दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025: चर्चा में क्यों आई नई दिल्ली और जंगपुरा की सीट

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025: चर्चा में क्यों आई नई दिल्ली और जंगपुरा की सीट

Authored By: सतीश झा

Published On: Monday, December 30, 2024

Last Updated On: Sunday, April 27, 2025

Delhi Assembly Election 2025: New Delhi aur Jangpura seat ki charcha kyun?
Delhi Assembly Election 2025: New Delhi aur Jangpura seat ki charcha kyun?

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के लिए राजनीतिक हलचल तेज हो गई है, और इनमें खास तौर पर नई दिल्ली और जंगपुरा सीटें चर्चा का केंद्र बनी हुई हैं। इन सीटों पर बड़े राजनीतिक दांव-पेंच देखने को मिल रहे हैं, जिनमें दिग्गज नेताओं की उम्मीदवारी और आरोप-प्रत्यारोप प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं। जंगपुरा से जहां दिल्ली सरकार के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया चुनाव लड़ रहे हैं, वहीं नई दिल्ली सीट से दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को टिकट मिला है। कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे व पूर्व सांसद संदीप दीक्षित को यहां से मैदान में उतारा है। 

Authored By: सतीश झा

Last Updated On: Sunday, April 27, 2025

आम आदमी पार्टी (AAP) इस बार दिल्ली चुनाव में बड़ी चुनौतियों का सामना कर रही है। पार्टी ने वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया की सीट बदलकर पटपड़गंज से जंगपुरा कर दी है, लेकिन वहां भी पार्टी को भरोसा नहीं हो रहा है। जंगपुरा और नई दिल्ली की सीटें इस बार सिर्फ राजनीति नहीं, बल्कि दिल्ली के सामाजिक और सांस्कृतिक बदलाव का प्रतीक बन गई हैं। यहां का हर वोट न केवल विधायक तय करेगा, बल्कि दिल्ली की राजनीति की नई दिशा भी तय करेगा। क्या आप जनता के भरोसे को जीत पाएगी? या कांग्रेस और भाजपा अपने नए उम्मीदवारों के सहारे वापसी करेंगी? जवाब तो 2025 के नतीजे ही देंगे, लेकिन अभी सियासत के शतरंज की बिसात बिछ चुकी है।

सिसोदिया की सीट बदलने का कारण

मनीष सिसोदिया पटपड़गंज से तीन बार विधायक रहे हैं, लेकिन पिछली बार की कड़ी टक्कर को देखते हुए पार्टी ने उन्हें दक्षिण दिल्ली की जंगपुरा सीट से चुनाव लड़ाने का फैसला किया। जंगपुरा को अपेक्षाकृत सुरक्षित सीट माना जा रहा था, लेकिन कांग्रेस ने वहां से पूर्व मेयर फरहाद सूरी को उम्मीदवार बना दिया है। सूरी का मुस्लिम समुदाय में प्रभाव है, जिससे आप को डर है कि मुस्लिम वोट बंट सकते हैं।

भाजपा को हो सकता है फायदा

भाजपा ने अभी जंगपुरा से अपना उम्मीदवार घोषित नहीं किया है, लेकिन AAP को आशंका है कि मुस्लिम वोट बंटने से भाजपा को फायदा हो सकता है। फरहाद सूरी दिल्ली के मेयर रह चुके हैं और उनकी मां ताजदार बाबर पूर्व विधायक थीं।

‘AAP’ का आरोप

AAP ने आरोप लगाया है कि फरहाद सूरी का चुनाव खर्च भाजपा उठा रही है। पार्टी तरह-तरह के प्रचार कर रही है ताकि मुस्लिम वोट उनके पक्ष में जाने से रोका जा सके, लेकिन अभी तक इसका असर नहीं दिख रहा है।

नई दिल्ली सीट पर भी चुनौती

नई दिल्ली सीट पर कांग्रेस ने संदीप दीक्षित को उम्मीदवार बनाया है। आप का आरोप है कि उनका चुनाव खर्च भी भाजपा उठा रही है। संदीप दीक्षित ने पलटवार करते हुए कहा है कि उनके पीछे पंजाब पुलिस को लगाया गया है और उनकी जासूसी कराई जा रही है।

प्रवेश वर्मा को लेकर चर्चा

नई दिल्ली सीट से भाजपा पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे और पूर्व सांसद प्रवेश वर्मा को उम्मीदवार बना सकती है। हालांकि, अभी उनके नाम की घोषणा नहीं हुई है, लेकिन आप ने उनके खिलाफ प्रचार शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री आतिशी ने एक वीडियो साझा किया, जिसमें प्रवेश वर्मा पर गरीब महिलाओं को पैसे देने का आरोप लगाया गया। आप ने दावा किया कि यह वोट खरीदने की कोशिश है।

AAP की मुश्किलें

AAP के इन आरोपों और रणनीतियों से साफ है कि पार्टी इस बार के चुनाव में कड़ी चुनौती महसूस कर रही है। सिसोदिया की सीट बदलने और कांग्रेस तथा भाजपा की रणनीतियों के बीच पार्टी के लिए जीत की राह आसान नहीं दिख रही।

चुनावों पर प्रभाव

इन दोनों सीटों पर मुकाबला बेहद रोचक हो गया है। जंगपुरा में मुस्लिम वोटों का बंटवारा भाजपा को फायदा पहुंचा सकता है। दिल्ली चुनाव 2025 का परिणाम इन हाई-प्रोफाइल सीटों पर हो रही उठा-पटक से काफी हद तक प्रभावित होगा। इन सीटों पर जीतने वाली पार्टी का मनोबल पूरे चुनाव में निर्णायक भूमिका निभा सकता है।

About the Author: सतीश झा
सतीश झा की लेखनी में समाज की जमीनी सच्चाई और प्रगतिशील दृष्टिकोण का मेल दिखाई देता है। बीते 20 वर्षों में राजनीति, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय समाचारों के साथ-साथ राज्यों की खबरों पर व्यापक और गहन लेखन किया है। उनकी विशेषता समसामयिक विषयों को सरल भाषा में प्रस्तुत करना और पाठकों तक सटीक जानकारी पहुंचाना है। राजनीति से लेकर अंतरराष्ट्रीय मुद्दों तक, उनकी गहन पकड़ और निष्पक्षता ने उन्हें पत्रकारिता जगत में एक विशिष्ट पहचान दिलाई है
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