मुख्यमंत्री योगी के ड्रीम प्रोजेक्ट विंध्य कॉरिडोर को नई ऊंचाई

मुख्यमंत्री योगी के ड्रीम प्रोजेक्ट विंध्य कॉरिडोर को नई ऊंचाई

Authored By: सतीश झा

Published On: Friday, December 13, 2024

Last Updated On: Sunday, April 27, 2025

CM Yogi Adityanath Vindhya corridor project
CM Yogi Adityanath Vindhya corridor project

विंध्याचल स्थित विश्व प्रसिद्ध मां विंध्यवासिनी धाम में श्रद्धालुओं के लिए एक ऐतिहासिक पहल हुई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट विंध्य कॉरिडोर के तहत मां विंध्यवासिनी मंदिर, परिक्रमा पथ, एंट्रेंस प्लाजा, और प्रमुख मार्गों के चौड़ीकरण का कार्य लगभग पूरा हो चुका है। अब गंगा घाटों पर विकास कार्य तेज गति से जारी है। विंध्याचल के मलहिया घाट, अखाड़ा घाट, इमली घाट, गोदारा घाट, परशुराम घाट, भैरव घाट, और बाबू घाट पर समतलीकरण, पक्के घाट निर्माण, प्लेटफॉर्म और सड़क निर्माण कार्य चल रहा है।

Authored By: सतीश झा

Last Updated On: Sunday, April 27, 2025

धाम के निकास द्वार को 76 किलो चांदी से निर्मित भव्य दरवाजे से सजाया गया है। यह दरवाजा बिहार के औरंगाबाद निवासी और होटल व्यवसायी रविन्द्र कुमार सिंह द्वारा मां विंध्यवासिनी को अर्पित किया गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट विंध्य कॉरिडोर के तहत इस क्षेत्र को एक प्रमुख धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है और यह भेंट इस प्रयास को नई ऊंचाई प्रदान करती है।

यह नई पहल न केवल धाम की भव्यता को बढ़ाती है, बल्कि लाखों श्रद्धालुओं की आस्था को और मजबूत करती है। विंध्य क्षेत्र अब एक धार्मिक और पर्यटन केंद्र के रूप में उभर रहा है, जो आने वाले वर्षों में और भी प्रगति करेगा।

विंध्यवासिनी धाम और विंध्य कॉरिडोर का महत्व

मां विंध्यवासिनी धाम विंध्य पर्वत पर स्थित एक प्रमुख शक्ति पीठ है, जहां हर वर्ष लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विंध्य कॉरिडोर परियोजना का उद्देश्य इस क्षेत्र को आधुनिक सुविधाओं और भव्यता के साथ धार्मिक पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करना है। चांदी के इस द्वार ने न केवल धाम की सुंदरता बढ़ाई है, बल्कि इसे धार्मिक दृष्टिकोण से और महत्वपूर्ण बना दिया है।

चांदी का दरवाजा: आस्था और कारीगरी का संगम

76 किलो चांदी से बने इस दरवाजे को वाराणसी के कुशल कारीगरों ने एक महीने में तैयार किया। इसकी डिज़ाइन में पारंपरिक धार्मिक प्रतीक शामिल हैं, जो मां विंध्यवासिनी की महिमा को और बढ़ाते हैं। इस दरवाजे को सोने के व्यापारी अखिलेश सोनी की देखरेख में बनाया गया और इसकी अनुमानित लागत 72 लाख रुपये है। पहले इस स्थान पर पीतल का दरवाजा था, जिसे अब चांदी के दरवाजे से बदल दिया गया है।

श्रद्धालु और प्रशासन की भूमिका

श्रीविंध्य पंडा समाज के अध्यक्ष पं. पंकज द्विवेदी ने बताया कि भक्त रविन्द्र कुमार सिंह ने यह दान मां विंध्यवासिनी की कृपा के लिए किया। इस दरवाजे को नवरात्रि के बाद श्रद्धालुओं की संख्या कम होने पर स्थापित किया गया। यह कार्य पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ संपन्न हुआ।

विंध्य कॉरिडोर और क्षेत्रीय विकास

विंध्य कॉरिडोर परियोजना के तहत, धाम का विस्तार और विकास किया जा रहा है। इसमें बेहतर सड़कें, आवासीय सुविधाएं, जल प्रबंधन, और मंदिर की भव्यता को बढ़ाने के प्रयास शामिल हैं। चांदी के इस दरवाजे का जुड़ना इस विकास की कड़ी में एक और महत्वपूर्ण कदम है। यह न केवल स्थानीय श्रद्धालुओं को आकर्षित करेगा, बल्कि देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों के लिए भी इसे अधिक आकर्षक बनाएगा।

आने वाले समय की योजनाएं

मां विंध्यवासिनी धाम में आने वाले समय में कई और भव्य परियोजनाएं शुरू होने की संभावना है। यह चांदी का दरवाजा श्रद्धा, आस्था और भक्ति का प्रतीक बनकर इस ऐतिहासिक मंदिर को और भव्य बनाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की यह परियोजना उत्तर प्रदेश के धार्मिक पर्यटन को नई दिशा प्रदान कर रही है, जिससे आर्थिक और सांस्कृतिक लाभ भी सुनिश्चित हो रहे हैं।

हरि और राम की पौड़ी की तर्ज पर बनेगी विंध्य की पौड़ी

हरिद्वार की हरि की पौड़ी और अयोध्या की राम की पौड़ी की तर्ज पर विंध्याचल धाम में ‘विंध्य की पौड़ी’ के निर्माण का कार्य शुरू हो गया। इस परियोजना से गंगा घाटों की सुंदरता में निखार आएगा। नगर विधायक पं. रत्नाकर मिश्र ने इस परियोजना के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा था, जिसे मंजूरी मिलने के बाद निर्माण कार्य प्रारंभ हो गया है। नगर विधायक पं. रत्नाकर मिश्र ने बताया कि यह परियोजना प्रयागराज कुंभ के स्नान के बाद बड़ी संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधाओं को ध्यान में रखकर शुरू की गई है।

(हिन्दुस्थान समाचार एजेंसी के इनपुट के साथ)

About the Author: सतीश झा
सतीश झा की लेखनी में समाज की जमीनी सच्चाई और प्रगतिशील दृष्टिकोण का मेल दिखाई देता है। बीते 20 वर्षों में राजनीति, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय समाचारों के साथ-साथ राज्यों की खबरों पर व्यापक और गहन लेखन किया है। उनकी विशेषता समसामयिक विषयों को सरल भाषा में प्रस्तुत करना और पाठकों तक सटीक जानकारी पहुंचाना है। राजनीति से लेकर अंतरराष्ट्रीय मुद्दों तक, उनकी गहन पकड़ और निष्पक्षता ने उन्हें पत्रकारिता जगत में एक विशिष्ट पहचान दिलाई है
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