साढ़े सात वर्ष में हमारी सरकार ने दी सात लाख सरकारी नौकरी : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

साढ़े सात वर्ष में हमारी सरकार ने दी सात लाख सरकारी नौकरी : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

Authored By: सतीश झा

Published On: Thursday, October 24, 2024

cm yogi distributed appointment letter to newly selected youth
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम में कहा कि कुछ अभ्यर्थियों ने 2017 के पहले भी आवेदन किया होगा। सक्षम व समर्थ होने के बावजूद सिर्फ इसलिए चयन नहीं हुआ होगा, क्योंकि उनकी पहुंच और अभिभावक के पास इतना पैसा नहीं था कि नियुक्ति करा सकें। सब कुछ होने के बावजूद उन्हें चयन प्रक्रिया से बाहर कर दिया जाता था, लेकिन पिछले सात-साढ़े सात वर्ष में चयन प्रक्रिया में किसी के साथ भेदभाव नहीं हुआ। हमारी सरकार में सरकारी, निजी क्षेत्र और संविदा के आधार पर नियुक्तियां ईमानदारी से बढ़ीं तो यूपी हर क्षेत्र में तेजी से दौड़ता दिखाई दे रहा है।

Authored By: सतीश झा

Last Updated On: Thursday, October 24, 2024

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने गुरुवार को नियुक्ति पत्र के रूप में दीपावली के पहले युवाओं को उपहार प्रदान किया। योगी सरकार के निष्पक्ष व पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया के तहत गुरुवार को 1950 नवचयनित युवाओं को नियुक्ति पत्र दिया गया। इसमें उप्र अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा 1526 ग्राम पंचायत अधिकारी, 360 ग्राम विकास अधिकारी (समाज कल्याण), 64 समाज समाज कल्याण पर्यवेक्षक चयनित किए गए हैं। सीएम ने उम्मीद जताई कि जितनी निष्पक्षता व पारदर्शिता से नियुक्ति मिली है, पूरा कार्यकाल इसी निष्पक्षता व पारदर्शी तरीके से बढ़ता जाएगा तो यूपी भारत की नंबर एक की अर्थव्यवस्था और भारत 2047 में विकसित व आत्मनिर्भर बनेगा।

सीएम योगी ने कहा कि साढ़े सात वर्ष में हमारी सरकार ने सरकारी सेवाओं में लगभग 7 लाख भर्ती संपन्न की है। प्रदेश के अंदर सुरक्षा का बेहतर माहौल देने के कारण निजी क्षेत्र में भी लाखों नौजवानों के लिए नौकरी की संभावना बढ़ाई गईं। सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश का युवा पहले नौकरी-रोजगार के लिए देश-दुनिया में भटकता था। आज उसे अपने प्रदेश, क्षेत्र व जनपद में नौकरी मिल रही है। वह घर के कार्यों के साथ-साथ सर्विस और परिवार की देखभाल भी कर रहा है। जिन ग्राम पंचायत राज अधिकारियों व पंचायतीराज विभाग से जुड़े अभ्यर्थियों का चयन हुआ है, उन्हें कमोबेश नियुक्ति पत्र उसी जनपद में प्राप्त हुआ है, जहां के वे निवासी हैं।

सक्षम अभ्यर्थियों का चयन नहीं हुआ तो तंत्र पैरालाइज हो जाएगा

सीएम योगी (CM Yogi) ने कहा कि हमारी सरकार ने प्रदेश के अंदर समग्र विकास के लिए जो रूपरेखा तैयार की थी। उसमें भर्ती प्रक्रिया भी पारदर्शी तरीके से हो सके, यह उसका प्रमुख भाग था, क्योंकि अच्छे, सक्षम व योग्य अभ्यर्थियों का चयन नहीं होगा तो सरकार की योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए जिस तंत्र को कार्य करना है, वह स्वयं पैरालाइज हो जाएगा। ऐसी स्थिति पैदा न हो, इसके लिए 2017 में ही तय किया गया कि जितने भी आयोग व बोर्ड हैं, वह निष्पक्षता व पारदर्शी तरीके से आरक्षण के नियमों का पालन करते हुए भर्ती प्रक्रिया संपन्न करें।

जो नींव आप रखेंगे, उसी पर आत्मनिर्भर व विकसित भारत की आधारशिला बनने वाली है

योगी जी ने कहा कि राष्ट्रपिता के ग्राम स्वराज की परिकल्पना को साकार करने की आधारभूत इकाई ग्राम पंचायत है। पीएम मोदी ने लक्ष्य प्रस्तुत किया है कि देश जब 2047 में आजादी का शताब्दी महोत्सव मना रहा होगा, तब हमें आत्मनिर्भर व विकसित भारत चाहिए। इसके लिए जो नींव आज आप रखेंगे, उसी पर आत्मनिर्भर व विकसित भारत की आधारशिला बनने वाली है। हमारी ग्राम पंचायतें भी उसकी आधारशिला हैं। इसके लिए पंचायतीराज विभाग ने बहुत सारे कार्य पहले ही किए हैं। 73वें संविधान संशोधन के माध्यम से ग्राम पंचायतों को 29 प्रकार के कार्यों करने के लिए डेलीगेट किए गए हैं।

गांव से जुड़ी समस्याओं का समाधान गांवों में ही हो

सीएम ने कहा कि पहले ग्राम पंचायत (Gram Panchayat) के पास अपना भवन नहीं था। ग्राम प्रधान घर से कार्य करता था। इसका परिणाम होता था कि कई बार कार्ययोजना बनती ही नहीं थी तो काम भी नहीं हो पाता था। अंतिम वर्ष में किसी प्रकार कुछ योजना बना ली, यदि वह इंप्लिमेंट हो गई तो ठीक, वरना पैसा लैप्स होता था पर अब ऐसा नहीं होने वाला। अब यूपी के 57 हजार से अधिक ग्राम पंचायतों में ग्राम सचिवालय लगभग बन चुके हैं। इनमें ऑप्टिकल फाइबर (Optical Fibre), इंटरनेट (Internet), वाई-फाई (WiFi) की सुविधा उपलब्ध कराई जा चुकी है। ग्राम पंचायत सहायक के रूप में कंप्यूटर ऑपरेटर नियुक्त किया जा चुका है। गांव से जुड़ी समस्या का समाधान गांव में ही मिले। आय, जाति, निवास प्रमाण पत्र आदि सुविधाएं वहीं ऑनलाइन प्राप्त हों।

प्रधान व अन्य लोगों के साथ बैठकर ग्राम पंचायत की साल भर की कार्ययोजना तैयार की जाए। केवल केंद्रीय व राज्य वित्त की धनराशि से ही विकास कार्यों को बढ़ा सकें, ऐसा न हो। खुद के रिसोर्स और आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हमारे स्तर पर क्या प्रयास हो सकते हैं, यह भी देखना होगा।

गांवों को बनाएं आत्मनिर्भर (Aatmnirbhar) व स्मार्ट (Smart)

सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश में 17 सिटी स्मार्ट बन रहे हैं। क्या ग्राम पंचायतें भी स्मार्ट हो सकती हैं। इसके लिए अनेक कार्य हो सकते हैं। ग्राम पंचायत में जनसहभागिता से साफ-सफाई, कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था हो। पॉवर कॉरपोरेशन से बात करके महत्वपूर्ण स्थानों पर स्ट्रीट लाइट व सीसीटीवी कैमरा लगा सकें। इससे सुरक्षा भी होगी तो रात में लाइट भी जलेगी। सेंसर या ग्राम पंचायत के किसी कर्मचारी की ड्यूटी लगाएं कि समय पर ऑन-ऑफ हो। गांवों में पब्लिक एड्रेस सिस्टम लगा दें। केंद्र सरकार के स्तर पर जब कोई प्रतियोगिता होगी तो यूपी की ग्राम पंचायतें अग्रणी भूमिका के साथ दिखनी चाहिए। इसमें हमारी ग्राम पंचायतों को भी पुरस्कार प्राप्त होना चाहिए।

सीएम की सीख-गरीब की दुआ यशस्वी बनाती है तो बदनामी से जीवन नारकीय हो जाता है

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पहले जितना भी कूड़ा होता था, उसके निस्तारण के लिए ग्राम पंचायत के पास खाद का गड्ढा होता था। इसे फिर से ढूंढने व बनाने की आवश्यकता है। रिजर्व भूमि में खाद गड्ढा, गोचर की भूमि व निरााश्रित गोवंश के पालन के लिए गोआश्रय स्थल तैयार कराएं। जिनके पास शासन की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाया है, उनकी सूची तैयार कर हर विपन्न को लाभ दिलाएं। इससे लोगों का विश्वास आपके और सिस्टम के साथ जुड़ेगा। गरीब की दुआ-आशीर्वाद लगता है तो शोषण करने पर बद्दुआ भी लगती है। जीवन लोगों की दुआ-आशीर्वाद व यशस्वी बनने के लिए है, बदनामी लेने के लिए नहीं है। बदनामी भरा जीवन नारकीय होता है।

About the Author: सतीश झा
सतीश झा की लेखनी में समाज की जमीनी सच्चाई और प्रगतिशील दृष्टिकोण का मेल दिखाई देता है। बीते 20 वर्षों में राजनीति, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय समाचारों के साथ-साथ राज्यों की खबरों पर व्यापक और गहन लेखन किया है। उनकी विशेषता समसामयिक विषयों को सरल भाषा में प्रस्तुत करना और पाठकों तक सटीक जानकारी पहुंचाना है। राजनीति से लेकर अंतरराष्ट्रीय मुद्दों तक, उनकी गहन पकड़ और निष्पक्षता ने उन्हें पत्रकारिता जगत में एक विशिष्ट पहचान दिलाई है
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