Ram Navmi 2025: राम नाम से बड़ी औषधि कुछ भी नहीं

Ram Navmi 2025: राम नाम से बड़ी औषधि कुछ भी नहीं

Authored By: स्मिता

Published On: Tuesday, March 25, 2025

Updated On: Tuesday, March 25, 2025

भगवान श्रीराम धनुष-बाण के साथ, उनके पीछे भव्य मंदिर की आकृति और मंत्रों की पंक्तियाँ। नीचे लिखा है – "राम नाम से बड़ी औषधि कुछ भी नहीं।
भगवान श्रीराम धनुष-बाण के साथ, उनके पीछे भव्य मंदिर की आकृति और मंत्रों की पंक्तियाँ। नीचे लिखा है – "राम नाम से बड़ी औषधि कुछ भी नहीं।

Ram Navmi 2025: राम कथा के जाने-माने मर्मज्ञ मोरारी बापू बताते हैं कि स्‍व से लेकर सर्व की रक्षा के लिए रामनवमी के अवसर पर रामरक्षा स्तोत्र का पाठ करें. मन की शांति और उसे धैर्यवान बनाने के लिए नवरात्र-नवसंवत्सर और रामनवमी के मंगलमय अवसर पर रामचरितमानस का पाठ करें. राम नाम से बड़ी औषधि कुछ भी नहीं है.

Authored By: स्मिता

Updated On: Tuesday, March 25, 2025

Ram Navmi 2025 : नवरात्र और रामनवमी के मंगलमय अवसर पर सभी व्यक्ति धैर्य रखना सीखें. विषम परिस्थिति में धैर्य ही सबसे अधिक काम आता है. सत्य, प्रेम, करुणा वाले धर्म पर हम सभी खरे उतरें. विश्व मैत्री को अखंड बनाए रखें और अपनी आंतरिक ऊर्जा की आराधना करें. चैत्र नवरात्र और हमारे संवत्सर के अनुसार नए साल का प्रारंभ हो गया है। ऐसे पावन अवसर पर मैं सबसे आग्रह करता हूं कि रामचरितमानस का पाठ करें. राम नाम से बड़ी औषधि (Ram Navmi 2025) कुछ भी नहीं है.

मानवीय मन का उपचार (Inner Peace)

अपने मन को शांत और धैर्यवान बनाने के लिए नवरात्र-नवसंवत्सर और रामनवमी के अवसर रामचरितमानस का पाठ करें. पूरा परायण न हो तो जितना आप से हो सके, उतना मानस का पाठ करें. रामचरितमानस संसार के समस्त भव रोगों का, मानवीय मन के रोगों का और शरीर के रोगों का भी बहुत बड़ा सफल व शुद्ध वैद्य है-‘बिबुध बैद भव भीम रोग के.’ हो सके तो रामचरितमानस अंतर्गत महाकाल के मंदिर में गाए गए रुद्राष्टक का पाठ (Ram Navmi 2025) करें.

हनुमान चालीसा का पाठ (Hanuman Chalisa)

हनुमान चालीसा का भी पाठ कर सकते हैं. सुबह स्नान करते समय अथवा शाम को या जब भी आपके अनुकूल रहे. भगवद्गीता का एक अध्याय अथवा जितने श्लोकों का आप परायण कर सकें, प्रतिदिन करें. श्रीमद्भागवत जी में पितामह भीष्म ने जो भगवान कृष्ण की स्तुति की है… ‘इति मतिरुपकल्पिता वितृष्णा भगवति सात्वत पुङ्गवे विभूम्नि.स्वसुखमुपगते क्वचिद्विहर्तुं प्रकृतिमुपेयुषि यद्भवप्रवाहः…’ इस विश्व स्तुति का भी परायण करें. ये मुझे भी अत्यंत प्रिय है और मैं भी इसका परायण करता हूं.

रामरक्षा स्तोत्र का संदेश (RamRaksha Strot)

राम नवमी के पावन अवसर पर रामरक्षा स्तोत्र का स्‍व से लेकर सर्व की रक्षा के लिए पाठ करें. आप जिस धर्म के भी हों, जिस ईष्ट में, जिस ग्रंथ में, जिस बुद्ध पुरुष में, जिस मंत्र में और जिस नाम में आपकी रुचि हो, उसके मुताबिक तथा अपनी साधना की पद्धति के अनुसार सर्व के मंगल के लिए कुछ न कुछ ज़रूर करें. ऐसी मेरी प्रार्थना है. मैं एक बार फिर कह दूं कि मैंने जो जो बातें कही हैं, वह सब कुछ करने की जरूरत नहीं है, जितना आप कर सकें, उतना करें.

परमात्मा का नाम है औषधि

मैंने तो केवल सुझाव दिए हैं। शास्त्र इस बात को जोर देकर कहते हैं कि सबसे बड़ी औषधि परमात्मा का नाम है रामचरितमानस में लिखा है-

राम नाम कर अमित प्रभावा। संत पुरान उपनिषद गावा।।
संतत जपत संभु अबिनासी। सिव भगवान ग्यान गुन रासी।।

परमात्मा के किसी भी नाम का आश्रय आप अपनी आस्था के अनुसार करें। मैं अपनी गुणातीत श्रद्धा के आधार पर और गुरु कृपा के आधार पर कहना चाहूंगा कि राम नाम के बारे में मेरा भी कुछ अनुभव है. यदि आपको दृढ़ भरोसा हो तो जितना हो सके, उतना करें. राम नाम का खूब स्मरण करें.

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About the Author: स्मिता
स्मिता धर्म-अध्यात्म, संस्कृति-साहित्य, और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर शोधपरक और प्रभावशाली पत्रकारिता में एक विशिष्ट नाम हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में उनका लंबा अनुभव समसामयिक और जटिल विषयों को सरल और नए दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत करने में उनकी दक्षता को उजागर करता है। धर्म और आध्यात्मिकता के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और साहित्य के विविध पहलुओं को समझने और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने में उन्होंने विशेषज्ञता हासिल की है। स्वास्थ्य, जीवनशैली, और समाज से जुड़े मुद्दों पर उनके लेख सटीक और उपयोगी जानकारी प्रदान करते हैं। उनकी लेखनी गहराई से शोध पर आधारित होती है और पाठकों से सहजता से जुड़ने का अनोखा कौशल रखती है।
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