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अफगानिस्तान धरती का नरक: व्हाइट हाउस के बाहर गोलियों की गूंज और ट्रंप का बड़ा फैसला, US में अफगानों की एंट्री बैन
Authored By: Nishant Singh
Published On: Thursday, November 27, 2025
Last Updated On: Thursday, November 27, 2025
वॉशिंगटन डीसी में व्हाइट हाउस के पास हुई गोलीबारी ने पूरे अमेरिका को हिला दिया है. दो नेशनल गार्ड घायल और आरोपी एक अफगान नागरिक- यानी सवाल सुरक्षा पर नहीं, बल्कि अमेरिका की नीति पर है. ट्रंप ने इसे आतंकी हमला बताते हुए अफगानों की एंट्री तुरंत रोक दी है. जानिए कैसे इस एक घटना ने शरण नीति, राजनीति और अमेरिकन सुरक्षा सिस्टम में भूचाल ला दिया है.
Authored By: Nishant Singh
Last Updated On: Thursday, November 27, 2025
Afghanistan Hell on Earth: वॉशिंगटन डीसी में बुधवार दोपहर एक ऐसी घटना हुई जिसने अमेरिका की सुरक्षा व्यवस्था और शरणार्थी नीति पर सवाल खड़े कर दिए. व्हाइट हाउस से कुछ ही दूरी पर स्थित फरागट मेट्रो स्टेशन के पास अचानक गोलियों की आवाज गूंजी और देखते ही देखते माहौल अफरा-तफरी में बदल गया. इस हमले में नेशनल गार्ड के दो जवान गंभीर रूप से घायल हो गए. जो शहर दुनिया की सबसे कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के लिए जाना जाता है, वहीं ऐसी घटना ने सभी को चौंका दिया.
हमलावर की पहचान और गिरफ्तारी
पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए हमलावर को मौके पर ही काबू कर लिया. उसकी पहचान 29 वर्षीय अफगान नागरिक रहमानुल्लाह लाकनवाल के रूप में हुई है. वह 2021 में अफगानिस्तान से अमेरिका आया था और उसे ‘ऑपरेशन एलाइज वेलकम’ के तहत शरण दी गई थी. शुरुआती जांच में यह सामने आया है कि हमलावर ने इस हमले की योजना अकेले बनाई थी. पुलिस और जांच एजेंसियां अभी भी उसके उद्देश्य, संपर्कों और संभावित आतंकी नेटवर्क की जांच कर रही हैं.
‘ऑपरेशन एलाइज वेलकम’ पर फिर सवाल
यह वही अभियान था जिसके तहत हजारों अफगान नागरिकों को तालिबान के कब्जे के बाद अमेरिका में प्रवेश दिया गया था. अब इस घटना ने उस फैसले की विश्वसनीयता पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है. सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि लाकनवाल इसी अभियान के तहत अमेरिका पहुंचा और तब उसकी गहन जांच नहीं की गई थी. इस बात ने राजनीतिक बहस को और ज्यादा तीखा बना दिया है.
ट्रंप का गुस्सा और बड़ा आदेश
इस घटना के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बेहद नाराज़ दिखे. उन्होंने इस घटना को “आतंकी हमला” करार देते हुए राजधानी वॉशिंगटन डीसी में 500 अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती का आदेश दिया. अपने बयान में ट्रंप ने कहा कि 2021 में जिन अफगान नागरिकों को अमेरिका में प्रवेश दिया गया था, उनकी दोबारा जांच की जानी आवश्यक है. उन्होंने अफगानिस्तान को “धरती का नरक” कहा और चेतावनी दी कि ऐसे लोगों की मौजूदगी अमेरिका की सुरक्षा के लिए खतरा है.
सोशल मीडिया पर ट्रंप का तीखा संदेश
ट्रंप ने घटना के तुरंत बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Truth Social पर हमलावर को “जानवर” बताते हुए कड़े शब्दों में प्रतिक्रिया दी. उन्होंने वादा किया कि दोषी को उसकी हरकत की भारी कीमत चुकानी पड़ेगी. साथ ही उन्होंने घायल नेशनल गार्ड जवानों की बहादुरी की प्रशंसा की और कहा कि यह हमला सिर्फ दो सैनिकों पर नहीं बल्कि अमेरिका की सुरक्षा पर सीधा प्रहार है.
FBI की जांच और सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता
मेट्रोपॉलिटन पुलिस, सीक्रेट सर्विस, ट्रांजिट पुलिस और नेशनल गार्ड के जवान हमले के समय पहले से ही क्षेत्र में तैनात थे, जिससे हमलावर को तुरंत रोक लिया गया. अब FBI इस मामले को संभावित आतंकी साजिश के रूप में जांच रही है. जांच एजेंसियों का कहना है कि हमला पूरी तरह योजनाबद्ध प्रतीत होता है और इसमें कोई संदेह नहीं कि निशाना सैन्य बल ही था.
अफगानों के लिए बड़ा झटका: वीजा और इमिग्रेशन पर रोक
हमले के बाद सबसे बड़ा कदम U.S. Citizenship and Immigration Services (USCIS) ने उठाया है. इसने घोषणा की है कि अफगान नागरिकों से जुड़े सभी इमिग्रेशन और वीज़ा आवेदन तुरंत प्रभाव से निलंबित किए जा रहे हैं. इसका मतलब है कि अब अफगान नागरिकों का अमेरिका में प्रवेश अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है.
निष्कर्ष: सवाल खड़े और भविष्य अनिश्चित
यह हमला सिर्फ एक गोलीबारी नहीं, बल्कि अमेरिका की नीतियों, सुरक्षा व्यवस्था और अंतरराष्ट्रीय शरणार्थी प्रक्रियाओं पर बड़ा सवाल है. जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, माहौल और राजनीतिक बहस और तेज होती जा रही है. दुनिया अब देख रही है कि इस घटना के बाद अमेरिका की शरण नीति और अफगान नागरिकों के लिए भविष्य किस दिशा में जाता है.
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