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दिल्ली की वो VVIP विधानसभा सीटें, जिन पर है सर्वाधिक नजर
Authored By: सतीश झा
Published On: Friday, January 31, 2025
Last Updated On: Friday, January 31, 2025
दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव प्रचार अंतिम दिनों की ओर बढ़ रही है. पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तीन बार नई दिल्ली विधानसभा सीट जीत चुके हैं, लेकिन इस बार यहां त्रिकोणीय मुकाबला होने की बात कही जा रही है. पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया जंगपुरा से तो दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी कालका जी से चुनावी मैदान में हैं. बीते विधानसभा चुनाव में सबसे अधिक जीतों का अंतर ओखला से था, उसके बाद दूसरे नंबर पर बुराड़ी विधानसभा रही. इस लिहाज से लोगों की नजर यहां भी है. आइए जानते हैं इसके अलावा किन-किन सीटों को लोग बेहद खास मान रहे हैं.
Authored By: सतीश झा
Last Updated On: Friday, January 31, 2025
Delhi Assembly Elections 2025: नई दिल्ली विधानसभा सीट दिल्ली की सबसे महत्वपूर्ण और हाई-प्रोफाइल सीटों में से एक है. यह सीट इसलिए खास है क्योंकि यहां से अरविंद केजरीवाल लगातार दो बार (2015 और 2020) चुनाव जीत चुके हैं. 2025 के चुनाव में इस सीट पर मुकाबला और दिलचस्प होने वाला है, क्योंकि विपक्ष इसे जीतने के लिए पूरी ताकत लगा सकता है.
2020 विधानसभा चुनाव | 2015 विधानसभा चुनाव |
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अरविंद केजरीवाल (AAP) – 46.3% वोट | अरविंद केजरीवाल (AAP) – 64.3% वोट |
सुनील यादव (BJP) – 24.4% वोट | नुपुर शर्मा (BJP) – 28.2% वोट |
रोमेश सबरवाल (Congress) – 16.7% वोट | कांग्रेस उम्मीदवार की जमानत जब्त हो गई थी |
आप ने 31,000+ वोटों के अंतर से यह सीट जीती थी | आप ने 31,500+ वोटों के अंतर से जीत दर्ज की थी |
कांग्रेस यहां लगातार कमजोर होती गई है. 2013 में इस सीट से शीला दीक्षित चुनाव हारी थीं, उसके बाद कांग्रेस दोबारा उभर नहीं सकी. अगर कांग्रेस मुस्लिम और ट्रेडर्स वोट बैंक को साधने में सफल रही, तो यह मुकाबले को त्रिकोणीय बना सकती है. इस बार कांग्रेस की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे और कांग्रेस के पूर्व सांसद संदीप दीक्षित को पार्टी का उम्मीदवार बनाया गया है. भाजपा ने भी यहां से पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे प्रवेश वर्मा को अपना उम्मीदवार बनाया है.
पटपड़गंज और जंगपुरा विधानसभा
दिल्ली सरकार के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पटपड़गंज सीट से चुनाव लड़ते आ रहे थे. बीते चुनाव में भी उन्हें काफी मशक्कत करनी पड़ी. भाजपा के रवि नेगी से कड़ा मुकाबला हुआ. इस चुनाव में आम आदमी पार्टी ने कद्दावर नेता सिसोदिया की सीट बदल दी और उन्हें जंगपुरा से चुनावी मैदान में उतार दिया. इस चुनाव में कांग्रेस ने फरहाद सुरी को यहां से अपना उम्मीदवार बनाया.
दूसरी ओर, पटपड़गंज सीट से भाजपा ने अपने पुराने प्रत्याशी रवि नेगी पर भी भरोसा दिखाया. आम आदमी पार्टी की ओर से हाल ही में शिक्षा जगत से जुड़े अवध ओझा को यहां से टिकट दिया गया है.
ये हाल है ओखला विधानसभा चुनाव का
ओखला विधानसभा सीट दिल्ली की सबसे चर्चित और संवेदनशील सीटों में से एक है. यहां मुस्लिम वोटरों की बड़ी संख्या के कारण यह सीट हमेशा राजनीतिक दलों के लिए अहम रही है. यह वही क्षेत्र है, जहां शाहीन बाग आंदोलन हुआ था, जिसने 2020 के विधानसभा चुनाव को काफी प्रभावित किया था.
2020 विधानसभा चुनाव | 2015 विधानसभा चुनाव |
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अमानतुल्लाह खान (AAP) – 66.3% वोट | अमानतुल्लाह खान (AAP) – 64.3% वोट |
ब्रह्म सिंह (BJP) – 28.3% वोट | ब्रह्म सिंह (BJP) – 25.7% वोट |
परवेज हाशमी (INC) – 3.9% वोट | आसिफ मोहम्मद खान (INC) – 7.6% वोट |
AAP ने 71,000+ वोटों से एकतरफा जीत दर्ज की। | AAP ने 64,000+ वोटों से भारी जीत दर्ज की। |
मौजूदा समीकरण
अमानतुल्लाह खान का दबदबा बना हुआ है, लेकिन उन पर कई विवाद और भ्रष्टाचार के आरोप भी हैं. मुस्लिम वोट बैंक पूरी तरह उनके पक्ष में रहा है, लेकिन इस बार असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM भी वोट कटवा साबित हो सकती है. मुफ्त बिजली-पानी, शिक्षा और मोहल्ला क्लीनिक की योजनाओं पर प्रचार होगा. ओखला कभी कांग्रेस का गढ़ हुआ करता था, लेकिन 2015 के बाद से कमजोर पड़ गई है. 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को कुछ मुस्लिम मतदाताओं का समर्थन मिला था, जिसे वह विधानसभा में भुनाने की कोशिश करेगी.
क्या आतिशी का दबदबा कायम रहेगा कालका जी से
दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी पर सबकी नजरे हैं. कालकाजी विधानसभा चुनाव में उनके सामने भाजपा के प्रत्याशी के रूप में पूर्व सांसद रमेश विधूड़ी और कांग्रेस के उम्मीदवार अलका लांबा हैं. कालकाजी विधानसभा क्षेत्र दिल्ली के दक्षिणी हिस्से में स्थित है. यह क्षेत्र मिश्रित सामाजिक-आर्थिक और सांस्कृतिक परिवेश से समृद्ध है, जिससे यह चुनावी दृष्टि से काफी अहम बन जाता है. आतिशी का दबदबा कालकाजी विधानसभा सीट पर फिलहाल मजबूत नजर आता है, लेकिन बीजेपी और कांग्रेस के प्रयास इसे चुनौती दे सकते हैं. अगर AAP अपनी योजनाओं और कार्यों को सही तरीके से लोगों के बीच प्रस्तुत कर पाई, तो वे एक और जीत हासिल कर सकती हैं.
पूर्वांचल बहुल बुराड़ी विधानसभा पर भी सभी की नजर
दिल्ली के पूर्वांचल बहुल विधानसभा सीटों में से एक है बुराड़ी विधानसभा. आम आदमी पार्टी की ओर से संजीव झा को अपना उम्मीदवार बनाया गया है, जिन्होंने बीते विधानसभा चुनाव में जदयू के प्रत्याशी शैलेन्द्र कुमार को करीब 80 हजार के मतों के अंतर से हराया था. इस बार भी मुख्य मुकाबला इनके बीच ही मानी जा रही है. हलांकि, कांग्रेस ने यहां से मंगेश त्यागी को उम्मीदवार बनाकर चुनावी रण को त्रिकोणीय बनाने की कोशिश की है.
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