं पर विचार किया जाएगा।

चुनाव में इस मामले का प्रभाव इस पर निर्भर करेगा कि विपक्ष और AAP इसे किस तरह से जनता के सामने प्रस्तुत करते हैं। अगर स्वाति मालीवाल और AAP इस मामले को महिला सुरक्षा और न्याय के मुद्दे के रूप में प्रचारित करते हैं, तो यह उनके पक्ष में जा सकता है। वहीं, विपक्ष इसे कानून और व्यवस्था की विफलता या AAP की जिम्मेदारी के रूप में दिखाने की कोशिश करेगा।

(हिन्दुस्थान समाचार एजेंसी के इनपुट के साथ)

अरुण श्रीवास्तव पिछले करीब 34 वर्ष से हिंदी पत्रकारिता की मुख्य धारा में सक्रिय हैं। लगभग 20 वर्ष तक देश के नंबर वन हिंदी समाचार पत्र दैनिक जागरण में फीचर संपादक के पद पर कार्य करने का अनुभव। इस दौरान जागरण के फीचर को जीवंत (Live) बनाने में प्रमुख योगदान दिया। दैनिक जागरण में करीब 15 वर्ष तक अनवरत करियर काउंसलर का कॉलम प्रकाशित। इसके तहत 30,000 से अधिक युवाओं को मार्गदर्शन। दैनिक जागरण से पहले सिविल सर्विसेज क्रॉनिकल (हिंदी), चाणक्य सिविल सर्विसेज टुडे और कॉम्पिटिशन सक्सेस रिव्यू के संपादक रहे। राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय, साहित्य, संस्कृति, शिक्षा, करियर, मोटिवेशनल विषयों पर लेखन में रुचि। 1000 से अधिक आलेख प्रकाशित।
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