Delhi Assembly Election 2025 : AAP के ये 8 विधायक कितना बिगाड़ेंगे खेल, क्या BJP को मिलेगा इसका लाभ ?

Delhi Assembly Election 2025 : AAP के ये 8 विधायक कितना बिगाड़ेंगे खेल, क्या BJP को मिलेगा इसका लाभ ?

Authored By: सतीश झा

Published On: Monday, February 3, 2025

Updated On: Monday, February 3, 2025

Delhi Assembly Election 2025: AAP ke 8 vidhayak kitna bigaadein ge khel, BJP ko milega iska faayda
Delhi Assembly Election 2025: AAP ke 8 vidhayak kitna bigaadein ge khel, BJP ko milega iska faayda

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 से पहले आम आदमी पार्टी (AAP) को बड़ा झटका लगा है. पार्टी के 8 विधायकों ने AAP की सदस्यता से इस्तीफा देकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) जॉइन कर ली है.

Authored By: सतीश झा

Updated On: Monday, February 3, 2025

Delhi Assembly Election 2025: AAP के मौजूदा विधायकों का BJP में जाना अरविंद केजरीवाल की पार्टी के लिए बड़ा झटका है. इससे आम आदमी पार्टी की आंतरिक गुटबाजी और असंतोष खुलकर सामने आ सकती है. AAP के जो विधायक BJP में शामिल हुए हैं, वे अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों में मजबूत पकड़ रखते हैं. इससे BJP को स्थानीय स्तर पर फायदा हो सकता है और AAP के वोट बैंक में सेंध लग सकती है.

BJP की ‘केजरीवाल बनाम अन्य’ रणनीति को मजबूती

बीजेपी दिल्ली में AAP के खिलाफ सीधा हमला बोल रही है और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों को उठाकर केजरीवाल की छवि कमजोर करने की कोशिश कर रही है. AAP विधायकों का पार्टी छोड़कर BJP में जाना इस नैरेटिव को और मजबूत कर सकता है.

AAP को कितना नुकसान?

आम आदमी पार्टी को इन चुनावों में कड़ी टक्कर मिलने वाली थी, लेकिन अब पार्टी को पहले अपनी भीतरी समस्याओं से जूझना होगा. इससे उनके चुनाव प्रचार पर भी असर पड़ सकता है, पार्टी के विधायकों के इस्तीफे से AAP कार्यकर्ताओं का मनोबल कमजोर हो सकता है. इससे पार्टी को जमीनी स्तर पर नुकसान हो सकता है.

AAP रणनीतिकारों का है कहना – आंतरिक सर्वे में जनता रही इनसे नाराज

आम आदमी पार्टी के एक रणनीतिकार ने बताया कि जिन विधायकों का पार्टी इस चुनाव में टिकट काटा था, आंतरिक सर्वे में वे जनता की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर रहे थे. इसलिए ऐसे लोग जब किसी दूसरे दलों में जाते हैं, तो विशेष अंतर नहीं पड़ता नहीं है. जनता इन नेताओं को भली-भांति जानती है. जो एक दशक से अधिक समय तक हमारे साथ रहे, चुनावी टिकट नहीं मिलने पर दूसरे दलों में चले गए, आखिर उनको लेकर आप कैसी उम्मीद कर सकते हैं ? जिस दल में वो गए हैं, वहां वे टिके रहेंगे, इसकी क्या गारंटी है ?

विधायक के साथ ये निगम पार्षद भी हुए शामिल

आम आदमी पार्टी (AAP) से टिकट न मिलने पर विजेंद्र गर्ग, निगम पार्षद अजय राय और सुनील चड्डा ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) का दामन थाम लिया है. इन नेताओं का पार्टी छोड़ना AAP के लिए न केवल एक और आंतरिक संकट है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि पार्टी में टिकट वितरण को लेकर असंतोष बढ़ रहा है. ये सभी नेता अपने-अपने क्षेत्रों में सक्रिय थे, और AAP ने इन नेताओं को चुनावी टिकट नहीं दिया. सभी ने आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था और साथ ही विधानसभा के स्पीकर को भी पत्र भेजकर अपनी विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था.

क्या यह सिर्फ शुरुआत है?

राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि चुनाव नजदीक आने पर और भी नेता पार्टी बदल सकते हैं. ऐसे में आने वाले हफ्तों में AAP के सामने और मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं. AAP के 8 विधायकों का BJP में शामिल होना अरविंद केजरीवाल के लिए एक बड़ा झटका है. इससे BJP को फायदा होगा, क्योंकि वह इसे AAP के भीतर असंतोष के तौर पर दिखाएगी. अब देखना होगा कि क्या आम आदमी पार्टी अपने गढ़ को बचाने में सफल होती है या नहीं.

About the Author: सतीश झा
सतीश झा की लेखनी में समाज की जमीनी सच्चाई और प्रगतिशील दृष्टिकोण का मेल दिखाई देता है। बीते 20 वर्षों में राजनीति, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय समाचारों के साथ-साथ राज्यों की खबरों पर व्यापक और गहन लेखन किया है। उनकी विशेषता समसामयिक विषयों को सरल भाषा में प्रस्तुत करना और पाठकों तक सटीक जानकारी पहुंचाना है। राजनीति से लेकर अंतरराष्ट्रीय मुद्दों तक, उनकी गहन पकड़ और निष्पक्षता ने उन्हें पत्रकारिता जगत में एक विशिष्ट पहचान दिलाई है
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