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Manage type 2 diabetes: दवा के साथ नियमित योग और मेडिटेशन से कंट्रोल हो सकती है डायबिटीज
Manage type 2 diabetes: दवा के साथ नियमित योग और मेडिटेशन से कंट्रोल हो सकती है डायबिटीज
Authored By: स्मिता
Published On: Tuesday, March 25, 2025
Updated On: Tuesday, March 25, 2025
Manage type 2 diabetes: मेटाबोलिक डिसऑर्डर है डायबिटीज. भारत में इसके मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. एक्सपर्ट बताते हैं कि यदि दवा के साथ नियमित योग और मेडिटेशन किया जाए, तो डायबिटीज पर कंट्रोल रखा जा सकता है.
Authored By: स्मिता
Updated On: Tuesday, March 25, 2025
Manage type 2 diabetes : डायबिटीज एक मेटाबोलिक डिसऑर्डर है. यह तब होता है जब शरीर या तो पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं करता है या जो इंसुलिन वह बनाता है उसका प्रभावी ढंग से उपयोग नहीं कर पाता है. इससे ब्लड शुगर लेवल हाई हो जाता है. आम लक्षणों में बार-बार पेशाब आना, प्यास का बढ़ना, बिना किसी कारण के वजन कम होना और थकान शामिल हैं. एक्सपर्ट बताते हैं कि यदि दवा के साथ नियमित योग और मेडिटेशन किया जाए, तो डायबिटीज पर कंट्रोल (Manage type 2 diabetes) रखा जा सकता है.
क्या है भारत में डायबिटीज का आंकड़ा (Diabetes Data in India)
‘द लैंसेट’ पत्रिका के एक हालिया रिसर्च के अनुसार, भारत की 10 करोड़ आबादी डायबिटीज से ग्रस्त है. लगभग 13.6 करोड़ लोग प्री-डायबिटीक हैं. वहीं, जर्नल ऑफ डायबिटीज में प्रकाशित रिपोर्ट कहती है कि वर्ष 2025 के अंत तक भारत में करीब 6.99 करोड़ लोग डायबिटीज की चपेट में होंगे. सिर्फ दवाओं से बात नहीं बन सकती है, डायबिटीज पर कंट्रोल नहीं रखा जा सकता है. एक्सपर्ट्स के अनुसार, योग एवं अन्य माइंडफुलनेस अभ्यास डायबिटीज को कंट्रोल करने में मदद कर सकते हैं।
साइलेंट किलर है डायबिटीज (Silent Killer Diabetes)
मुंबई के डॉ. एल एच हीरानंदानी हॉस्पिटल में जेनरल मेडिसिन एंड इन्फेक्शियस डिजीज स्पेशलिस्ट डॉ. नीरज तुलारा बताते हैं, ‘हम डायबिटीज को हल्के में नहीं ले सकते हैं. इसे ‘साइलेंट किलर’ कहा जाता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन कहता है कि मधुमेह से आंखों की रोशनी प्रभावित हो सकती है, गुर्दे काम करना बंद कर सकते हैं. दिल के दौरे, स्ट्रोक और निचले अंगों में बीमारी का खतरा बढ़ सकता है’.
क्या होता है टाइप-2 डायबिटीज (type-2 diabetes)
डॉ. नीरज तुलारा बताते हैं, ‘जब शरीर ठीक से इंसुलिन का उपयोग नहीं कर पाता है, तो टाइप-2 डायबिटीज होने की आशंका बढ़ जाती है. दवाओं के अलावा आप अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव लाकर इसको बेहतर तरीके से मैनेज कर सकती हैं.
महिलाओं में डायबिटीज का खतरा अधिक (Woman are more prone to diabetes)
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च एवं नेशनल सेंटर फॉर डिजीज इंफॉर्मेटिक्स एंड रिसर्च के एक सर्वे के निष्कर्ष के अनुसार, पुरुषों के मुकाबले (8.5 फीसदी) देश की महिलाओं (10.2 फीसदी) एवं शहरी व्यस्कों में मधुमेह अधिक पाया गया.
माइंड-बॉडी प्रैक्टिस से कंट्रोल होगा डायबिटीज (diabetes can be controlled through mind-body practice)
रोजमर्रा की जिंदगी के दबाव और तनाव डायबिटीज के प्रमुख कारणों में से एक हैं. माइंडफुलनेस की प्रैक्टिस तनावग्रस्त, चिंतित और उदास होने के इस निरंतर चक्र को तोड़ने में मदद कर सकती है. हार्वर्ड मेडिकल स्कूल की एक स्टडी के अनुसार, योग और अन्य माइंडफुलनेस प्रैक्टिस से कोर्टिसोल हार्मोन का लेवल कम होता है. इससे तन और मन दोनों रिलैक्स रहते हैं, जिसे इंसुलिन प्रतिरोध में सुधार होता है. आपका डायबिटीज कंट्रोल में रहता है. रेगुलर एक्सरसाइज, योग, मेडिटेशन, माइंडफुलनेस की प्रैक्टिस, हेल्दी डाइट और अच्छी नींद स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद है.
कैसे हो सकती है डायबिटीज कंट्रोल
- मेडिटेशन की प्रेक्टिस (meditation): डेली रूटीन में मेडिटेशन को जरूर शामिल करना चाहिए. सुबह या शाम को कम से कम 10 मिनट मेडिटेशन करने से काफी फर्क नजर आने लगता है. किसी एक्सपर्ट या मेडिटेशन एप्स की इसमें मदद ली जा सकती है.
- एक्सरसाइज, योग एवं प्राणायाम (exercise, yoga and pranayam): किसी योग गुरु या एक्सपर्ट की निगरानी में योग का अभ्यास करें. इसके अलावा प्राणायाम भी जरूर करें. डायबिटीज को कंट्रोल करने में स्लो मार्शल आर्ट टेक्निक कीगॉन्ग भी काफी फायदेमंद साबित हुई है. दरअसल, रेगुलर एक्सरसाइज या योग से मसल्स ब्लड शुगर का बेहतर इस्तेमाल करते हैं. शरीर भी इंसुलिन का ठीक से उपयोग कर पाता है.
- दवाओं एवं डाइट के बीच हो संतुलन (medicine and diet): डायबिटीज की दवा के साथ संतुलित डाइट लेना जरूरी है. मधुमेह की दवा के अनुपात में बहुत कम भोजन, विशेष रूप से इंसुलिन, खतरनाक रूप से हाइपोग्लाइसीमिया का कारण बन सकता है. इसमें शुगर का स्तर एकदम से घट जाता है. वहीं बहुत अधिक भोजन करने से भी ब्लड शुगर का स्तर बढ़ सकता है. इसे हाइपरग्लेसेमिया कहते हैं. यानी डायबिटीज के मैनेजमेंट के लिए भोजन और दवा के बीच समन्वय होना जरूरी है.
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