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इसे क्या कहेंगे ? संविधान का मजाक या नैतिकता का ढोंग
इसे क्या कहेंगे ? संविधान का मजाक या नैतिकता का ढोंग
Authored By: सतीश झा
Published On: Monday, September 23, 2024
Last Updated On: Thursday, May 1, 2025
आम आदमी पार्टी की नेता और पूर्व मंत्री रही आतिशी ने सोमवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री पद का पदभार संभाला। इस दौरान उनके बगल में रखी गई एक खाली कुर्सी ने सबका ध्यान खींचा है। आम आदमी से लेकर राजनेताओं के बीच इसको लेकर बहस-मुहाबिसों का दौर शुरू हो चुका है।
Authored By: सतीश झा
Last Updated On: Thursday, May 1, 2025
आतिशी(Atishi) के इस कदम से भाजपा पर उनपर निशाना साधने का बड़ा मौका मिल गया है। भाजपा दिल्ली अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा (BJP Delhi President Virendra Sachdeva) ने कहा कि संविधान – नियम एवं मुख्यमंत्री पद का अपमान है इस तरह मुख्यमंत्री की मेज़ पर दो कुर्सी रखना। उन्होंने कहा कि आतिशी यह कोई आदर्श पालन नहीं है, सीधी स्पष्ट भाषा में चमचागिरी है। अपनी इस हरकत से आतिशी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की गरिमा के साथ ही दिल्ली की जनता की भावनाओं को भी ठेस पहुंचाई है। अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) जवाब दें-क्या इस तरह के रिमोट कंट्रोल से दिल्ली सरकार चलायेंगे आप ?
खुद आतिशी ने कही है ये बात
अपने सोशल मीडिया पर इस तस्वीर को पोस्ट करते हुए मुख्यमंत्री आतिशी ने लिखा है कि आज मैंने दिल्ली के मुख्यमंत्री की ज़िम्मेदारी सँभाली है। आज मेरे मन में वो ही व्यथा है जो भरत के मन में थी जब उनके बड़े भाई भगवान श्री राम 14 साल के वनवास पर गए थे, और भरत जी को अयोध्या का शासन सँभालना पड़ा था। जैसे भरत ने 14 साल भगवान श्री राम की खड़ाऊँ रख कर अयोध्या का शासन सम्भाला, वैसे ही मैं 4 महीने दिल्ली की सरकार चलाऊँगी…
#दिल्ली– मुख्यमंत्री @AtishiAAP ने आज अपना पदभार ग्रहण कर लिया है। लेकिन उन्होंने अपनी कुर्सी के बगल में एक खाली कुर्सी रखा है। पूर्व मुख्यमंत्री #अरविंद_केजरीवाल के नाम पर।
भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ।#बिहार, #झारखंड और #तमिलनाडु में इस तरह मुख्यमंत्री… pic.twitter.com/uVYhrCeJII— Galgotias Times (@galgotiastimes) September 23, 2024
सांसद मनोज तिवारी ने उठाए कई सवाल
भाजपा सांसद मनोज तिवारी (BJP MP Manoj Tiwari) ने कहा, “…आतिशी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है और अगर वो खाली कुर्सी दिखाती हैं तो इससे कई सवाल उठते हैं। इसका मतलब है कि वो खुद को मुख्यमंत्री नहीं मानती हैं। अगर वो खुद मुख्यमंत्री होते हुए किसी और को मुख्यमंत्री मानती हैं तो ये सीएम के पद और संविधान का अनादर है…मैंने दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी को पत्र लिखा है। मेरा पत्र कौन पढ़ेगा?
ये है दिल्ली सरकार का इस बार का हाल
आतिशी मुख्यमंत्री कार्यालय में एक अलग कुर्सी पर बैठीं। नए मंत्रिमंडल में आतिशी के बाद सबसे अधिक आठ विभाग सौरभ भारद्वाज के पास हैं जिनमें स्वास्थ्य, पर्यटन, कला और संस्कृति शामिल हैं। मंत्रिमंडल में पहली बार शामिल हुए मुकेश अहलावत के पास श्रम, अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति, रोजगार और भूमि व भवन विभाग हैं। गोपाल राय को विकास, सामान्य प्रशासन, पर्यावरण और वन विभाग दिया गया है जो उनके पास केजरीवाल सरकार में पहले भी थे। परिवहन, गृह, प्रशासनिक सुधार, महिला एवं बाल विकास विभाग कैलाश गहलोत के पास बरकरार हैं। आतिशी की अगुवाई वाले नए मंत्रिमंडल के सामने फरवरी में दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले अगले कुछ महीनों में शुरू की जाने वाली कई परियोजनाएं, योजनाएं तथा नयी पहलों की लंबी सूची है।