कहीं चुनावी चाशनी में तो नहीं है बिहार विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त (संशोधन) नियमावली 2025

कहीं चुनावी चाशनी में तो नहीं है बिहार विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त (संशोधन) नियमावली 2025

Authored By: सतीश झा

Published On: Friday, April 25, 2025

Updated On: Friday, April 25, 2025

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में Bihar Land Reforms 2025 पर मंत्रिमंडल बैठक
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में Bihar Land Reforms 2025 पर मंत्रिमंडल बैठक

बिहार सरकार द्वारा 25 अप्रैल को बिहार विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त (संशोधन) नियमावली 2025 (Bihar Special Survey and Settlement (Amendment) Rules 2025) को मंजूरी दी गई है, जिसे राजस्व और भूमि सुधार विभाग ने बड़े बदलावों के साथ पेश किया है. लेकिन इस फैसले के पीछे क्या सिर्फ प्रशासनिक सुधार की सोच है या फिर आगामी चुनावों (Bihar Assembly Election 2025) में राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश? यह सवाल अब प्रदेश की राजनीति में गर्माता जा रहा है.

Authored By: सतीश झा

Updated On: Friday, April 25, 2025

Bihar Land Reforms : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) की अध्यक्षता में शुक्रवार को आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया. इस निर्णय के तहत, मौखिक सहमति के आधार पर पूर्व में किए गए बदलावों को अब कानूनी रूप से मान्यता दी जाएगी. इसके लिए बिहार विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त (संशोधन) नियमावली 2025 (Bihar Special Survey and Settlement (Amendment) Rules 2025) को मंजूरी दी गई है. इस बैठक में कुल 34 एजेंडों पर भी मुहर लगाई गई है.

पूर्व में किए गए बदलावों को आधार मानने का प्रावधान

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अनुसार, बिहार में रैयती और अन्य प्रकार की भूमि के लिए नया अधिकार अभिलेख (खतियान) और भू मानचित्र (नक्शा) तैयार किया जा रहा है. इस सर्वेक्षण और बंदोबस्ती के दौरान यह महसूस किया गया कि 100 प्रतिशत शुद्धता, पारदर्शिता और गतिशीलता सुनिश्चित करना आवश्यक है. इसके लिए बिहार विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त संशोधन नियमावली 2012 Bihar Special Survey and Settlement Amendment Rules 2012 के तहत मौखिक सहमति के आधार पर पूर्व में किए गए बदलावों को आधार मानने का प्रावधान किया गया है.

इस नए नियम के तहत, मौखिक सहमति के आधार पर किए गए बदलावों को कानूनी रूप से मान्यता दी जाएगी. इसका मतलब है कि जो बदलाव पहले मौखिक रूप से किए गए थे, उन्हें अब आधिकारिक दस्तावेजों में दर्ज किया जाएगा. राजस्व और भूमि सुधार विभाग का कहना है कि इससे सर्वेक्षण में पारदर्शिता और शुद्धता बढ़ेगी, और भूमि विवादों को सुलझाने में मदद मिलेगी. लेकिन विपक्ष का आरोप है कि यह निर्णय चुनावी फायदों के लिए लिया जा सकता है, ताकि सरकार अपने पक्ष में भूमि का बंटवारा कर सके.

भूमि सर्वेक्षण में आ रही दिक्कतों पर सरकार का बड़ा कदम, कानून में किया गया संशोधन

बिहार में चल रहे विशेष भूमि सर्वेक्षण अभियान के दौरान राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग को कई तरह की तकनीकी व प्रशासनिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था. इन समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार ने आज बड़ा फैसला लिया है और इससे जुड़े कानून में संशोधन को मंजूरी दे दी है. सरकार का कहना है कि भूमि सुधार और सर्वेक्षण की प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल और पारदर्शी बनाने के लिए यह संशोधन आवश्यक था. इससे न सिर्फ सर्वेक्षण प्रक्रिया में तेजी आएगी, बल्कि आम नागरिकों को भी समय पर उनके अधिकार संबंधी दस्तावेज प्राप्त होंगे.

गौरतलब है कि बिहार में भूमि सर्वेक्षण का कार्य पिछले कुछ वर्षों से युद्धस्तर पर चल रहा है. यह प्रक्रिया राज्य के विकास और राजस्व व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए बेहद अहम मानी जा रही है. अब देखना यह होगा कि यह संशोधित नियमावली जमीनी स्तर पर क्या असर दिखाती है और इससे लोगों को कितनी राहत मिलती है.

पर्यटन विभाग से संबंधित एक महत्वपूर्ण निर्णय

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक में पर्यटन विभाग से संबंधित एक महत्वपूर्ण निर्णय भी लिया गया. सीतामढ़ी जिले स्थित मां सीता की जन्मस्थली पुनौराधाम के विकास के लिए अयोध्या के श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के समान डिजाईन कन्सलटेंट के रूप में मेसर्स डिजाईन एसोसिएट्स इन्कॉरपोरेटेड, नोएडा को चयनित किया गया है.

कई विभागों में नए पद सृजन की भी स्वीकृति

बैठक में कई विभागों में नए पद सृजन की भी स्वीकृति दी गई. नगर विकास विभाग में एकीकृत शहरी अभियंत्रण संगठन के 71 कार्यालयों के संचालन के लिए 663 विभिन्न कोटि के गैर-तकनीकी पद सृजित किए गए हैं, जिन पर प्रतिवर्ष 35 करोड़ 27 लाख 48 344 रुपये खर्च होंगे. इसके अलावा, राज्य के उपभोक्ताओं को बिजली बिल पर सब्सिडी देने के लिए 15,995 करोड़ रुपये के अनुदान पर भी मंजूरी दी गई.

महाधिवक्ता कार्यालय में 34 स्थायी पद और संविदा आधारित 6 पद, कुल 40 पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई है. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में अपर जिला भू अर्जन पदाधिकारी के 104 पद और राजस्व अधिकारी सह कानूनगो (भू अर्जन) के 81 पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई है.

बिहार खेल विश्वविद्यालय राजगीर में विभिन्न कोटि के 244 नए पद सृजित किए गए हैं. इसके साथ ही मुख्यमंत्री द्वारा की गई वादों के अनुसार बिहार के 8 स्थानों (मधुबनी, गोरौल, शाम्हों, इमामगंज, अधौरा, कटोरिया, असरगंज और चकाई) में नए डिग्री कॉलेज खोले जाएंगे. इन कॉलेजों के लिए कुल 526 पदों को मंजूरी दी गई है, जिनमें 422 शिक्षक पद और 104 गैर-शिक्षक पद शामिल हैं.

(हिन्दुस्थान समाचार एजेंसी के इनपुट के साथ)

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About the Author: सतीश झा
सतीश झा की लेखनी में समाज की जमीनी सच्चाई और प्रगतिशील दृष्टिकोण का मेल दिखाई देता है। बीते 20 वर्षों में राजनीति, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय समाचारों के साथ-साथ राज्यों की खबरों पर व्यापक और गहन लेखन किया है। उनकी विशेषता समसामयिक विषयों को सरल भाषा में प्रस्तुत करना और पाठकों तक सटीक जानकारी पहुंचाना है। राजनीति से लेकर अंतरराष्ट्रीय मुद्दों तक, उनकी गहन पकड़ और निष्पक्षता ने उन्हें पत्रकारिता जगत में एक विशिष्ट पहचान दिलाई है
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