संविधान दिवस 2025: भारत के संविधान से जुड़े सबसे हैरान करने वाले तथ्य

Authored By: Ranjan Gupta

Published On: Wednesday, November 26, 2025

Last Updated On: Wednesday, November 26, 2025

Constitution Day 2025: जानें भारत के संविधान से जुड़े हैरान करने वाले रोचक और महत्वपूर्ण तथ्य.
Constitution Day 2025: जानें भारत के संविधान से जुड़े हैरान करने वाले रोचक और महत्वपूर्ण तथ्य.

भारत का संविधान सिर्फ एक कानूनी दस्तावेज नहीं, बल्कि दुनिया की सबसे अनोखी, कलात्मक और विस्तृत लोकतांत्रिक धरोहर है. 26 नवंबर को मनाए जाने वाले संविधान दिवस पर जानें, क्यों इस तारीख का खास महत्व है, कैसे बनी हाथ से लिखी मूल प्रति, कितने संशोधन हुए और किन महिलाओं ने इसकी रचना में ऐतिहासिक भूमिका निभाई.

Authored By: Ranjan Gupta

Last Updated On: Wednesday, November 26, 2025

Constitution Day 2025: 26 नवंबर भारत के इतिहास में सिर्फ एक दिन नहीं, बल्कि लोकतंत्र की बुनियाद का प्रतीक है. यही वह दिन है जब 1949 में संविधान सभा ने भारत के संविधान को औपचारिक रूप से अपनाया था. जबकि इसे लागू 26 जनवरी 1950 को किया गया, लेकिन इसकी आत्मा 26 नवंबर को ही जन्मी थी. आज इसे संविधान दिवस के रूप में पूरे देश में बड़े गर्व के साथ मनाया जाता है. इस मौके पर लोग अक्सर सोचते हैं आखिर एक ही संविधान के लिए दो अलग-अलग तारीखें क्यों याद रखी जाती हैं? इसका जवाब जितना रोचक है, उतना ही प्रेरणादायक भी. भारतीय संविधान दुनिया का सबसे लंबा और सबसे कलात्मक रूप से तैयार किया गया संविधान है, जिसकी मूल प्रति हाथ से लिखी गई, चित्रों से सजाई गई और जिसे बनाने में लगभग तीन साल लगे. आइए इस संविधान दिवस पर जानें भारत के संविधान से जुड़े वे अनोखे, दुर्लभ और हैरान करने वाले तथ्य, जो इसे दुनिया में सबसे खास बनाते हैं.

दुनिया का सबसे लंबा लिखित संविधान

भारत का संविधान दुनिया का सबसे लंबा लिखित संविधान माना जाता है. जब इसे पहली बार अपनाया गया था, तब इसमें 395 अनुच्छेद, 8 अनुसूचियां और 22 भाग थे. समय के साथ कई संशोधन हुए. आज यह 448 अनुच्छेद, 12 अनुसूचियां और 25 भागों का एक मजबूत और विस्तृत दस्तावेज़ बन चुका है. संविधान निर्माताओं ने देश की विविधता और जटिलताओं को समझकर इसका ढांचा तैयार किया था. यही वजह है कि यह दुनिया भर में एक अनोखा उदाहरण माना जाता है.

हाथ से लिखी गई मूल प्रति

भारत के संविधान की मूल प्रति बेहद खूबसूरत है. इसे हाथ से लिखा गया था, जो बहुत कम देशों में देखने को मिलता है. इसे प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने इटैलिक स्टाइल में तैयार किया था. इसे लिखने में करीब छह महीने का समय लगा. शांतिनिकेतन के प्रसिद्ध कलाकार नंदलाल बोस और उनकी टीम ने हर पन्ने को खास डिज़ाइनों और चित्रों से सजाया. यही कारण है कि पूरा संविधान एक कलाकृति जैसा लगता है. यह मूल प्रति आज भी संसद भवन की लाइब्रेरी में हीलियम गैस वाले खास शीशे के बॉक्स में सुरक्षित रखी हुई है.

2 साल, 11 महीने और 18 दिनों की मेहनत

भारत का संविधान तैयार करने में काफी समय और मेहनत लगी. संविधान सभा ने इसे पूरा करने में 2 साल, 11 महीने और 18 दिन का लंबा समय लिया. इस दौरान 114 दिनों तक बैठकों का दौर चला. ड्राफ्टिंग कमेटी के प्रमुख डॉ. भीमराव अंबेडकर ने हर शब्द पर गहराई से चर्चा करवाई. मसौदा तैयार करते समय करीब 2000 से ज्यादा संशोधन किए गए. यह दिखाता है कि संविधान का हर हिस्सा सोच-समझकर लिखा गया था.

महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका

संविधान सभा में विविधता और प्रतिनिधित्व दोनों दिखते थे. इसके 379 सदस्यों में 15 महिलाएं भी शामिल थीं. सरोजिनी नायडू, विजयलक्ष्मी पंडित, दुर्गाबाई देशमुख और हंसा मेहता जैसी महिला सदस्यों ने न सिर्फ बहसों में अहम भूमिका निभाई, बल्कि संविधान पर अपने हस्ताक्षर भी किए. यह उस दौर में एक बड़ा सामाजिक कदम था, क्योंकि देश अभी-अभी आज़ाद हुआ था और ऐसी भागीदारी बेहद प्रेरणादायक मानी गई.

यह भी पढ़ें :- पीएम मोदी की देश के नाम चिट्ठी, जानें अपने पत्र में क्या-क्या लिखा

About the Author: Ranjan Gupta
रंजन कुमार गुप्ता डिजिटल कंटेंट राइटर हैं, जिन्हें डिजिटल न्यूज चैनल में तीन वर्ष से अधिक का अनुभव प्राप्त है. वे कंटेंट राइटिंग, गहन रिसर्च और SEO ऑप्टिमाइजेशन में माहिर हैं. शब्दों से असर डालना उनकी कला है और कंटेंट को गूगल पर रैंक कराना उनका जुनून! वो न केवल पाठकों के लिए उपयोगी और रोचक लेख तैयार करते हैं, बल्कि गूगल के एल्गोरिदम को भी ध्यान में रखते हुए SEO-बेस्ड कंटेंट तैयार करते हैं. रंजन का मानना है कि "हर जानकारी अगर सही रूप में दी जाए, तो वह लोगों की जिंदगी को प्रभावित कर सकती है." यही सोच उन्हें हर लेख में निखरने का अवसर देती है.
Leave A Comment

अन्य खबरें

अन्य खबरें