Lifestyle News
Measles in Europe: 25 साल में यूरोपीय क्षेत्र में सबसे ज्यादा खसरा के मरीज, क्या भारत भी खतरे में है?
Measles in Europe: 25 साल में यूरोपीय क्षेत्र में सबसे ज्यादा खसरा के मरीज, क्या भारत भी खतरे में है?
Authored By: स्मिता
Published On: Wednesday, June 25, 2025
Last Updated On: Wednesday, June 25, 2025
यूनिसेफ और डब्ल्यूएचओ के आंकड़ों के अनुसार, यूरोपीय क्षेत्र में पिछले 25 वर्षों से अधिक समय में खसरा यानी मीजल्स के सबसे अधिक मामले सामने आए हैं. क्या है भारत में स्थिति?
Authored By: स्मिता
Last Updated On: Wednesday, June 25, 2025
Measles in Europe: डब्ल्यूएचओ और यूनिसेफ के विश्लेषण के अनुसार, 2024 में यूरोपीय क्षेत्र में खसरे के 127,350 मामले सामने आए, जो 2023 में सामने आए मामलों की संख्या से दोगुना और 1997 के बाद से सबसे अधिक मामले हैं. यूरोप और मध्य एशिया के 53 देशों में फैले इस क्षेत्र में सामने आए मामलों में पांच साल से कम उम्र के बच्चों को 40 प्रतिशत से अधिक मामलों में खसरा पाया गया है. रिपोर्ट किए गए मामलों में से आधे से अधिक मामलों में अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत पड़ी. 6 मार्च 2025 तक प्राप्त प्रारंभिक आंकड़ों के आधार पर कुल 38 मौतें दर्ज की जा चुकी हैं.
बहुत अधिक टीकाकरण की जरूरत (Measles Vaccination)
इस क्षेत्र में खसरे के मामले आम तौर पर 1997 से घट रहे हैं, जब लगभग 216,000 मामले रिपोर्ट किए गए थे, जो 2016 में 4,440 मामलों के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गए थे. हालांकि, 2018 और 2019 में क्रमशः 89,000 और 106,000 मामलों की रिपोर्ट के साथ इसकी बढ़ी हुई संख्या देखी गई. COVID-19 महामारी के दौरान टीकाकरण कवरेज में गिरावट के बाद 2023 और 2024 में मामले फिर से काफी बढ़ गए. कई देशों में टीकाकरण की दरें अभी भी महामारी से पहले के स्तर पर नहीं लौटी हैं, जिससे प्रकोप का खतरा बढ़ गया है. “खसरा वापस आ गया है, और यह एक चेतावनी है. उच्च टीकाकरण दरों के बिना कोई स्वास्थ्य सुरक्षा नहीं है.
खसरा वायरस के मामले
WHO के अनुसार, खसरा वायरस कभी शांत नहीं होता. 2024 में वैश्विक स्तर पर खसरे के सभी मामलों में से एक तिहाई यूरोपीय क्षेत्र में हैं. अकेले 2023 में पूरे क्षेत्र में 500,000 बच्चे खसरे के टीके (MCV1) की पहली खुराक लेने से चूक गए, जिसे नियमित टीकाकरण सेवाओं के माध्यम से दिया जाना चाहिए. यूरोप और मध्य एशिया के लिए यूनिसेफ का कहना है कि पिछले दो वर्षों में यूरोप और मध्य एशिया में खसरे के मामले बहुत बढ़ गए हैं. यह टीकाकरण कवरेज में अंतराल की ओर इशारा करते हैं.
कैसे होता है खसरा (Measles Causes)
खसरा लोगों को प्रभावित करने वाले सबसे संक्रामक वायरस में से एक है. निमोनिया, एन्सेफलाइटिस, डायरिया और डीहाइड्रेशन जैसी जटिलताओं के कारण अस्पताल में भर्ती होने और मृत्यु के साथ-साथ, खसरा अंधेपन जैसी दीर्घकालिक, दुर्बल करने वाली स्वास्थ्य जटिलताओं का कारण बन सकता है. इसका संक्रमण प्रतिरक्षा प्रणाली को भी नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे खसरे से बचे लोग अन्य बीमारियों के प्रति संवेदनशील हो जाते हैं.
क्या है बचाव का तरीका (Measles Prevention)
टीकाकरण वायरस के खिलाफ बचाव का सबसे अच्छा तरीका है. बोस्निया और हर्जेगोविना, मोंटेनेग्रो, उत्तरी मैसेडोनिया और रोमानिया में 80 प्रतिशत से कम पात्र बच्चों को 2023 में MCV1 के साथ टीका लगाया गया था. मीजल्स, मम्प्स और रूबेला (एमएमआर) का टीका अत्यधिक प्रभावी है, जिसकी दो खुराकें अधिकांश लोगों को सुरक्षा प्रदान करती हैं.
क्या है भारत में स्थिति (Measles in India)
खसरा भारत में एक महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंता का विषय बना हुआ है. यह टीकाकरण के माध्यम से रोकथाम योग्य होने के बावजूद बचपन में बीमारी और मृत्यु दर का कारण बनता है. भारत ने खसरा नियंत्रण में प्रगति की है और 2026 तक खसरा और रूबेला दोनों को खत्म करने का लक्ष्य रखा है.